राजस्थान में आज उपचुनाव की मतगणना हो गई. देवली-उनियारा विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा हार गए. 13 नवंबर को वोटिंग के दिन इस सीट पर भारी बवाल हो गया था. इस सीट पर एसडीएम अमित चौधरी को नरेश मीणा ने थप्पड़ मार दिया था. वजह थी वो कलेक्टर सौम्या झा से मिलना चाह रहे थे. वे उन्हें बुलाने की मांग कर रहे थे इसी बीच थप्पड़बाजी हो गई.
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इस थप्पड़ कांड के बाद कलेक्टर सौम्या झा चर्चा में आ गईं. सौम्या झा का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें वे चुनाव की काउंटिंग के बीच वो ये कहती नजर आईं कि 'हमने इस बात की कोशिश की है कि भीड़ कहीं पर इकट्ठी न हो जाए और रौद्र रूप ले ले. इसलिए हमने कई एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स को सील किया है. बाकी जो ओपन ग्राउंड है उसपर हम अपनी नजर रख रहे हैं.' इनके इस बयान पर सोशल मीडिया यूजर लिख रहे हैं- 'कलेक्टर महोदय दूध की जली हैं छाछ भी फूंक फूंक कर पीना पड़ेगा! '
पति अक्षय गोदारा बूंदी में हैं कलेक्टर
राजस्थान के टोंक जिले की कलेक्टर सौम्या झा अपन कार्यशैली के लिए काफी चर्चा में हैं. समरावता कांड के दौरान उनके काम को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों ने खूब सराहना की. बिहार के पटना से ताल्लुक रखने वाली सौम्या एमबीबीएस करने के बाद यूपीएससी में सलेक्ट हुईं. उनकी शादी 2016 बैच के आईएएस अधिकारी अक्षय गोदारा से हुई. अक्षय फिलहाल बूंदी जिले के कलेक्टर हैं.
पति का 18 दिन में हुआ 3 बार ट्रांसफर
अक्षय गोदारा का भी प्रशासनिक सफर भी दिलचस्प रहा है. इनका 18 दिन में तीन बार ट्रांसफर हो गया जिसके बाद ये काफी चर्चा में आ गए. होने की वजह से वे चर्चा में रहे. दरअसल 15 मई 2023 को अक्षय गोदारा को अजमेर विकास प्राधिकरण से जयपुर हेरिटेज निगम में ट्रांसफर कर आयुक्त बनाया गया था. फिर 18 मई 2023 को वाणिज्य कर विभाग में अतिरिक्त आयुक्त बना दिया गया. यही नहीं 2 जून 2023 को ट्रांसफर करके कार्मिक विभाग में संयुक्त सचिव बना दिया गया. जिसके बाद अक्षय गोदारा सुर्खियों में आ गए.
आईआईटी मुंबई से पढ़ाई करने वाले अक्षय जोधपुर के रहने वाले हैं. उनकी पहली पोस्टिंग बूंदी जिले में कलेक्टर के रूप में हुई. दोनों की मेहनत और समर्पण राजस्थान में उन्हें एक आदर्श आईएएस कपल बनाता है. पति अब अक्षय गोदारा पहले प्रयास में आईपीएस बने थे, लेकिन एक साल के अंदर पढ़ाई कर आईएएस बन गए.
सौम्या पहले हिमाचल प्रदेश कैडर की आईएएस थीं, लेकिन शादी के बाद उन्होंने राजस्थान कैडर में ट्रांसफर करा लिया. उनके पति अक्षय गोदारा पहली ही कोशिश में IPS बन गए और फिर दूसरी कोशिश में 40वीं रैंक हासिल कर IAS बने. अक्षय की प्रशासनिक सेवा की शुरूआत भरतपुर में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई थी.
अवैध बूचड़खानों पर एक्शन लेकर आईं चर्चा में
टोंक कलेक्टर के तौर पर सौम्या झा ने अवैध बूचड़खाने बंद कराए. कोरोना काल में किए गए अपने कामों से जनता के बीच एक पहचान बनाई. अपने दौरे और त्वरित फैसलों की वजह से सौम्या आम लोगों के दिलों में जगह बना चुकी हैं. दरअसल सोम्या लोगों से मिलती हैं और उनकी पुरानी से पुरानी समस्याओं का समाधान मिनटों में ही करवा देती हैं.
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