सावन में वृंदावन घूमने की करें तैयारी, मिलेगा अद्भुत अनुभव

News Tak Desk

15 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 15 2024 5:10 PM)

वृंदावन को उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र शहरों में गिना जाता है. इस शहर में न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने आते हैं. सावन के महीने में वैसे भी वृंदावन के मंदिरों की रौनक बढ़ जाती है.

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वृंदावन को उत्तर प्रदेश के सबसे पवित्र शहरों में गिना जाता है. इस शहर में न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से भी लोग घूमने आते हैं. सावन के महीने में वैसे भी वृंदावन के मंदिरों की रौनक बढ़ जाती है. वृंदावन जाकर अक्सर लोग प्रेम मंदिर और बांके बिहारी मंदिर घूमने जाते हैं. लेकिन अगर आप भी यहां घूमने का प्लान कर रहे हैं तो इन दोनों मंदिरों के अलावे दूसरे मंदिरों में भी जाएं. आइए जानते हैं इन मंदिरों से जुड़ी खास विशेषताओं के बारे में.

प्रेम मंदिर

वृंदावन में श्रीकृष्ण का आधुनिक प्रेम मंदिर बना हुआ है. इसकी अलौकिक छटा भक्तों का मन मोह लेती है. इसमें भक्त वैसे ही खींचे चले आते हैं, जैसे कृष्ण अपनी लीलाओं से सबका मन मोह लिया करते थे. यहां की दीवारों पर हर तरफ राधा-कृष्ण की रासलीला वर्णित है.

प्रेम मंदिर के स्थापत्य के बारे में जानें

इस मंदिर का निर्माण जगद्गुरु कृपालु महाराज द्वारा करवाया गया है. यह मंदिर सफेद इटालियन संगमरमर से बनाया गया है. इसमें प्राचीन भारतीय शिल्पकला की झलक भी देखी जा सकती है. मंदिर को बाहर और अन्दर से भारतीय शिल्पकला से बहुत ही अद्भुत तरीके से सजाया गया है. बता दें, यह पूरा मन्दिर 56 एकड़ में बना है इसमें मंदिर की ऊँचाई 125 फुट, लम्बाई 122 फुट तथा चौड़ाई 115 फुट है. इसमें फव्वारे, राधा-कृष्ण की मनोहर झाँकियाँ, श्री गोवर्धन लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीला की झाँकियाँ उद्यानों के बीच सजाई गई है.

जानें, प्रेम मंदिर में दर्शन की क्या है टाइमिंग?

प्रेम मंदिर के खुलने का समय 5.30 बजे है और बंद होने का समय 8.30 बजे है। मंदिर के अंदर प्रवेश करने के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है और प्रवेश सभी के लिए पूरी तरह से नि: शुल्क है. पूरे मंदिर को कवर करने के लिए कम से कम दो घंटे की आवश्यकता है.

इन कपड़ों में मिलेगी एंट्री!

मंदिर प्रबंधन की ओर से जारी किए गए ड्रेस कोड के मुताबिक, सनातन संस्कृति के अनुसार कुर्ता-पायजामा, साड़ी, सलवार कमीज, लहंगा चोली और साधारण कपड़े पहनकर राधा दामोदर मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश मिल सकता है.

बांके बिहारी मंदिर

इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति यहां पर बांके बिहारी के दर्शन और पूजा करता है उसका जीवन सफल हो जाता है. इस मंदिर में बिहारी जी की काले रंग की प्रतिमा है. मान्यता है कि इस प्रतिमा में साक्षात् श्री कृष्ण और राधा समाए हुए हैं. इसलिए इनके दर्शन मात्र से राधा कृष्ण के दर्शन का फल मिल जाता है.

बता दें, श्री बांके बिहारी जी मंदिर के दर्शन के लिए आपको प्रवेश शुल्क नहीं देना पड़ता है. इसके दरवाजे सप्ताह के सभी दिन दर्शन करने के लिए खुले रहते हैं.

फ्लाइट से कैसे पहुंचे वृंदावन: फ्लाइट से आप दिल्ली अथवा जयपुर आ सकते हैं. यहां से आपको बस, ट्रेन अथवा टैक्सी के जरिए वृंदावन आना पड़ेगा.

ट्रेन से कैसे पहुंचे वृंदावन: नई दिल्ली से दक्षिण भारत की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेन मथुरा स्टेशन होकर जाती हैं. आपको पहले मथुरा स्टेशन आना होगा. मथुरा स्टेशन उतरकर आप ऑटो अथवा टैक्सी के जरिए वृंदावन जा सकते हैं. बता दें, नई दिल्ली स्टेशन से मथुरा स्टेशन की दूरी 142 km है.

बस से कैसे पहुंचे वृंदावन: दिल्ली में तीन इंटरनेशनल बस अड्‌डा हैं, जहां से बसें सीधा वृंदावन आती हैं.

1. महाराणा प्रताप इंटरनेशनल बस अड्डा, कश्मीरी गेट,

2. सराय काले खां बस अड्डा,

3. आनंद विहार इंटरनेशनल बस अड्डा.

यहां से टूरिस्ट बसें हर घंटे मथुरा-आगरा के लिए मिलती हैं.

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