सैकड़ों साल पुराना है सबरीमाला मंदिर, यात्रा करने से पहले जान लें ये बातें

News Tak Desk

• 03:57 PM • 05 Jun 2024

बता दें, ये मंदिर महिलाओं के एंट्री को लेकर बैन की वजह से चर्चा में रह चुका है. तो आइए जानते हैं सबरीमाला मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें, जिसे आपको यात्रा के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए.

NewsTak
follow google news

सबरीमाला मंदिर दक्षिण भारत के प्रसिद्ध हिंदू तीर्थस्थल में से एक है. यह मंदिर केरल राज्य के पथानामथिट्टा जिले में स्थित है, जो पहाड़ियों से घिरा हुआ है. इस मंदिर में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. यह मंदिर हिंदू ब्रह्मचर्य देवता अय्यप्पा स्वामी को समर्पित है और यहां तक पहुंचने के लिए पंपा नामक स्थान पर जाना पड़ता है. फिर पंपा से सबरीमाला मंदिर तक पैदल यात्रा करनी पड़ती है, जो कि 5 किलोमीटर लम्बा है. बता दें, ये मंदिर महिलाओं के एंट्री को लेकर बैन की वजह से चर्चा में रह चुका है. तो आइए जानते हैं सबरीमाला मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें, जिसे आपको यात्रा के दौरान ध्यान में रखनी चाहिए.

सबरीमाला मंदिर से जुड़ी इंटरेस्टिंग बातें- 

  • सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के अलावा भगवान गणेश और नागराजा जैसे बाकी देवताओं की भी मूर्तियां बनी हुई हैं. ये मंदिर दक्षिण भारत के खूबसूरत मंदिरों की लिस्ट में पहले स्थान पर आता है.
  • मान्यता है कि सबरीमाला मंदिर का निर्माण 800 साल पहले राजा राजशेखर ने करवाया था. 
  • आपको बता दें, सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं के एंट्री पर बैन है. करीब 800 साल पुराने इस मंदिर में यह मान्यता पिछले काफी समय से चल रही थी. दरअसल, माना जाता है कि भगवान अयप्पा अविवाहित थे और हिंदू धर्म में पीरियड्स के दौरान महिलाओं को ‘अपवित्र’ माना जाता है जिसके कारण उन्हें इस मंदिर में एंट्री की परमिशन नहीं थी. लेकिन 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के एंट्री पर लगे बैन को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण घोषित किया.
  • यह मंदिर 18 पहाड़ियों के बीच बना है और इसकी विशेषता यह है कि प्रत्येक पहाड़ी में मंदिर स्थित है.
  • यहां आने वाले श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं. वह पोटली नैवेद्य (भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीज़ें, जिन्हें प्रसाद के तौर पर पुजारी घर ले जाने को देते हैं) से भरी होती है.
  • मान्यता है कि तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य रखकर जो भी व्यक्ति यहां आता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
  • बता दें, सबरीमाला नाम माता शबरी के नाम पर रखा गया है. माता सबरी रामायण का एक पात्र हैं जिन्होंने भगवान राम को बड़े ही भक्ति भाव से अपने जूठे बेर खिलाए थे.

सबरीमाला मंदिर जाने से पहले ध्यान रखें ये बातें-

देश के अन्य मंदिरों की अपेक्षा सबरीमाला मंदिर के नियम बहुत कड़े हैं, इसलिए श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश के लिए इन सभी नियमों का पालन करना पड़ता है.

  • इस मंदिर में सिर्फ पुरुष श्रद्धालु ही दर्शन करने के लिए जा सकते हैं. 
  • बता दें, सबरीमाला मंदिर में आने के लिए श्रद्धालुओं को 41 दिनों का व्रत रखना पड़ता है. चूंकि पीरियड्स के कारण महिलाएं ये व्रत पूरा नहीं कर पाती हैं, इसलिए उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाता है. लेकिन पुरुषों को यह व्रत पूरा करके ही मंदिर आना होता है.
  • जो भी श्रद्धालु यहां पर दर्शन के लिए आते है उसे 2 महीने पहले से ही मांसाहारी भोजन का त्याग करना पड़ता है. 
  • इसके अलावा पंपा नदी में स्नान करने के बाद गणपति की पूजा करनी पड़ती है और फिर एक दीप जलाकर नदी में प्रवाहित करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता है.
  • मंदिर में जाने से पहले सबरीमाला के तीर्थयात्रियों को नीले या काले रंग के कपड़े पहनने पड़ते हैं. साथ ही जब तक यात्रा पूरी न हो जाए तब तक वे अपनी दाढ़ी-मूंछ नहीं बनवा सकते हैं.
  • सबरीमाला तीर्थ यात्रा के दौरान सभी श्रद्धालु को अपने माथे पर चंदन का लेप लगाना पड़ता है.
  • खास बात ये है कि मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 18 पवित्र सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं और ये सीढ़ियां सिर्फ वही लोग चढ़ते हैं जिन्होंने 41 दिनों का कठिन उपवास पूरा किया हो.
  • सबरीमाला मंदिर की 18 सीढ़ियां चढ़ते समय श्रद्धालुओं को सीढ़ी के पास घी से भरा नारियल फोड़ना पड़ता है. नारियल का एक टुकड़ा हवन कुंड में डाला जाता है जबकि दूसरा टुकड़ा प्रसाद के रुप में श्रद्धालु अपने साथ ले जाते हैं.

कब जाएं सबरीमाला मंदिर?

आपको बता दें कि सबरीमाला मंदिर अन्य मंदिरों की तरह पूरे साल नहीं खुला रहता है. बल्कि यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए सिर्फ नवंबर से जनवरी महीने तक ही खुला रहता है, इसके बाद ये बंद हो जाता है. ऐसे में आप नवंबर से जनवरी के बीच सबरीमाला मंदिर में दर्शन करने के लिए जा सकते हैं.

कैसे पहुंचे सबरीमाला मंदिर?

आपको बता दें कि सबरीमाला मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है. आप यहां हवाई मार्ग, रेल मार्ग या सड़क मार्ग किसी भी माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं.

    follow google newsfollow whatsapp