UP News: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. यहां एक झुग्गी में रहने वाली 53 साल की मजदूर महिला को आयकर विभाग ने 4 करोड़ 88 लाख 37 हजार 927 रुपये का नोटिस भेजा है. मजदूरी करके गुजारा करने वाली इस महिला के नाम पर करोड़ों का फर्जी लेनदेन दिखाया गया है. नोटिस मिलने के बाद महिला और उसका परिवार सदमे में है. आयकर विभाग ने जवाब देने के लिए 17 अप्रैल तक का समय दिया है.
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झुग्गी में रहने वाली महिला को नोटिस
यह मामला फिरोजाबाद के खैरागढ़ इलाके का है. यहां रहने वाली साबरा और उसका पति शमसुद्दीन दोनों दिहाड़ी मजदूर हैं. वे एक कच्ची झोपड़ी में रहते हैं. 1 अप्रैल को साबरा को आयकर विभाग का नोटिस मिला. नोटिस में कहा गया है कि साल 2021-22 में उसके नाम पर 4.88 करोड़ रुपये की फर्जी बिक्री दिखाई गई है. इस वजह से उसे टैक्स देना होगा. साबरा का कहना है कि उसे टैक्स का मतलब भी नहीं पता. वह इतने पैसे के बारे में सोच भी नहीं सकती.
पैन कार्ड का गलत इस्तेमाल?
साबरा के पास पैन कार्ड है, लेकिन उसने कभी इसका इस्तेमाल नहीं किया. उसका कहना है कि उसने किसी को अपना पैन कार्ड नहीं दिया. सवाल यह है कि एक मजदूर महिला का पैन कार्ड कैसे बना? क्या किसी ने उसकी पहचान का गलत इस्तेमाल किया? नोटिस अंग्रेजी में था. साबरा पढ़ी-लिखी नहीं है. उसने डाकिए को अंगूठा लगाकर नोटिस ले लिया.
क्या है बोगस बिक्री का मामला?
आयकर विभाग ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 148A(1) के तहत यह नोटिस जारी किया है. नोटिस में कहा गया है कि साबरा के पैन कार्ड से 4.88 करोड़ रुपये का फर्जी लेनदेन दिखाया गया है. इसे बोगस बिक्री कहा जाता है. बोगस बिक्री का मतलब है ऐसी बिक्री जो असल में हुई ही नहीं, लेकिन कागजों में दिखाई गई. टैक्स एक्सपर्ट आरपी गोयल का कहना है कि यह मामला पैन और आधार कार्ड के दुरुपयोग का लगता है. किसी ने साबरा के दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर टैक्स चोरी की होगी.
परिवार सदमे में, जांच शुरू
साबरा और उसके पति मजदूरी करके परिवार चलाते हैं. उनके लिए 4.88 करोड़ का नोटिस किसी बड़े झटके से कम नहीं है. आयकर विभाग ने 17 अप्रैल तक जवाब मांगा है. लेकिन साबरा को समझ नहीं आ रहा कि वह क्या करे. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि इस मामले की कानूनी जांच होगी. साबरा को समय पर जवाब देना होगा.
बड़ा फर्जीवाड़ा या साजिश?
यह मामला कई सवाल खड़े करता है. एक गरीब मजदूर महिला के नाम पर इतना बड़ा लेनदेन कैसे हो गया? क्या यह किसी बड़े फर्जीवाड़े का हिस्सा है? क्या गरीबों की पहचान का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है? जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी. फिलहाल यह मामला फिरोजाबाद में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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