SI पेपर लीक: नकल से SI बनीं मोनिका को उनके छुट्‌टी के एप्लीकेशन में दर्जनों गलतियों फंसाया, यहीं घूमी शक की सुई !

पौरव कलीर के पकड़े जाने के बाद SOG मोनिका को पकड़ने के लिए गई. इधर मोनिका SOG से बचने लगी. आखिरकार वो गिरफ्त में आ गई. उससे पूछताछ जारी है.

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तस्वीर: न्यूज तक.

मोहित गुर्जर

• 12:47 PM • 22 Mar 2025

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SOG की गिरफ्त में आईं झुझुनूं की मोनिका जाट की एक और कहानी सामने आई है. आरोप है कि मोनिका ने नकल से SI की परीक्षा तो पास कर ली पर अकल ने उन्हें बुरी तरह फंसा दिया. आरोप है कि मोनिका जाट ने SI भर्ती परीक्षा में ब्लूटूथ की मदद से निकल किया था. लिखित परीक्षा में मोनिका को हिंदी विषय में 200 में से 184 और सामान्य ज्ञान विषय में 200 में से 161 अंक मिले थे.  

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इंटरव्यू में हुआ पहला शक. लिखित परीक्षा में अच्छे अंक पाने वाली मोनिका को इंटरव्यू में महज 15 अंक मिले. यहीं शक की पहली सुई घूमी. खैर मोनिका को वर्दी मिल गई.  कंधे पर दो स्‍टार और माथे पर अशोक स्तंभ सज गया. झुंझुनूं जिले में अभी ट्रेनिंग चल रही थी. कुछ समय बाद फील्‍ड पोस्टिंग मिलनी वाली थी. इस बीच राजस्थान पुलिस के SOG ने मोनिका को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो कई चौंकाने वाले राज खुल गए. 

एप्लीकेशन ने शक और बढ़ाया 

प्रशिक्षण के दौरान मोनिका ने 5 जून 2024 से 2 जुलाई 2024 तक मेडिकल लीव ली , लेकिन इसके बाद वह मेडिकल प्रमाण पत्र नहीं दे पाई, जिसके चलते उसकी उपस्थिति संदिग्ध हो गई. 

झुंझुनूं आने के दौरान मोनिका जाट ने जब अफसरों को पत्र लिखा तो वह शक के घेरे में आ गई और फिर पूरी सच्चाई सामने आ गई. एसआई भर्ती परीक्षा में 34वीं रैंक हासिल करने के बावजूद मोनिका को हिंदी में सही से आवेदन भी नहीं लिखना आता.  मोनिका ने झुंझुनूं पुलिस अधीक्षक को छुट्‌टी के लिए प्रार्थना दिया था, जिसमें 20 लाइनों में ही हिंदी वर्तनी की एक दर्जन से ज्यादा गलतियां थी, जबकि उन्होंने एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में हिंदी में 200 में से 184 अंक हासिल किए थे. 

मोनिका ने  झुंझुनूं को झुन्‍झुनू लिखा, जो वर्तनी में गलत है. आमद करने बाबत लिखना था जबकि आमद करवाने बाबत लिखा. उप निरीक्षक की जगह उप-निरक्षक लिखा. प्रोबेशनर भी गलत लिखा ....मेडिकल पर थी किंतु मेडिकल पे लिखा. डॉक्यूमेंट लिखना था डॉक्यूमेट लिखा. संदिग्ध लिखना था, सध्गिद लिखा.  इसलिए की जगह इसीलिए लिखा.  उपस्थिति लिखना था उपस्थिती लिखा. इसके अलावा विराम की कई गलतियां थीं. 

मोनिका पर ये है आरोप

आरोप है कि मोनिका जाट ब्लूटूथ की मदद से नकल कर फर्जी एसएचओ बनी थी. अब एसओजी की जांच में सामने आया है कि मोनिका ने नकल गिरोह के सरगना पौरव कलीर से परीक्षा से पहले पेपर पढ़ाने का 15 लाख रुपए में सौदा किया था. पौरव कलीर ने एसआई भर्ती परीक्षा की दोनों पारियों का पेपर ब्लूटूथ के जरिए मोनिका को पढ़ाया था.  बता दें कि सरगना पौरव कलीर की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही मोनिका जाट को मिली, वह राजस्थान पुलिस अकादमी से भाग गई, जो अब एसओजी की हिरासत में है.  

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