Khatu Shyam Ji Birthday: आज प्रदेश में बाबा श्याम का जन्मदिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है. बाबा का जन्मदिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी मनाया जाता है. आज बाबा के दरबार को विशेष फूलों से सजाया गया है. बाबा के जन्मदिवस पर भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की ओर से विशेष सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं. वहीं 13 नवंबर तक श्याम कुंड को बंद रखा गया है.
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खाटू श्याम, जिन्हें "श्याम बाबा" के नाम से भी जाना जाता है, इनकी महिमा इतनी अद्वितीय और व्यापक है कि हर साल लाखों श्रद्धालु उनकी पूजा के लिए इस मंदिर में आते हैं. इस देवता को भगवान श्रीकृष्ण का अवतार माना जाता है और उनके प्रति भक्तों की आस्था इतनी गहरी है कि उनकी एक झलक पाने के लिए लोग सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं. खाटू श्याम को विशेष रूप से उन लोगों का सहारा माना जाता है जो अपने जीवन में संकट या कठिनाइयों का सामना कर रहे होते हैं.
खाटू श्याम का पौराणिक महत्व
खाटू श्याम की कहानी महाभारत के योद्धा "बरबरीक" से जुड़ी है. बरबरीक को भगवान श्रीकृष्ण ने "श्याम" नाम दिया और आशीर्वाद दिया कि कलियुग में उनकी पूजा श्याम के रूप में की जाएगी. माना जाता है कि बरबरीक ने महाभारत युद्ध में अपने निःस्वार्थ भाव के कारण अपने सिर का दान भगवान श्रीकृष्ण को किया था. उनके बलिदान की इस घटना के कारण उन्हें अमरत्व प्राप्त हुआ, और श्रीकृष्ण ने भविष्यवाणी की कि उनके सिर की पूजा कलियुग में श्याम के नाम से होगी. इस कहानी के आधार पर खाटू श्याम को शक्ति, वीरता और बलिदान का प्रतीक माना जाता है.
खाटू श्याम का धार्मिक महत्व
खाटू श्याम का धार्मिक महत्व मुख्यतः उनके भक्तों में विश्वास और भक्ति की भावना को प्रोत्साहित करने में है. ऐसा कहा जाता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से श्याम बाबा का स्मरण करता है, उसकी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं. चाहे आर्थिक समस्या हो, मानसिक तनाव हो, या फिर किसी भी प्रकार की बाधा—श्याम बाबा के चरणों में सिर झुकाने से व्यक्ति को शांति और समाधान मिलता है. भक्तों का विश्वास है कि श्याम बाबा हर प्रकार के संकट से मुक्ति दिला सकते हैं, और उनकी कृपा से जीवन में सुख और समृद्धि आती है.
खाटू श्याम मंदिर और वार्षिक मेला
खाटू श्याम का प्रमुख मंदिर राजस्थान के सीकर जिले के खाटू गांव में स्थित है, जो भक्तों का मुख्य धार्मिक स्थल है. यहां हर साल फाल्गुन मास (मार्च-अप्रैल) में विशाल मेला आयोजित किया जाता है जिसे "फाल्गुन मेला" के नाम से जाना जाता है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं और श्याम बाबा की भव्य झांकी के दर्शन करते हैं. मान्यता है कि इस मेले में आने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
खाटू श्याम के प्रमुख अनुष्ठान और पूजा विधि
खाटू श्याम मंदिर में प्रतिदिन विभिन्न अनुष्ठान किए जाते हैं, जिनमें सुबह और शाम की आरती विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है. सुबह की आरती "मंगल आरती" और शाम की आरती "संझा आरती" के नाम से जानी जाती है. यहाँ भक्त अपने मन की कामना पूरी होने पर श्याम बाबा को फूल चढ़ाते हैं. इसके अतिरिक्त, यहाँ विशेष तौर पर "प्रसादी" (पवित्र प्रसाद) का भी वितरण होता है, जिसे भक्त विशेष आस्था के साथ ग्रहण करते हैं.
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