राजस्थान में पेपर लीक (paper leak in rajasthan) और परीक्षाओं में धांधली के बाद अब फर्जी डिग्रियों (fake degrees in OPJS university) का मामला भी सामने आया है जिससे हजारों युवाओं का भविष्य अधर में है. दरअसल पीटीआई भर्ती परीक्षा (PTI Recruitment Exam rajasthan ) के दौरान राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (Rajasthan Staff Selection Board) ने सफल उम्मीदवारों के दस्तावेजों की जांच की तो 80 से ज्यादा चयनित उम्मीदवारों की डिग्रियां फर्जी निकलीं. इसमें से भी 80 अभ्यर्थी चूरू के ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के हैं. मामले में एसओजी ने OPJS यूनिवर्सिटी के संचालक और संस्थापक को गिरफ्तार कर लिया है.
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गौरतलब है कि SOG ने फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उनके पास से बड़ा जखीरा बरामद किया था. तलाशी में OPJS यूनिवर्सिटी की 20 मार्कशीट, माइग्रेशन सर्टिफिकेट, 20 खाली और 32 भरे हुए मिले हैं. प्रोविजनल सर्टिफिकेट 66 खाली ओर 8 भरे मिले थे. इसके अलावा चरित्र प्रमाण पत्र, OPJS यूनिवर्सिटी का चरित्र प्रमाणपत्र, 7 जाली मुहर, 44 उतर पुस्तिका जिनमें 3 खाली मिले थे.
7 स्टाफ वाली यूनवर्सिटी में चल रहा फेक डिग्रियों का खेल
राजस्थान एसओजी ने जब चूरू स्थित ओम प्रकाश जोगेंद्र सिंह (ओपीजेएस) विश्वविद्यालय में छापा मारा तो पता चला कि महज 7 स्टाफ वाली इस यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियों का खेल चल रहा है. ध्यान देने वाली बात है कि इस यूनिवर्सिटी ने 2013 में स्थापना के बाद से 43,409 डिग्रियां जारी की हैं. एसओजी इन सभी डिग्रियों की जांच कर रहा है. जिस तरह से फर्जी डिग्रियों का ये बड़ा खेल सामने आया है उसे देखकर तो लगता है कि यह मामला SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक की तरह ही बड़ा हो सकता है.
फर्जी डिग्री बनवाकर नौकरी पाने पालों पर भी कसेगा शिकंजा
इस सब के बीच एक टीम बांसवाड़ा भी पहुंची है. कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने फर्जी डिग्री बनवाकर सरकारी नौकरी हासिल की है उन लोगों पर SOG अपना शिकंजा कस सकती है. फिलहाल एसओजी ने चूरू की OPJS यूनिवर्सिटी समेत दो विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई की है. ध्यान देने वाली बात है कि OPJS यूनिवर्सिटी में जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण के राज्य के कई छात्रों के नाम पर डिग्री जारी की गई है.
बैक डेट में भी जारी की डिग्रियां
राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने 5 जुलाई को फर्जी डिग्री और खेल प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में दो यूनिवर्सिटी मालिकों और एक महिला को गिरफ्तार किया था. एसओजी ने विश्वविद्यालय के संस्थापक-मालिक जोगिंदर सिंह दलाल, पूर्व अध्यक्ष सरिता कड़वासरा और पूर्व रजिस्ट्रार जितेंद्र यादव को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. जितेन्द्र यादव ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में वर्ष 2015 से 2020 तक रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत रहा है. इसके साथ ही वह चूरू के रतनगढ़ में जीत रिसोर्ट भी चलाता है.
आरोपियों ने बैक डेट में डिग्रियां जारी की थीं. इसके अलावा मान्यता से पहले ही बीएड और बीपीएड की डिग्रियां भी जारी की दीं. बिना मान्यता के कोर्स संचालित किए और कृषि की डिग्रियां भी जारी की. ध्यान देने वाली बात है कि 24 जून को राजस्थान उच्च शिक्षा विभाग ने जारी की गई डिग्री में अनियमितता पाए जाने के बाद ओपीजेएस में सभी पाठ्यक्रमों में नए प्रवेश को रोकने का आदेश दिया था.
पीटीआई पारीक्षा पास करने वालों में कितने OPJS से?
अब सवाल ये है कि पीटीआई परीक्षा पास करने वाले कितनों ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी से डिग्री ली है. ये सब जांच के दायरे में है. इन छात्रों के डिग्रियों की जांच के बाद ही पता चलेगा कि कितनी डिग्रियां बैक डेट में जारी की गई हैं और कितनी सही व कितनी फर्जी हैं?
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