Jaipur: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को बुधवार शाम एक अज्ञात व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी दी. यह धमकी जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में आए फोन कॉल के जरिए दी गई. कॉल की सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी.
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पुलिस ने ट्रेस की कॉल की लोकेशन
जानकारी के अनुसार, धमकी भरे फोन कॉल की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम के ड्यूटी ऑफिसर ने वरिष्ठ अधिकारियों को दी. इसके बाद पुलिस ने कॉल करने वाले नंबर की लोकेशन ट्रेस की. जांच में पता चला कि यह कॉल जयपुर सेंट्रल जेल से किया गया था. लोकेशन मिलते ही ईस्ट जिला पुलिस और अन्य टीमें तुरंत जेल पहुंचीं.
जेल में शुरू हुई तलाशी
पुलिस ने जेल प्रशासन को सूचित कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि धमकी देने वाला कौन था और उसने जेल के अंदर से फोन कैसे हासिल किया. पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि आरोपी तक पहुंचा जा सके.
पहले भी मिल चुकी हैं ऐसी धमकियां
यह पहला मौका नहीं है जब किसी बड़े नेता को जेल से धमकी दी गई हो. इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी दो बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है. 21 फरवरी को दौसा जेल से और 27 जुलाई 2024 को श्यालावास जेल से मुख्यमंत्री को धमकी भरे कॉल आए थे. दोनों ही मामलों में पुलिस ने सख्त कार्रवाई की थी और आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
सवालों में जेल की सुरक्षा
जयपुर सेंट्रल जेल से डिप्टी सीएम को धमकी मिलने के बाद जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. आखिर जेल के अंदर कैदी मोबाइल और सिम कैसे हासिल कर रहे हैं? पुलिस इस मामले में जेल प्रशासन के साथ मिलकर जांच कर रही है ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
आगे की कार्रवाई जारी
पुलिस ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और मामले की तह तक जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. जयपुर पुलिस का कहना है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा और इस धमकी के पीछे की वजह का पता लगाया जाएगा.
नेता प्रतिपक्ष ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए 'X' पर लिखा, "जयपुर सेंट्रल जेल से प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री प्रेमचंद बैरवा जी को जान से मारने की धमकी मिलना बेहद चिंताजनक है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल जी के बाद आज उपमुख्यमंत्री जी को जयपुर की सेंट्रल जेल से धमकी मिलना प्रदेश की वास्तविक कानून व्यवस्था का एक आईना है. प्रदेश में वरिष्ठ जनप्रतिनिधि को ही जेल से धमकियां मिल रही है वो ही सुरक्षित नहीं तो आम जनता का क्या हाल होगा ? मुख्यमंत्री जी मामला बहुत ही गंभीर और चिंताजनक है, प्रदेश में अपराधी बेख़ौफ़ हो चुके हैं मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता में लेकर प्रकरण की गहराई से जांच की जाए आखिर अपराधियों के पास जेलों में मोबाइल कैसे पहुंच रहे है?"
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