शानदार वास्तुकला का अनमोल नमूना है शेर शाह का रौजा, आप भी बनाए घूमने का प्लान

बिहार के सासाराम में स्थित "सूखा रौजा" आपके लिए एक अनिवार्य दर्शनीय स्थल साबित हो सकता है. यहां का वास्तुशिल्प और मकबरे के अंदर बनाई गई वास्तुकला, वास्तुप्रेमियों को खूब लुभाती है.

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News Tak Desk

03 May 2024 (अपडेटेड: 09 May 2024, 11:53 AM)

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अगर आप भी ऐतिहासिक इमारतों की कहानियों के बारे में जानने के शौकीन हैं या रूचि रखते हैं तो बिहार के सासाराम में स्थित "सूखा रौजा" आपके लिए एक अनिवार्य दर्शनीय स्थल साबित हो सकता है. यहां का वास्तुशिल्प और मकबरे के अंदर बनाई गई वास्तुकला, वास्तुप्रेमियों को खूब लुभाती है.

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इतिहास और महत्व

यह स्मारक 16वीं शताब्दी का है और सूर साम्राज्य के संस्थापक शेरशाह सूरी के मकबरे के रूप में बनाया गया था. मकबरा का निर्माण शेरशाह सूरी के शासनकाल 1440 और 1445 ईस्वी के बीच शुरू हुआ था. शेरशाह सूरी की मृत्यु के बाद उनके बेटे इस्लाम शाह के शासनकाल के दौरान 1945 में इसका निर्माण पूरा कराया गया.

मकबरे के अंदर है शेर शाह सूरी की कब्र

इस मकबरे के भीतर लगभग 24 कब्रें हैं और बादशाह शेर शाह सूरी की कब्र भी इसी मकबरे के बीच में है. इतिहास के अनुसार कालिंजर से बादशाह के शव को लाकर मकबरे के ठीक बीच में दफनाया गया था. इसके अलावा, इसकी कब्र के पास ही उसके करीबी अधिकारियों और परिवार के सभी सदस्यों की कब्र मौजूद है.

मकबरा घूमने का समय

शेर शाह सूरी का मकबरा सप्ताह के हर दिन खुलता है. यहां पर्यटकों को सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक प्रवेश की अनुमति है.

कैसे पहुंचे शेर शाह का मकबरा?

यहां जाने के लिए आपको सासाराम पूर्व मध्य रेलवे के पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन या गया जंक्शन रेलवे स्टेशन की ट्रेन लेनी होगी. इसके अलावा, हवाई मार्ग से आने के लिए आप वाराणसी, पटना या गया एयरपोर्ट का टिकट करवा सकते हैं. फिर वहां से सड़क मार्ग से बसें या छोटी गाड़ियां आसानी से मिल जाएंगी.

क्या है टिकट की कीमत?

बता दें, मकबरे को घूमने के लिए भारतीयों के लिए टिकट की कीमत सिर्फ 5 रुपये प्रति व्यक्ति और विदेशियों के लिए प्रति व्यक्ति 100 रुपये है. साथ ही, पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है.

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