Rajasthan Nikay Chunav 2025: राजस्थान की 6,000 से अधिक ग्राम पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन अभी तक इन क्षेत्रों में चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. इसका कारण सरकार की "एक राज्य एक चुनाव" की योजना है. इस योजना के तहत राज्य के सभी स्थानीय निकायों में एकसाथ मतदान कराने की तैयारी चल रही है. इसके लिए सरकार ने निकायों के वार्डों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पुनर्गठन पूरा होने के बाद सभी निकायों में एक साथ चुनाव करवाए जाएंगे. लोगों के मन में यह सवाल लंबे समय से था कि आखिर ये चुनाव कब होंगे. अब राजस्थान विधानसभा में नगरीय विकास मंत्री ने इसकी जानकारी दे दी है.
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नवंबर 2025 तक चुनाव की तैयारी
भाजपा विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने विधानसभा में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर सवाल उठाया. प्रश्नकाल के दौरान नगरीय विकास और आवास (UDH) मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इसका जवाब दिया. नेता प्रतिपक्ष ने पूरक सवाल करते हुए पूछा कि सरकार कब तक चुनाव करवाएगी, क्योंकि पूरे प्रदेश की जनता इसके लिए इंतजार कर रही है. इस पर मंत्री खर्रा ने बताया कि अभी प्रदेश के 41 जिलों में वार्डों का पुनर्गठन चल रहा है. यह काम पूरा होते ही एकसाथ चुनाव कराने की योजना है. जब नेता प्रतिपक्ष ने तारीख या महीने की मांग की, तो खर्रा ने कहा कि सरकार का लक्ष्य नवंबर 2025 तक निकाय चुनाव संपन्न कराने का है.
"इतनी EVM कहां से आएंगी?" - दीप्ति माहेश्वरी का सवाल
चुनाव से जुड़ा सवाल उठाने वाली विधायक दीप्ति माहेश्वरी ने एक और मुद्दा उठाया. उन्होंने पूछा कि एकसाथ चुनाव कराने के लिए कितनी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) चाहिए होंगी. जवाब में मंत्री खर्रा ने कहा कि अभी पुनर्गठन का काम पूरा नहीं हुआ है, इसलिए EVM की सटीक संख्या बताना संभव नहीं है. कुछ वार्डों में एक पोलिंग बूथ होता है, तो कहीं 5 से 7 बूथ भी होते हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि चुनाव के दौरान EVM की कमी नहीं होगी. राज्य सरकार अपनी उपलब्ध मशीनों का इस्तेमाल करेगी और जरूरत पड़ने पर पड़ोसी राज्यों से EVM मंगवा ली जाएंगी.
राजस्थान में 11,000+ ग्राम पंचायतें
राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां 11,152 ग्राम पंचायतें हैं. इसके अलावा 343 पंचायत समितियां और 33 जिला परिषदें मौजूद हैं. हाल ही में 17 नए जिलों में से 9 को निरस्त कर दिया गया, जिसके बाद बचे 8 जिलों में नगर परिषदों का गठन भी प्रक्रिया में है. इनके साथ ही नगर पालिकाएं और नगर निगम भी हैं. सरकार ने "एक राज्य एक चुनाव" की घोषणा की है, जिसके तहत ग्रामीण और शहरी निकायों में एकसाथ मतदान होगा.
विकास कार्यों पर नहीं पड़ेगा असर - खर्रा
मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि पहले निकाय चुनाव 8 अलग-अलग चरणों में होते थे. बार-बार चुनाव होने से आचार संहिता लागू हो जाती थी, जिससे विकास कार्य रुक जाते थे. केंद्र सरकार भी "एक राष्ट्र एक चुनाव" की दिशा में काम कर रही है. इसी तर्ज पर राज्य सरकार "एक राज्य एक चुनाव" को लागू करने की तैयारी में जुटी है. इससे विकास कार्यों में बाधा नहीं आएगी.
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