घर में दिवाली की तैयारियां चल रही थी, फिर इस बुरी खबर ने परिवार में मचा दिया कोहराम

ललित यादव

02 Nov 2024 (अपडेटेड: Nov 2 2024 2:56 PM)

Bhilwara: राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के आसींद थाना क्षेत्र एक मावा फैक्ट्री में मावा बनाते समय बॉयलर फटने के हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई और धमाके से फैक्ट्री की छत भी टूट गई.

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Bhilwara: राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के आसींद थाना क्षेत्र एक मावा फैक्ट्री में मावा बनाते समय बॉयलर फटने के हादसे में दो मजदूरों की मौत हो गई और धमाके से फैक्ट्री की छत भी टूट गई. ब्लास्ट की आवाज सुनकर आस पड़ोस में मौजूद लोगों ने आसींद पुलिस को सूचना दी.

आसींद थाना प्रभारी हंसपाल सिंह सहित पुलिस जाप्ता मौके पर पहुंचे और दोनों शवों को आसींद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाए. यह दुर्घटना शुक्रवार देर रात करजालिया ग्राम पंचायत के नारायणपुरा गांव में घटित हुई है. हादसे में महादेव गुर्जर और राधेश्याम गुर्जर की मौत हो गई. 

हादसे की वजह नहीं आई सामने

थाना प्रभारी हंसपाल सिंह ने बताया कि हादसा इतना भीषण था कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई. मृतक की पहचान नारायणपुरा निवासी महादेव गुर्जर उम्र 35 वर्ष पिता हुंकार गुर्जर और राधेश्याम गुर्जर उम्र 25 वर्ष पिता सुखदेव गुर्जर के रूप में हुई है. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया की यह मावा फैक्ट्री गांव के ही धनराज कुमावत की है. हालांकि ये हादसा किस वजह से हुआ है, इसका कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया हैं और पुलिस जांच के बाद ही इसकी जानकारी सामने आएगी. गनीमत तो यह रही कि दीपावली के चलते मजदूर छुट्टी पर थे वरना ओर भी बड़ा हादसा हो सकता था.

अन्य मजदूर थे छुट्टी पर

ग्रामीण महावीर कुमावत ने बताया कि दीपावली की वजह से फैक्ट्री में अन्य मजदूरों की छुट्टी थी,लेकिन ये दो लोग काम कर रहे थे. इसी दौरान मावे की बॉयलर भट्टी अधिक गर्म होकर फट गई, जिससे मौके पर ही दोनों युवकों की मौत हो गई. फैक्ट्री में कुल 4 से 5 कढ़ाही लगी हुई थी, जिनमें मावा बनाया जा रहा था. जैसे ही बॉयलर फटा धमाका इतना तेज हुआ कि फैक्ट्री की छट टूट गई. 

युवक की 6 महीने पहले हुई थी शादी

राधेश्याम गुर्जर जो इस हादसे का शिकार हुआ उसकी 6 महीने पहले ही शादी हुई थी. राधेश्याम परिवार में सबसे छोटा था. वहीं महादेव गुर्जर तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था उसके दो बेटे और एक बेटी हैं. दोनों युवक मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे. दीपावली के दिन जब परिवार दीपावली की खुशियां मना रहा था ओर हादसे की जानकारी लगी तो दीपावली की खुशियां मातम में बदल गई.

रिपोर्ट: प्रमोद तिवारी

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