Personal Finance : VPF में पैसे लगाकर टैक्स बचाने के साथ रिटायरमेंट तक जोड़ सकते हैं 3 करोड़ से ज्यादा, जानें ये स्कीम
Voluntary Provident Fund: VPF का पूरा नाम Voluntary Provident Fund (वीपीएफ) है. यह एक ऐच्छिक भविष्य निधि योजना है, जिसमें EPF (Employees' Provident Fund) का सदस्य होने पर कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 100% से अधिक योगदान कर सकता है.
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Voluntary Provident Fund: हर कोई रिटायरमेंट पर एक बड़ा फंड तैयार करने की योजना बनाता है ताकि उसका भविष्य सुरक्षित रहने के साथ कुछ जरूरी और बड़े काम किया जा सकें. अब सवाल ये है कि बिना बाजार के रिस्क के सुरक्षित निवेश और इनकम टैक्स में छूट के साथ बड़ा फंड कैसे तैयार हो? यही सवाल अदिति के मन में भी है.
अदिति एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. उनको नौकरी शुरू किए कुछ ही साल हुए हैं. फिलहाल उनका बेसिक और DA (महंगाई भत्ता) मिलाकर 35000 रुपए मंथली है. अदिति दूसरे कई निवेश के अलावा एक सुरक्षित निवेश चाहती हैं जिसके पैसे रिटायरमेंट पर एक बड़े फंड के रूप में मिले.
चूंकि PF (Provident Fund) में कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 12% ही जमा होता है. नियोक्ता का अंशदान भी होता है पर वो पेंशन के अलावा बाकी बची रकम का अंशदान करता है. बढ़ती महंगाई में ये फंड अदिति के लिए इतना बड़ा नहीं हो पाएगा जिससे उस वक्त ये कोई बड़ी जरूरत पूरी कर सकें. अदिति के पास निवेश के कई विकल्प जैसे PPF, FD भी हैं. हालांकि ब्याज दर की तुलना करें तो इस मामले में PF इनसे बेहतर है और इनकम टैक्स में छूट भी दिलाता है. PF में निवेश की सीमा है. ऐसे में PF के साथ VPF यानी (Voluntary Provident Fund) में निवेश कर अदिति बड़ा फंड तैयार करने का अपना लक्ष्य पूरा कर सकती हैं.
VPF क्या है?
VPF का पूरा नाम Voluntary Provident Fund (वीपीएफ) है. यह एक ऐच्छिक भविष्य निधि योजना है, जिसमें EPF (Employees' Provident Fund) का सदस्य होने पर कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 100% से अधिक योगदान कर सकता है. इस कैलकुलेश को समझने के लिए यहां क्लिक करें
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VPF की खास बातें
- ये EPF का ही एक्सटेंशन है.
- EPF में कर्मचारी को बेसिक सैलरी का 12% योगदान अनिवार्य रूप से देना होता है.
- VPF में वह चाहे तो बेसिक+DA का 100% तक योगदान कर सकते हैं.
- इसमें नियोक्ता का कोई योगदान नहीं होता है.
- VPFO पर वही ब्याज मिलता है, जो EPF पर मिलता है.
- फिलहाल ब्याज दर 8.25% है. इसकी फुल डिटेल के लिए यहां क्लिक करें.
टैक्स बेनिफिट
- VPF में किया गया निवेश 80C के तहत ₹1.5 लाख तक टैक्स फ्री होता है.
- 5 साल से पहले निकासी करने पर ब्याज पर टैक्स लग सकता है.
- इसमें निजी कंपनी के कर्मचारी ढाई लाख तक और सरकारी कर्मचारी 5 लाख रुपए तक निवेश की सीमा कर सकते हैं.
- इससे ऊपर की रकम पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होगा.
- यानी पीएफ और VPF मिलाकर ढाई लाख सालाना से अधिक का निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होगा.
- VPF में कोई अलग से लॉक-इन पीरियड नहीं है.
- इसे EPF की तरह ही 58 साल की उम्र तक होल्ड किया जा सकता है.
इस योजना में रिस्क ?
- VPF सरकार समर्थित स्कीम है, इसलिए यह बिल्कुल सुरक्षित (Risk-Free) है.
- यह बैंक FD से ज्यादा ब्याज देता है और पूरी तरह से सुरक्षित रहता है.
VPF के नुकसान
- 5 साल से पहले निकासी पर ब्याज पर टैक्स लगेगा.
- एक बार योगदान शुरू करने के बाद फाइनेंशियल ईयर में इसे बंद नहीं किया जा सकता.
- इसे EPF अकाउंट से अलग नहीं रखा जा सकता, इसलिए EPF के साथ ही ट्रांसफर या निकासी होगी.
VPF कैलकुलेशन
- आदिति की बेसिक सैलरी और DA (dearness allowance) मिलाकर 35000 रुपए महीने है. ऐसे में इनका पीएफ कैलकुलेशन ये होगा.
- करीब डेढ़ करोड़. (PF कैलकुलेशन कैसे होता है? जानने के लिए क्लिक करें )
- आदिति का VPF कैलकुलेशन कुछ ऐसे होगा...
- VPF योगदान (मंथली, नॉन-टैक्सेबल लिमिट तक)
- नॉन-टैक्सेबल सीमा = ₹2.5 लाख प्रति वर्ष
- EPF + VPF = ₹2,50,000 तक टैक्स फ्री होगा.
- EPF योगदान = ₹4,200 × 12 = ₹50,400 (सालाना)
- टैक्स फ्री VPF = ₹2,50,000 - ₹50,400 = ₹1,99,600 सालाना.
- VPF मंथली योगदान = ₹1,99,600 ÷ 12 = ₹16,633 (अधिकतम नॉन-टैक्सेबल).
- हालांकि आदिति 12500 रुपए महीने VPF में कंट्रीब्यूट कर रही हैं.
ऐसे में इन्हें 58 साल की उम्र में VPF से करीब डेढ़ करोड़ रुपए मिलेंगे. यानी EPF और VPF मिलाकर अदिति को 3 करोड़ रुपए के करीब मिलेंगे.
VPF Vs PPF Vs FD Vs ELSS
स्कीम | ब्याज दर (वर्तमान) | टैक्स का फायदा | लॉकइन पीरियड | रिस्क लेवल |
VPF | 8.25% | हां (80C) | 5 साल से पहले निकासी पर ब्याज पर टैक्स लगेगा. | कोई रिस्क नहीं |
PPF | 7.1% | हां (80C) | 15 साल | कोई रिस्क नहीं |
FD | 6-7% | केवल टैक्स-सेविंग FD 5 साल वाला | 5 साल | बैंक डिपॉजिट पर रिस्क कम |
Mutual Funds (ELSS) | 10-15% (ग्लोबल एवरेज) | हां (80C) | 3 साल | मार्केट रिस्क |
ऐसे शुरू करें VPF
- अगर आप VPF में योगदान करना चाहते हैं अपनी HR या Payroll टीम से संपर्क करें.
- VPF के लिए एक आवेदन भरें, जिसमें योगदान प्रतिशत लिखें.
क्यों चुने VPF
- अगर आप सेफ और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो VPF बढ़िया विकल्प है.
- अगर आपको जल्दी पैसे की जरूरत हो सकती है, तो यह सही विकल्प नहीं है, क्योंकि निकासी में समय लग सकता है.
निष्कर्ष:
VPF रिटायरमेंट सेविंग बढ़ाने का एक बेहतरीन तरीका है, खासकर उन लोगों के लिए जो रिस्क-फ्री निवेश चाहते हैं और EPF के जरिए अच्छा ब्याज पाना चाहते हैं. हालांकि, अचानक पैसे की जरूरत हो तो उस वक्त ये पैसे पैसे फंस सकते हैं, इसलिए इसे शुरू करने से पहले प्लानिंग जरूरी है.
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