वृद्ध महिला को वाट्सएप वीडियो कॉल कर किया डिजिटल अरेस्ट, 1 सप्ताह में ठगे ₹80 लाख, 15 गिरफ्तार 

शरत कुमार

• 11:32 AM • 15 Dec 2024

राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने डिजिटल अरेस्ट के मामले को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी की है. इसको लेकर एसओजी ने गिरोह के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही उनके कब्जे से 13 लाख रुपए से ज्यादा कैश सहित डेबिट कार्ड, पासबुक, बैंक खाते सहित अन्य सामग्री बरामद की है.

Rajasthan digital arrest case

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राजस्थान स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने डिजिटल अरेस्ट के मामले को लेकर ताबड़तोड़ छापेमारी की है. इसको लेकर एसओजी ने गिरोह के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. साथ ही उनके कब्जे से 13 लाख रुपए से ज्यादा कैश सहित डेबिट कार्ड, पासबुक, बैंक खाते सहित अन्य सामग्री बरामद की है. गिरफ्तार गैंग के शातिरों ने खुद को मुम्बई साइबर क्राइम का अधिकारी बताकर एक महिला को वाट्सएप पर डिजिटल अरेस्ट कर उसको झांसा देकर मोटी रकम वसूली थी. 

एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक वी.के. सिंह ने बताया कि अजमेर में एक वृद्ध महिला से वाट्सएप वीडियो कॉल कर महिला को डिजिटल अरेस्ट होना बताकर 80 लाख रुपए की 23 नवम्बर 2024 से 30 नवम्बर 2024 तक साइबर ठगी की गई. प्रकरण अजमेर में दर्ज होने के पश्चात साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, एसओजी, जयपुर में ट्रान्सफर किया गया. इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मोहेश चौधरी के नेतृत्व में टीम गठित कर गहन पड़ताल की. इसको लेकर सबसे पहले परिवादिया से ठगी गई राशि का मनी ट्रेल का विश्लेषण करने पर पाया की यह राशि 150 खातों में ट्रान्सफर की गई है. इसके बाद एसओजी अधिकारियों ने सभी खातों का समग्र विश्लेषण करने पर संदिग्ध खाता धारकों को चिन्हित किया. विश्लेषण और अनुसंधान से यह भी पाया गया की ठगी की राशि विभिन्न खातों से होती हुई नगद निकासी के द्वारा साइबर ठगों के मार्फत यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तन किया जा रहा था.

बैंक खाते उपलब्ध करवाने वाले आरोपी गिरफ्तार

इस पूरे प्रकरण में एसओजी ने बैंक खाते उपलब्ध करवाने वाले आरोपी राकेश, दिलीप, सुमर्थ, रजनेश, अंकित, राहुल, मनराज को गिरफ्तार किया. इसके बाद आरोपी दिलखुश इन खाता धारकों से खातें के किट इकट्टा कर आरोपी संजीत, चैनसिंह, संदीप इन लोगों को उपलब्ध कराते थे. वही आरोपी संजीत और चैनसिंह ठगी की राशी को नगद रुप में प्राप्त कर उसे आरोपी तरुण, देवेन्द्र सिंह, विनेश कुमार और बृज किशोर को देकर यूएसडीटी में रुपान्तरित करवाते थे. साइबर ठगों द्वारा ठगी की राशि के कमीशन को अपने मंहगे शौक पूरा करने के काम में लिया जाता था. 

13 लाख रुपए नगदी पकड़ी

गिरफ्तार आरोपियों से 13 लाख रुपए, 27 मोबाइल फोन, 43 डेबिट कार्ड, 19 पासबुक और 15 चैक बुक विभिन्न बैंकों के, 16 सिम कार्ड, 13 पेन कार्ड/आधार कार्ड, 1 लेपटॉप, 1 गाड़ी स्विप्ट विडिआई बरामद किये गये. गिरफ्तार साइबर ठगों द्वारा देश भर में कई साइबर ठगी के प्रकरणों में संलिप्तता होने की संभावना है, इसको लेकर एसओजी अनुसंधान में जुटी है.

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