Personal Finance: बुजुर्गों के लिए गजब की है ये सरकारी स्कीम, इनकम देख भूल जाएंगे FD और POMIS
बुजुर्गों के लिए लगाने हैं तो फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) से बेहतर विकल्प सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme) हो सकती है. इस स्कीम की बात करें तो इसमें ब्याज दर फिलहाल FD और POMIS के मुकाबले ज्यादा है.
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अपनी एक मुश्त राशि को सुरक्षित रखने और उसपर मंथली इनकम के लिए अक्सर लोग FD (Fixed Deposit) या POMIS (Post Office Monthly Income Scheme) स्कीम में पैसे लगाते हैं. यदि पैसे बुजुर्ग को लगाने हैं तो FD और POMIS से बेहतर विकल्प वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme) भी हो सकती है. इस स्कीम की बात करें तो इसमें ब्याज दर फिलहाल FD और POMIS के मुकाबले ज्यादा है. यानी सीनियर सीटीजन के लिए ये फायदे का निवेश साबित हो सकता है. हालांकि इसपर ब्याज मंथली न मिलकर तिमाही मिलता है.
मान लीजिए A की उम्र 60 साल है. इनके पास 30 लाख रुपए हैं जो बैंक के सेविंग अकाउंट में पड़े हैं. यदि इस पैसे का निवेश ये SCSS यानी सीनियर सिटीजन स्कीम में करते हैं तो इन्हें तीन महीने में 61,500 रुपए मिलते हैं. वहीं FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) पर आज के समय वरिष्ठ नागरिक के लिए ये रकम मंथली 54,000 रुपए के करीब होगी. ध्यान देने वाली बात है कि एफडी पर फिलहाल ब्याज दर औसतन 6-7 फीसदी है. कुछ ही बैंक में इसपर ब्याज इससे ज्यादा है. एफडी के लिए अलग-अलग बैंकों के ब्याज दरों की तुलना करनी पड़ती है. वहीं SCSS में हर जगह एक फिक्स ब्याज दर होती है.
एकमुश्त राशि पर ब्याज के लिए बेहतर कौन ?
बुजुर्गों की बात करें तो सुरक्षित निवेश के साथ अपने रोजमर्रा के खर्च से निपटने के लिए मंथली इनकम जरूरी है. इसके लिए FD और POMIS (पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम) बेहतर ऑप्शन हैं. इन योजनाओं में मूलधन सुरक्षित रहने के साथ हर महीने ब्याज के रूप में मंथली पैसा मिलता है. हालांकि यदि ये रकम ज्यादा चाहिए तो इसके लिए सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम ज्यादा मुफीद है. इसमें बस एक समस्या ये है कि ब्याज की रकम मंथली न मिलकर तिमाही है. अब सवाल ये है कि फिलहाल किस योजना में पैसे लगाना बेहतर होगा. आपकी मदद के लिए हम एक तुलनात्मक चार्ट के जरिए इसे बता रहे हैं...
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विशेषता | SCSS | FD | POMIS |
ब्याज दर | 8.2% सालाना | 5% - 7% (बैंक के अनुसार अलग-अलग) | 7.4%वार्षिक |
अवधि | 5 वर्ष (3 साल तक बढ़ा सकते हैं) | 7 दिन से 10 वर्ष तक | 5 साल |
न्यूनतम निवेश | ₹1,000 | ₹1,000 | ₹1,000 |
अधिकतम निवेश | ₹30 लाख | बैंक के मुताबिक | व्यक्तिगत: ₹9 लाख संयुक्त: ₹15 लाख |
ब्याज का भुगदान | तिमाही | मासिक/तिमाही/वार्षिक | मासिक |
टैक्स से छूट | धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक | 5 साल की FD पर 80C के तहत ₹1.5 लाख तक | नहीं |
मैच्योरिटी से पहले निकासी | 1 साल के बाद जुर्माने के साथ | बैंक के अनुसार |
1 साल के बाद जुर्माने के साथ |
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कंपाउंडिंग का नहीं मिलता है लाभ
SCSS और POMIS में कंपाउंडिंग का लाभ नहीं मिलता है. यानी POMIS में ब्याज मंथली सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. वहीं SCSS में ब्याज हर तीन महीने पर सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता है. वहीं एफडी में पैसे मंथली नहीं लेने पर मैच्योरिटी पर इसपर कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है.
अब जानिए SCSS की पूरी डिटेल
केंद्र सरकार द्वारा समर्थित SCSS वरिष्ठ नागरिकों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए ये योजना शुरू की गई है. इसपर फिलहाल 8.2% वार्षिक ब्याज मिल रहा है. SCSS वरिष्ठ नागरिकों को अपनी रिटायरमेंट फंड को सुरक्षित रखने के साथ ही मंथली इनकम कराने वाली स्कीम मानी जा रही है.
- खाता व्यक्तिगत या ज्वाइंट खाता (केवल पत्नी/पति खोल सकते हैं).
- न्यूनतम जमा करने वाली राशि 1000 रुपए है.
- अधिकम राशि 30 लाख रुपए है.
- इसमें ब्याज की गणना तिमाही है और ब्याज भी तिमाही के आधार पर क्रेडिट होता है.
- फिलहाल इसपर ब्याज दर 8.2% है.
- इसमें 5 साल का लॉकिंग पीरियड है.
- 5 साल के बाद इसे 3 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.
- हालांकि इसे बढ़ाने के लिए आवेदन मैच्योरिटी के 1 साल के अंदर ही करना होगा.
- इस योजना से किसी बैंक या डाक घर में जाकर जुड़ सकते हैं.
SCSS के लिए योग्यता
- इसके लिए 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भारतीय निवासी पात्र है.
- 55 साल से अधिक, लेकिन 60 से कम आयु का कोई भारतीय निवासी जिसने VRS लिया हो.
- ये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नियमों के तहत हो या उचित सेवानिवृत्ति हो.
- ऐसे लोग रिटयरमेंट का लाभ मिलने के एक महीने के भीतर इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
- ऐसे लोग रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले पैसे से ज्यादा राशि जमा नहीं कर सकते हैं.
- इनके अलावा विशेष नियमों और शर्तों को पूरा करने वाले रक्षा सेवा से जुड़े लोग भी इसका लाभ ले सकते हैं.
- इसमें सेवानिवृत्त रक्षाकर्मी भी 50 साल के होने के बाद इसका लाभ ले सकते हैं.
- गैर भारतीय, अप्रवासी भारतीय और हिंदू अविभाजित परिवार के सदस्य इसके पात्र नहीं हैं.
नॉमिनी
- SCSS कम से कम एक या अधिक से अधिक 4 व्यक्तियों को नॉमिनेट कर सकते हैं.
- ये लोग बुजुर्ग के निधन के बाद खाते में जमा पैसा और उसपर मौजूदा ब्याज निकाल सकते हैं.
- यदि ज्वाइंट खाता है तो पति/पत्नी में से किसी एक के निधन पर दूसरा उस खाते का संचालन कर सकता है.
- दोनों के निधन के बाद ही पूरी राशि नॉमिनी को मिलेगी.
- इसमें पति-पत्नी अलग-अलग अपना खाता भी खोल सकते हैं.
- एक शख्स एक से अधिक खाता खोल सकता है पर कुल खातों की रकम अधिकतम सीमा से ऊपर नहीं हो सकती.
टैक्स में छूट
- इसपर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत कर में छूट मिलता है.
- हालांकि ये सीमा 1.5 लाख रुपए तक ही है.
- एक वित्तीय वर्ष के लिए 50,000 रुपए से अधिक ब्याज राशि पर 10 फीसदी TDS था जो अब बदल गया है.
बजट 2025 में बुजुर्गों के लिए बड़ा तोहफा
2 फरवरी को पेश किए गए बजट में 50,000 रुपए की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है. यानी एक वित्तीय वर्ष में मिलने वाला ब्याज 1 लाख रुपए से ज्यादा होगा तभी बुजुर्गों को इसपर 10 फीसदी TDS देना होगा. इस हिसाब से केंद्र सरकार ने ये तोहफा देकर बुजुर्ग को मिलने वाली रकम की मात्रा को एक तरह से बढ़ा दिया है. इसकी पूरी डिटेल जानने के लिए यहां क्लिक करें (Budget 2025 for senior citizens )
लॉकिंग पीरियड से पहले पैसे निकालने पर क्या होगा?
- यदि लॉकिंग पीरियड से पहले पैसे निकाला जाता है तो जुर्माना देना होगा.
- यदि खाता खोलने के 1 साल के भीतर है उसे बंद करना है तो ब्याज की राशि काटकर पैसे वापस किए जाते हैं.
- यदि 1 साल बाद और 2 साल से पहले बंद किया जाता है तो जमा राशि का 1.5 फीसदी जुर्माना काटा जाता है.
- 2 साल के बाद खाता बंद किया जाता है तो जमा राशि का 1 फीसदी पैसा काटा जाता है.
ऐसे खोल सकते हैं अकाउंट
- तय योग्यता के मुताबिक किसी बैंक या डाक घर में SCSS का खाता खोल सकते हैं.
- इसमें आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, या वोटर आईडी का इस्तेमाल होगा.
- इसके अलावा सेवानिवृत्ति लोगों का रिटायरमेंट सर्टिफिकेट लगेगा.
- आवेदक को पासपोर्ट साइज रंगीन फोटो भी ले जाना होगा.
देखा जाए तो SCSS वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक सुरक्षित फायदे वाला निवेश का विकल्प है. ये ऊंचे ब्याज दर और बेनिफिट देता है. हालांकि अधिकतम निवेश सीमा 30 लाख रुपए तक ही है. इसके अलावा ब्याज का भुगतान तिमाही होता है. यदि आप मासिक आय चाहते हैं., तो POMIS बेहतर ऑप्शन हो सकता है. हालांकि इसमें ब्याज दर SCSS के मुकाबले थोड़ी कम है. वहीं बैंक एफडी की बात करें तो इसमें लचीलापन अधिक है. इसमें ब्याज को मैच्योरिटी के बाद लेने पर कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है. इसमें समस्या ये है कि अलग-अलग बैंक अलग-अलग ब्याज दर ऑफर करते हैं. ऐसे में एफडी करने से पहले इसे पता करना पड़ता है.
डिस्क्लेमर : ये कैलकुलेशन मौजूदा ब्याज दर पर है. निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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