Passport Rules Change: पासपोर्ट को सरकार द्वारा अपने नागरिकों के लिए जारी किया जाता है. इसके जरिए कोई भी व्यक्ति किस देश का नागरिक है इसका पता चलता है. विदेश जाने के लिए तो यह महत्वपूर्ण है ही, साथ ही पासपोर्ट पहचान पत्र का भी काम करता है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने हाल ही में इसके नियमों में कुछ जरूरी बदलाव किए हैं. नए पासपोर्ट का आवेदन करने वालों के लिए ये बदलाव बहुत महत्वपूर्ण हैं. चलिए जानतें हैं कि नए नियम क्या हैं, इनके लिए कौन से डॉक्युमेंट्स की जरूरत होगी और भारतीय पासपोर्ट कितने प्रकार के होते हैं.
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क्या हैं नए नियम ?
नए नियमों के तहत, 1 अक्टूबर 2023 या उसके बाद जन्मे लोगों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करते वक्त अपना जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) देना होगा जरूरी होगा. यहां आपको बता दें कि यह प्रमाण पत्र केवल नगर निगम या जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत नामित किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया होना चाहिए.
किसे नहीं देना होगा बर्थ सर्टिफिकेट?
1 अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे लोग अभी भी ड्राइविंग लाइसेंस, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र, वोटर आईडी, पैन कार्ड जैसे अन्य डाक्यूमेंट्स के आधार पर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं. हालांकि, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या ई-आधार, ईपीआईसी और पेंशन ऑर्डर को जन्म प्रमाण के रूप में तभी स्वीकार किया जाएगा, जब इनमें सही जन्मतिथि दर्ज हो.
एड्रेस प्रूफ के लिए ये डाक्यूमेंट्स जरूरी
- पानी, बिजली, लैंडलाइन या पोस्टपेड मोबाइल का बिल
- वोटर कार्ड
- गैस कनेक्शन का प्रमाण
- जीवनसाथी के पासपोर्ट की कॉपी
- नाबालिगों के मामले में माता-पिता के पासपोर्ट की कॉपी
- बैंक पासबुक
- आधार कार्ड
- भारतीय पासपोर्ट के प्रकार
यह मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है
नियमित पासपोर्ट (Regular Passport) - यह आम नागरिकों के लिए जारी किया जाता है और 10 साल के लिए वैध होता है.
आधिकारिक पासपोर्ट (Official Passport) – यह सरकारी अधिकारियों को उनकी विदेश यात्राओं के लिए प्रदान किया जाता है.
डिप्लोमैटिक पासपोर्ट (Diplomatic Passport) – यह उच्च सरकारी अधिकारियों और राजनयिकों को दिया जाता है.
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