RSMSSB Pashu Parichar Scam: राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की हालिया पशु परिचर भर्ती परीक्षा में बड़ा विवाद सामने आया है. एक शिक्षक संतोष विश्नोई ने दावा किया है कि पशु परिचर भर्ती परीक्षा के परिणामों में भारी गड़बड़ी हुई है. उनके मुताबिक, टॉप 1000 छात्रों में कुल 6 पारियों में से सिर्फ छठी पारी में 73% उम्मीदवारों का चयन हुआ, जबकि पहली और चौथी पारी में एक भी उम्मीदवार पास नहीं हुआ. इस खुलासे के बाद संतोष को पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद उन्हें दिनभर पुलिस थाने में रखा गया. जिसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या सच बोलना अब अपराध है?
ADVERTISEMENT
क्या है विवाद का पूरा कारण?
पशु परिसर भर्ती परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे. परीक्षा छह पारियों में आयोजित की गई. संतोष विश्नोई ने बताया कि टॉप 100 उम्मीदवारों में 99 छठी पारी से हैं. टॉप 1000 में भी 733 उम्मीदवार छठी पारी के हैं, जबकि पहली और चौथी पारी से शून्य चयन हुआ. इसके अलावा, टॉप 500 में भी यही हाल है. छठी पारी से 432 उम्मीदवार चुने गए, लेकिन पहली और चौथी पारी से एक भी नहीं.
घोटाले का आरोप, पुलिस ने की कार्रवाई
संतोष ने इन आंकड़ों को बोर्ड के अधिकारियों के सामने रखा. इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और दिनभर थाने में रखा गया. लोगों का कहना है कि अगर गड़बड़ी हुई है, तो उसे सुधारना चाहिए. लेकिन इसके बजाय सच बोलने वालों पर कार्रवाई हो रही है.
बोर्ड की रणनीति?
आरोप है कि बोर्ड ने 6000 पदों के लिए ढाई लाख उम्मीदवारों को सफल घोषित कर दिया. इससे उम्मीदवारों को लग रहा है कि उनका नंबर आएगा, और वे कोर्ट नहीं जाएंगे. लेकिन हकीकत में चयन सिर्फ 6000 उम्मीदवारों का ही होगा, जिसमें ज्यादातर छठी पारी से हैं.
युवाओं में गुस्सा
राजस्थान में युवा और बेरोजगार इस मामले को लेकर नाराज हैं. उनका कहना है कि पिछले 20 सालों में शिक्षा और भर्ती व्यवस्था को बर्बाद कर दिया गया है. पहले की सरकारों पर भी भर्ती घोटालों के आरोप लगते रहे हैं. अब भजनलाल सरकार से युवा उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले की जांच होगी.
क्या है पूरा मामला
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पशु परिचर के 6433 पदों के लिए हुई परीक्षा का रिजल्ट जारी किया..बोर्ड ने 4 लाख 6 हजार 826 अभ्यर्थियों को पास घोषित किया है. बोर्ड ने जितने पदों पर भर्ती होनी है, उससे लगभग 60 गुना ज्यादा अभ्यर्थियों की मेरिट लिस्ट जारी की है. इन 4 लाख से ज्यादा पास हुए अभ्यर्थियों में से अब सिर्फ 10 हजार 687 अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए चुना गया है.
यह परीक्षा 6 अलग-अलग शिफ्टों में हुई थी. कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि कुछ शिफ्टों में पेपर बहुत आसान था. उनका आरोप है कि छठी शिफ्ट से सबसे ज्यादा अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ है. बोर्ड ने रिजल्ट को समान करने के लिए नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला इस्तेमाल किया है लेकिन अभ्यर्थी इस फॉर्मूले में भेदभाव और रिजल्ट में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं.
ADVERTISEMENT