मेवाड़ के पूर्व मेवाड़ राज परिवार के सदस्यों के बीच उत्पन्न हुए विवाद के बाद मंगलवार दिन शाम को लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ मीडिया के सामने आए. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मीडिया से कहा कि उदयपुर में जिस तरह की स्थिति देख रहे हैं, यह दुखद अप्रिय घटना है. यह हम सबको आहत और विचलित करने वाली है. इस तरह की परिस्थितियों को हम नहीं चाहते, हमारा इस तरह का कोई उद्देश्य नहीं है. यह घमंड और गुरूर की वजह से उदयपुर का नाम खराब हो रहा है. बाहर से आने वाले लोग परेशान हो रहे हैं. लक्ष्यराज ने करीब 13 मिनट में अपनी बात कही, मगर पत्रकारों के सवालों के जवाब नहीं दिए..मीडिया से सवालों को वही छोड़कर वे उठकर चले गए.
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इशारों ही इशारों में बोला हमला
अपनी बात कहते हुए लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि इस तरह सड़कों पर आकर चीजों का समाधान निकालना कोई तरीका नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह की सोच का हम कोई समर्थन नहीं मानते है. लक्ष्यराज ने कहा कि कई चीजें जज्बातों के साथ नहीं होती अफवाह उड़ा करके दूसरे लोगों को गुमराह करके एक शक्ति प्रदर्शन का माहौल बनाएं. यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है, उन्होंने कहा कि देश में कानून व्यवस्था नाम की चीज है. मेवाड़ ने कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाते कहा कि उदयपुर में कानून व्यवस्था है या नहीं, उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे साथ में पूरा घटनाक्रम हुआ. उन्होंने कहा कि इतनी पुलिस व्यवस्था होने के बावजूद भी इस तरह की घटना कैसे घटी इसको लेकर मुझे पुलिस और प्रशासन से सवाल है.
प्रशासन पर उठाए सवाल
लक्ष्यराज सिंह ने इशारों-इशारों में विश्वराज पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो लोग कोई सरकार का सदस्य है. ऐसे में कानून केवल और केवल क्या उनके लिए काम करेगा. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से मेरे ऊपर दबाव बनाया जा रहा है. गैर कानूनी काम और हरकतों को करने का कि आप अगर कोई काम को नहीं करेंगे तो जबरदस्ती किया जाएगा. उन्होंने कहा कि क्या हमें इस दहशत में जीने की आवश्यकता है. हम लोग हमारे घर के अंदर बैठे हुए हैं. हम कानूनी रूप से घर में बैठे हुए हैं. अगर किसी को किसी प्रकार की आपत्ति हो तो कानून के दरवाजे कानून के माध्यम से खटखटा सकता है.
उन्होंने कहा कि जिस तरह की चीज कल देखी गई. इस बीच लक्ष्यराज ने पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जिस तरह पूरा घटनाक्रम में पुलिस ने छूट दी. यह बहुत ही निंदनीय और दुखदाई स्थिति थी. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति 1984 में मुझे याद दिलाती है. 1984 में भी इसी तरह की व्यवस्था बनाई गई थी. ऐसी ही घटना दोहराने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सरकार के पदों पर बैठे हुए हैं. ऐसे में कुछ लोग अपने निजी फायदे के लिए कानून दरकिनार करते हुए अपनी बात मनवाना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि यह कहां का नियम है.
प्रशासन को पहले अवगत कराया था
लक्ष्यराज ने कहा कि ऐसी स्थिति का पहले से ही प्रशासन को अवगत कराया गया था. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि ऐसी स्थिति बनेगी इसलिए हमने पहले से ही प्रशासन को अवगत कराया था. उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना के बाद 144 को क्यों नहीं लागू किया गया. उन्होंने कहा कि लोगों को गुमराह करें एक पूजा के माध्यम से यह ठीक नहीं है. लक्ष्यराज ने कहा की गुंडागर्दी के माध्यम से यह चीज नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम का मेरे पिता और बहनों ने 40 साल पहले सामना किया था. उन्होंने कहा कि वह लोग भी मरते-मरते बचे हैं ऐसी ही स्थिति उसे समय बनवाई गई थी.ऐसे में गलत मंसूबे के साथ में प्रवेश करने का प्रयास किया जा रहा है.
इनपुट: सतीश शर्मा
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