Janta and Bashir Love story Ajmer: राजस्थान के अजमेर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने प्यार, धोखे और खूनी इंतकाम की स्याह कहानी उजागर की है. 7 अप्रैल, 2025 की रात, मस्तान नाम का एक व्यक्ति जब दिनभर काम करके घर लौटा, तो उसकी पत्नी जनता ने उसे बशीर नाम के एक शख्स के साथ पार्टी करने के लिए बाहर भेज दिया. योजना के अनुसार, मस्तान और बशीर एक सुनसान जगह पर शराब पीने और मौज-मस्ती करने के लिए गए.
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कुछ देर बाद, जब मस्तान नशे में धुत हो गया, तो बशीर ने अपनी जेब से एक चाकू निकाला और बेरहमी से मस्तान का गला रेत दिया. मरने से पहले मस्तान बस यही कह पाया, "माना कि मोहब्बत की यह भी एक हकीकत है, फिर भी जितना तुम बदले हो उतना भी नहीं बदला जाता."
पत्नी का बनावटी रोना और पुलिस का शक
8 अप्रैल को नसीराबाद सदर थाना क्षेत्र में हाउसिंग बोर्ड के सामने एक गर्दन कटी लाश मिली. मृतक की पहचान मस्तान के रूप में हुई. उसकी पत्नी जनता मौके पर रो रही थी, लेकिन उसका रोना इतना बनावटी था कि पुलिस को उस पर शक हो गया. पुलिस को यह बात हजम नहीं हो रही थी कि जिस महिला के पति की इतनी निर्मम हत्या कर दी गई हो, वह स्वाभाविक रूप से क्यों नहीं रो रही है.
पूछताछ में खुला राज
अजमेर पुलिस ने शक के आधार पर जांच शुरू की. हालांकि, पुलिस को ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी, क्योंकि पूछताछ शुरू होते ही मस्तान की पत्नी जनता ने सब कुछ उगल दिया. उसने बताया कि उसने और उसके प्रेमी बशीर ने मिलकर मस्तान को रास्ते से हटाने की साजिश रची थी.
जनता ने पुलिस को बताया कि वह बशीर को इस कदर चाहती थी कि एक बार वह अपने पति को छोड़कर उसके साथ घर से भाग भी गई थी. तब मस्तान ने जनता की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज करवाई थी और किसी तरह उसे वापस लाया था. लेकिन आखिरकार वही हुआ जो जनता और बशीर चाहते थे.
विकलांग आशिक बना कातिल
सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि बशीर शारीरिक रूप से विकलांग है. वह ठीक से चल-फिर नहीं सकता, खड़ा नहीं हो सकता और न ही भाग सकता है. लेकिन प्यार में अंधा बशीर, जनता की चाहत में इतना आगे बढ़ गया कि उसने मस्तान की हत्या करने में भी कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई.
पुलिस के अनुसार, जनता और बशीर पिछले 101 दिनों से मस्तान की हत्या की योजना बना रहे थे. उन्हें 7 अप्रैल की शाम को मौका मिला और उन्होंने इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया.
प्यार, चाहत और खूनी साजिश
जनता को बशीर की ऐसी तलब थी कि वह उसकी चाहत में पूरी तरह से डूबी हुई थी. उसने अपने पति को छोड़कर भागने तक का कदम उठाया था. आखिरकार, उसी चाहत ने मस्तान की जान ले ली.
हालांकि, जनता और बशीर हत्या के 24 घंटे के अंदर पकड़े जा चुके हैं. अब उनकी बची-खुची आशिकी जेल की सलाखों के पीछे निकलेगी. इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्यार में लोग किस हद तक जा सकते हैं, भले ही वह प्यार विकलांगता की बेड़ियों में क्यों न जकड़ा हो.
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