Employee Pension Scheme Benefits : PF कंट्रीब्यूशन से ऐसे बनता है करोड़ों का बड़ा फंड और आजीवन पेंशन भी, जानें Full कैलकुलेशन

बृजेश उपाध्याय

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तस्वीर: न्यूज तक.
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EPFO New Updates: जॉब करने वाले युवाओं की सैलरी से पीएफ कट जाता है पर उन्हें उसके कैलकुलेशन का पता नहीं होता है. अधिकांश युवाओं को ये भी पता नहीं होता है कि PF में 10 साल तक लगातार कंट्रीब्यूशन करने यानी अपनी नौकरी बिना ब्रेक हुए 10 साल तक करने पर 58 साल की उम्र में पेंशन भी बनती है. ये पेंशन कितनी होती है इसके लिए EPFO (Employees Provident Fund Organisation) एक फार्मूला लगाता है. 

ये पेंशन विशेष परिस्थिति में नॉमिनी को ट्रांसफरेबल भी होती है. यदि सेवा में रहने के दौरान किसी कर्मचारी का आकस्मिक निधन हो जाता है तो ये पेंशन उसके पति/पत्नी के अलावा दो बच्चों को भी दी जाती है. यानी ऐसी परिस्थिति में ये पेंशन घर में तीन लोगों को एक साथ मिल सकती है. कुल मिलाकर भारत सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय के अधीन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)  संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि (Provident Fund), पेंशन (Pension) और बीमा (Insurance) जैसी सामाजिक सुरक्षा देता है. ये सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा देता है. 

पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) की इस सीरीज में हम आपको EPFO के तहत नियोक्ता की तरफ पेंशन में दिए गए अंशदान और बनने वाले पेंशन की पूरी कैलकुलेशन समझा रहे हैं. साथ ही हम 27 साल के ज्ञानेंद्र को रिटायरमेंट पर कितना फंड मिलेगा इसको भी कैलकुलेट करके बता रहे हैं. 

EPFO के तहत पेंशन स्कीम क्या है? 

EPS (Employee Pension Scheme) के तहत सभी कर्मचारियों के PF कंट्रीब्यूशन का एक पार्ट EPS में जाता है. ये पार्ट कर्मचारी नहीं बल्कि नियोक्ता (नौकरी देने वाला) जमा करता है. कर्मचारी भविष्य निधि में एम्लॉई का कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी और डीए का 12 फीसदी होता है. इतना ही नियोक्ता को भी जमा करना होता है. 

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राजीव की उम्र 27 साल है. इनकी बेसिक सैलरी और डीए (महंगाई भत्ता) मिलाकर 30,000 रुपए है. राजीव समझ नहीं पा रहे हैं कि PF में उनका और नियोक्ता का कंट्रीब्यूशन क्या होगा? EPS के लिए कितना पैसा हर महीने कंट्रीब्यूट होगा? हम राजीव की इस समस्या का समाधान इनकी पूरी सैलरी को कैलकुलेट करके करते हैं. 

ऐसे कैलकुलेट होता है पेंशन कंट्रीब्यूशन 

  • राजीव को बेसिक सैलरी+ DA यानी 30,000 का 12 फीसदी पीएफ कंट्रीब्यूशन होगा. 
  • PF में न्यूनतम कंट्रीब्यूशन 12% होता है. 
  • इतना ही कंट्रीब्यूशन नियोक्ता को भी करना होगा. 
  • हालांकि नियोक्ता के हिस्से का दो पार्ट होगा. 
  • एक पार्ट यानी 8.33% EPS में जमा करना होगा. 
  • बाकी रकम यानी PF में जमा होगी. 

EPS कंट्रीब्यूशन में है एक पेंच 

देखा जाए तो EPF कंट्रीब्यूशन में एक पेंच है. इसका कैलकुलेशन बेसिक+DA पर होता है जो अधिकतम 15,000 रुपए होना चाहिए. इससे ज्यादा भी बेसिक+DA हो फिर भी पेंशन में कंट्रीब्यूशन का कैलकुलेशन अधिकतम 15000 रुपए जिसका 12 फीसदी 1,250 रुपए होता है. यानी ज्ञानेंद्र की बेसिक सैलरी+ DA भले ही 30,000 रुपए है पर उनके EPS खाते में अधिकतम 1250 रुपए का ही कंट्रीब्यूशन होगा. 

  • यानी ज्ञानेंद्र का मंथली पीएफ कंट्रीब्यूशन 3,600+ (3600-1250)= 5,950
  • पेंशन में मंथली कंट्रीब्यूशन=1250

यदि ज्ञानेंद्र का सालाना सैलरी इन्क्रीमेंट 5 फीसदी मान लिया जाए और पीएफ मिलने वाला ब्याज औसतन 8.1 फीसदी मान लिया जाए तो 27 साल के ज्ञानेंद्र कोको रिटायरमेंट पर लगभग 2 करोड़ के आसपास का बड़ा फंड मिलेगा. 

ज्ञानेंद्र को कितना मिलेगा पेंशन? 

अब सवाल ये है कि ज्ञानेंद्र को पेंशन कितना और कब मिलेगा. EPFO के मुताबिक कोई भी कर्मचारी लगातार 10 साल तक काम करके EPS में कंट्रीब्यूशन कर लेता है तो वो पेंशन का हकदार हो जाता है. अब सवाल एक और है कि किसी कर्मचारी की 10 साल की सेवा पूरी करने से पहले ही डेथ हो जाती है तो उसको पेंशन मिलेगा? जवाब है- हां उसकी नॉमिनी और उसके अधिकतम 2 बच्चों को पेंशन का लाभ सरकार देगी. 

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EPFO के तहत, कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (EPS-95) के माध्यम से कर्मचारियों और उनके परिवारों को पेंशन लाभ दिया जाता है. इस योजना में कई प्रकार की पेंशन शामिल हैं.

सुपरएनुएशन पेंशन (Superannuation Pension)

  • पात्रता: 58 वर्ष की आयु पूरी करने और कम से कम 10 वर्ष की सेवा अवधि. 
  • पेंशन शुरू होगी: 58 वर्ष की आयु के बाद.
  • माना कि सेवा अवधि 20 साल की है तो पेंशन मिलेगा- (15000×20)/70=  ₹4,286 (लगभग)

अर्ली पेंशन (Early Pension)

  • पात्रता: 50 वर्ष की आयु पूरी करने और कम से कम 10 वर्ष की सेवा अवधि. 
  • पेंशन राशि में कटौती: 58 वर्ष से पहले प्रत्येक वर्ष के लिए 4% की कमी.
  • 8 साल पहले पेंशन लेने पर हर साल 4% कटौती के हिसाब से कुल कटौती 32%.
  • कटौती के बाद मासिक पेंशन बनेगी 4,286−(4,286×0.32)=₹2,915(लगभग).   

विधवा पेंशन (Widow Pension)

  • पात्रता: सदस्य (पति अथवा पत्नी) की मृत्यु के बाद उसके स्पाउस को आजीवन पेंशन.
  • पेंशन राशि: सदस्य की पेंशन योग्य वेतन और सेवा अवधि के आधार पर.
  • इसमें कर्मचारी ने 10 साल से अधिक सेवा दी हो तो उसके स्पाउस को सुपरएनुएशन पेंशन के बराबर पेंशन दी जाएगा. 

बच्चों की पेंशन (Children Pension)

  • पात्रता: सदस्य की मृत्यु के बाद 25 वर्ष की आयु तक अधिकतम 2 बच्चों को पेंशन.
  • पेंशन राशि: मां/पिता को मिल रही पेंशन का 25% प्रति बच्चों को. 
  • यदि मां/पिता को 4,286 पेंशन मिल रही है तो प्रति बच्चे को 1071 रुपए के लगभग मासिक पेंशन मिलेगी. 

ऑर्डिनरी फैमिली पेंशन (Ordinary Family Pension)

  • पात्रता: सदस्य की सेवा के दौरान मृत्यु, जब सेवा अवधि 7 वर्ष से कम हो.
  • पेंशन राशि: न्यूनतम पेंशन राशि के बराबर.
  • इसमें कर्मचारी की सेवा 7 साल से कम है तो नॉमिनी (पति/पत्नी) को 1000 रुपए पेंशन आजीवन मिलेगी. 

एन्हांस्ड फैमिली पेंशन (Enhanced Family Pension)

  • पात्रता: सदस्य की सेवा के दौरान मृत्यु, जब सेवा अवधि 7 वर्ष या उससे अधिक हो.
  • पेंशन राशि: सदस्य की पेंशन योग्य वेतन और सेवा अवधि के आधार पर, अधिकतम 7 वर्षों के लिए या 58 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो. 
  • इसमें पहले 7 वर्ष तक नॉमिनी को पेंशन सुपरनुएशन के बराबर मिलेगी. उसके बाद 1000 रुपए आजीवन पेंशन मिलेगी. 

ज्ञानेंद्र को इतना मिलेगा पेंशन

यदि ज्ञानेंद्र ने 27 साल की उम्र से नौकरी करनी शुरू की और 58 साल की उम्र तक उन्होंने 31 साल तक नौकरी की. ऐसे में उनका पेंशन का कैलकुलेश इस फार्मूले से होगा. 

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  • पेंशन योग्य वेतन में नौकरी के वर्ष का गुणा करके उसमें 70 का भाग देना होता है. 
  • इसमें पेंशन योग्य वेतन रिटायरमेंट से पहले 60 महीनों का औसत मासिक बेसिक सैलरी होता है. 
  • इसे अधिकतम 15,000 माना गया है. यानी ज्ञानेंद्र की बेसिक भले ही डेढ़ लाख हो पर कैलकुलेशन 15,000 रुपए पर ही होगा. 
  • ऐसे में ज्ञानेंद्र को 58 साल की उम्र से 6642 रुपए मासिक पेंशन मिलेगा. 

पेंशन कैलकुलेट

यहां क्लिक करके अपना मांगी गई जानकारी देकर अपना पेंशन कर सकते हैं कैलकुलेट

अब हो रही ये मांग 

महंगाई को देखते हुए लंबे समय से ये मांग हो रही है कि अधिकतम बेसिक सैलरी की सीमा को बढ़ाकर 15,000 की जगह 21,000 कर दिया जाए. इससे पेंशन कंट्रीब्यूशन बढ़ेगा, लेकिन रिटायरमेंट पर मिलने वाले पेंशन का अमाउंट भी बढ़ जाएगा. इससे EPS में अधिकतम योगदान 1250 से बढ़कर 1749 रुपए हो जाएगा. ऐसे में ज्ञानेंद्र को मंथली 9,300 रुपए मासिक पेंशन मिलने लगेगा.

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