मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी जाना जाता है. यहाँ का लखनिया दरी, मानसून के मौसम में पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. हरी-भरी पहाड़ियां, झरने और मनमोहक दृश्य, लखनिया दरी को एक अविस्मरणीय अनुभव बनाते हैं. अगर आप भी इस मानसून वाराणसी घूमने का प्लान कर रहे हैं तो लखनिया दरी का रुख जरूर करें. तो चलिए आपको लखनिया दरी की विशेषताओं से रूबरू कराते हैं.
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लखनिया दरी कैसे पहुंचे?
लखनिया दरी, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित है. यह वाराणसी से लगभग 50 किलोमीटर दक्षिण में, लखनिया घाटी के किनारे स्थित है. यहां पहुंचने के लिए आप सड़क मार्ग का उपयोग कर सकते हैं. वाराणसी से राबर्ट्सगंज जाने वाला हाइवे (NH-5A) लें. अहरौरा से थोड़ा आगे दाहिने ओर एक पतली सड़क मुड़ती है, जिसे लखनिया दरी रोड कहा जाता है. इसी रास्ते से होकर आप लखनिया दरी पहुंच सकते हैं.
कुछ ऐसी है लखनिया दरी की खूबसूरती
मानसून के दौरान, लखनिया दरी मानो हरी-भरी चादर से ढक जाता है. चारों तरफ फैले जंगल, बारिश के पानी से धुले हुए, एक अलग ही चमक बिखेरते हैं. पहाड़ों से बहते झरने, नदियों में बदल जाते हैं, और शांत वातावरण में कलरव करते पक्षी, मन को मोह लेते हैं. मानसून सीजन में पर्यटक यहां दूर-दूर से पिकनिक मनाने आते हैं.
ट्रेकिंग और साहसिक गतिविधियां
लखनिया दरी, ट्रेकिंग और साहसिक गतिविधियों के प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. बारिश में नम मिट्टी पर पैदल चलना, रोमांचकारी अनुभव देता है. यहाँ आप रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग, और कैम्पिंग जैसी गतिविधियों का भी आनंद ले सकते हैं.
लखनिया दरी जाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान
मानसून के मौसम में, लखनिया दरी में जाने से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर लें. बारिश के कारण, रास्ते फिसलन भरे हो सकते हैं. इसलिए सावधानी बरतें. यदि आप ट्रेकिंग या अन्य साहसिक गतिविधियों में भाग लेना चाहते हैं, तो अनुभवी गाइड की सहायता लें.
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