राजस्थान में एक ओर तो भजनलाल सरकार अपने एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, तो वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टी कांग्रेस भजनलाल सरकार पर खुलकर हमलावर है. इन तमाम सियासी उठापटक के बीच खबर है कि राजस्थान की सरकार जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रही है.
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भजनलाल सरकार के एक साल पूरे होने के बाद अब मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चा तेज हो गई है. जहां एक ओर नए विधायक इस उम्मीद में खुश हैं कि मंत्री पद के लिए उनका भी नंबर लग सकता है, तो कई पुराने मंत्री ऐसे भी हैं, जो कि अपनी कुर्सी बचाने की जुगत में जुट गए हैं.
गुरुवार को ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ और वरिष्ठ मंत्री जोगाराम पटेल एक साथ दिल्ली गए. वहां अमित शाह से मुलाकात भी हो गई, ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भजनलाल ने अमित शाह से चर्चा कर ली है और लिस्ट भी वहीं से फाइनल हो चुकी है. बस अब नए मंत्रियों के नाम का ऐलान और पुराने कुछ नामों की छुट्टी करने की घोषणा ही बाकी है.
कैबिनेट के लिए बनाया गया ये मापदंड
बीजेपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो परफॉर्मेंस, जातीय आधार और क्षेत्र के आधार पर पार्टी कई नए विधायकों को मंत्री बना सकती है. वैसे जानकारों का मानना है कि भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार मंत्रियों और विधायकों के परफॉर्मेंस के आधार पर हो सकता है. ऐसे में अच्छा कार्य करने वाले मंत्रियों को प्रमोशन मिल सकता है. जबकि संतोषजनक कार्य नहीं करने वाले मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर रास्ता भी दिखाया जा सकता है. इसके अलावा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले नए विधायक का भी नंबर लग सकता है.
उपचुनाव जीतने वालों का लग सकता है नंबर
अब कैबिनेट विस्तार होगा तो किसकी किस्मत चमकेगी. लिस्ट में कई नाम हैं, जो कि इस उम्मीद में हैं कि उनका भी नंबर आएगा. विधानसभा के उपचुनाव में 7 विधानसभा सीटों में 5 सीटों पर जीतने पर वाले विधायकों को बड़ा तोहफा मिल सकता है. बीजेपी के कई उम्मीदवारों ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा परफॉर्मेंस दिया है. ऐसे में उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है.
खींवसर सीट को मिल सकता है तोहफा
खींवसर सीट पर बीजेपी को 16 साल बाद जीत दिलाने वाले रेवंतराम डागा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. उधर, झुंझुनूं से बीजेपी के विधायक राजेंद्र भांबू ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है. ऐसे में राजेंद्र भांबू के मंत्रिमंडल में शामिल होने की प्रबल संभावना है. फिलहाल दिल्ली से लिस्ट आने वाली है, इंतजार में विधायकों और मंत्रियों के दिलों की धड़कनें तेज हैं. सबसे ज्यादा इंतजार लोगों को इस बात का है कि दौसा सीट से अपने भाई को चुनाव नहीं जिता पाने वाले मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की कुर्सी बचेगी या फिर जाएगी.
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