Rajasthan Politics: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 8 अप्रैल को झालावाड़ जिले के दौरे पर पहुंचते ही पेयजल संकट को लेकर अपनी ही पार्टी की भाजपा सरकार और अधिकारियों को जमकर खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत 42 हजार करोड़ रुपये दिए हैं, लेकिन झालावाड़ के हिस्से का पैसा कहां गया, इसका हिसाब चाहिए. राजे ने अफसरों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि योजनाएं कागजों तक सीमित हैं, जबकि जनता पानी के लिए तरस रही है.
ADVERTISEMENT
पाई-पाई का हिसाब दो
पूर्व सीएम 'X' पर लिखते हुए अधिकारियों की क्लास लगाते हुए लिखा "प्रधानमंत्री जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दियें हैं. पाई-पाई का हिसाब दो कि झालावाड़ के हिस्से की राशि का आपने क्या किया? पेयजल संकट निवारण के लिए हमारी सरकार तो पैसा दे रही है, लेकिन अफसर योजनाओं की सही क्रियान्विति नहीं कर रहे. इसलिए राजस्थान के लोग प्यास से व्याकुल है. यह तो अप्रेल का हाल है. जून-जुलाई में क्या होगा? अधीक्षण अभियंता सहित उपस्थित कोई भी अधिकारी मुझे संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए. लोगों के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए. झालावाड़ में ऐसा हरगिज नहीं चलेगा."
"अप्रैल में ये हाल, गर्मी में क्या होगा?"
वसुंधरा राजे ने पेयजल संकट को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सोशल मीडिया 'X' पर लिखा, "क्या जनता को प्यास नहीं लगती? सिर्फ आप अफसरों को ही लगती है. गर्मी में पेयजल संकट के कारण जनता त्रस्त है. अफसर तृप्त है. पानी कागजों में नहीं, लोगों के होठों तक पहुँचे। अफ़सर सो रहें है, लोग रो रहें हैं. मैं ऐसा नहीं होने दूँगी. रायपुर कस्बे के ग्रामीणों की पेयजल संकट की शिकायत पर जलजीवन मिशन और जलदाय विभाग के अफसरों को त्वरित समाधान के सख्त निर्देश दिए."
अफसरों को सख्त निर्देश
रायपुर कस्बे में ग्रामीणों की शिकायत सुनने के बाद वसुंधरा राजे ने जल जीवन मिशन और जलदाय विभाग के अधिकारियों को तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, "गर्मी में जनता पानी के लिए तड़प रही है, लेकिन अफसर आराम फरमा रहे हैं. यह स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी." उनका यह बयान न सिर्फ सरकार के लिए परेशानी पैदा कर सकता है बल्कि आने वाले दिनों में राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा सकता है.
कांग्रेस ने भजनलाल सरकार को घेरा
वसुंधरा राजे के इस बयान के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार पर हमला बोला. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे सिंधिया जी का यह ट्वीट भाजपा सरकार की सच्चाई उजागर करने के लिए काफी है. कितनी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति होगी कि पूर्व मुख्यमंत्री को अपनी पार्टी की सरकार के बावजूद पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता की पूर्ति के लिए अपनी बात मीडिया एवं सोशल मीडिया के माध्यम से कहनी पड़ रही है. जब भाजपा की ही पूर्व मुख्यमंत्री इस सरकार के अधिकारियों के सामने इतनी मजबूर हैं तो आमजन की स्थिति समझी जा सकती है."
वहीं, पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राजे की पोस्ट का जवाब देते हुए फेसबुक पर लिखा, "अब तो पूर्व मुख्यमंत्री भी कह रही हैं कि जनता त्रस्त है और अफसर सो रहे हैं. भजनलाल सरकार, अब तो नींद से जाग जाइए."
क्या है जनता की मांग?
झालावाड़ के लोग लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि टैंकरों का पानी समय पर नहीं पहुंचता और हैंडपंप भी सूख गए हैं. ऐसे में वसुंधरा राजे का यह दौरा और सख्त रुख उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आया है. अब देखना यह है कि सरकार इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठाती है और क्या राजे का दबाव रंग लाता है.
ADVERTISEMENT