Personal Finance : पैसे डबल करने हैं तो पोस्ट ऑफिस की KVP स्कीम है गजब की, जानें इसकी पूरी डिटेल
पर्सनल फाइनेंस की इस सीरीज में हम आपको आज किसान विकास पत्र की पूरी डिटेल, इसके फायदे और इसकी तुलना एफडी, SCSS, POMIS से कर रहे हैं.
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एक मुश्त राशि जमा कर उसपर शानदार रिटर्न पाने वाली कई योजनाएं हैं. पर आप पैसे डबल करना चाहते हैं तो पोस्ट ऑफिस की किसान विकास पत्र (KVP) स्कीम बड़े काम की है. ये योजना भारत सरकार के वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) द्वारा संचालित किया जाता है. ऐसे में ये स्कीम सुरक्षित और गारंटीड है.
पर्सनल फाइनेंस की इस सीरीज में हम आपको आज किसान विकास पत्र की पूरी डिटेल, इसके फायदे और इसकी तुलना एफडी, SCSS, POMIS से कर रहे हैं. इससे आपको समझने में आसानी मिलेगी कि पैसे लगाने के पीछे उद्देश्य क्या है और इस उद्देश्य को केंद्र में रखते हुए आप किसी स्कीम में पैसे निवेश करें?
हरिओम की उम्र 35 साल है. उनके गांव की पुश्तैनी जमीन बिकने के बाद उन्हें एक मुश्त 10 लाख रुपए की राशि मिली है. हरिओम निजी कंपनी में नौकरी करते हैं. उन्हें मंथली पैसों की जरूरत नहीं है. ऐसे में वे एकमुश्त राशि किसी सरकारी योजना में लगाएं कि पैसे सुरक्षित रहने के साथ रिटर्न अच्छा और गारंटीड हो. तेजी से गिर रहे बाजार को देखते हुए हरिओम बाजार आधारित निवेश की तरफ नहीं जाना चाहते हैं.
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KVP, FD, POMIS या SCSS किसमें पैसे ज्यादा बढ़ेंगे?
चूंकि सीनियर सीटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) का लाभ केवल वरिष्ठ नागरिक ही ले सकते हैं. ऐसे में हरिओम इसका लाभ नहीं ले सकते हैं. अब बात करते हैं पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) की. इसमें एकमुश्त 9 लाख से ज्यादा जमा नहीं हो सकता है. इसमें हर महीने ब्याज राशि मिलती है. यानी एकमुश्त राशि पर रिटर्न नहीं मिलता है. अब एफडी और केवीपी दोनों में एकमुश्त राशि पर रिटर्न ले सकते हैं. दोनों में चक्रवृद्धि ब्याज मिलता है. एफडी के साथ एक शर्त ये है कि यदि एकमुश्त राशि जमा करने के बाद पूरा पैसा मैच्योरिटी पर लेते हैं तो कंपाउंडिंग इटरेस्ट मिलता है. यदि मंथली/तिमाही या सालाना के आधार पर लेते हैं तो साधारण ब्याज से कैलकुलेट होगा.
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किसान विकास पत्र और एफडी में तुलना
अगर हम किसान विकास पत्र (KVP) और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की तुलना करें, तो KVP में पैसा दोगुना होने का समय पहले से तय होता है, जबकि FD में ब्याज दर बैंक के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है। आइए इसे ₹10 लाख के निवेश और उतनी ही अवधि के लिए तुलना करके समझते हैं।
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तुलना का आधार
- KVP की मौजूदा ब्याज दर (फरवरी 2024): 7.5% सालाना (चक्रवृद्धि ब्याज)
- KVP में पैसा दोगुना होने की अवधि: 115 महीने (9 साल 7 महीने)
- FD की ब्याज दर (उसी अवधि के लिए, अनुमानित): 7.5% सालाना (चक्रवृद्धि ब्याज)
- निवेश राशि: ₹10 लाख
डिटेल | किसान विकास पत्र (KVP) | फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) |
ब्याज दर | 7.5% (सरकार द्वारा तय) | 7.5% (बैंक द्वारा तय, अलग-अलग हो सकती है) |
ब्याज का प्रकार | तिमाही चक्रवृद्धि | तिमाही चक्रवृद्धि |
अवधि | 9 साल 7 महीने (115 महीने) | 9 साल 7 महीने (115 महीने) |
मैच्योरिटी पर कुल राशि | ₹20 लाख (डबल) | ₹20.84 लाख |
इनकम टैक्स में लाभ | नहीं मिलता | 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट |
TDS लागू ? | नहीं | 10% TDS |
लिक्विडिटी | 2.5 साल बाद निकासी संभव | बैंक नियमों के अनुसार |
तो FD ज्यादा फायदेमंद?
अगर आपको टैक्स बचाना है और थोड़ी ज्यादा लिक्विडिटी चाहिए, तो FD बेहतर ऑप्शन है.
अगर आप बिना टैक्स कटौती और पूरी सुरक्षा के साथ लॉन्ग-टर्म निवेश चाहते हैं, तो KVP शानदार विकल्प हो सकता है.
अगर टैक्स की चिंता नहीं है, तो FD बेहतर हो सकता है क्योंकि इसका मैच्योरिटी अमाउंट ₹20.84 लाख है तो केवीपी से ज्यादा है.
KVP स्कीम का लाभ कैसे लें?
किसान विकास पत्र में निवेश करने के लिए आप किसी भी नजदीकी डाकघर या अधिकृत बैंक शाखा में जाकर आवेदन कर सकते हैं. आवेदन फॉर्म भरकर, आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें और न्यूनतम ₹1,000 या उससे अधिक की राशि जमा करें.
योजना का लाभ कौन ले सकता है?
- आवेदक भारत का निवासी होना चाहिए.
- न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए.
- नाबालिगों के लिए, माता-पिता या अभिभावक उनके बिहाफ पर निवेश कर सकते हैं.
- हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और अनिवासी भारतीय (NRI) इस योजना में निवेश के पात्र नहीं हैं.
योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस या पासपोर्ट.
- पते का प्रमाण: पासपोर्ट, आधार कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोन बिल आदि.
- पैन कार्ड: ₹50,000 से अधिक के निवेश के लिए जरूरी.
- आय प्रमाण: ₹10 लाख या उससे अधिक के निवेश के लिए जरूरी.
KVP की खास बातें
- किसान विकास पत्र में निवेश डाकघर या सरकारी बैंक से.
- न्यूनतम राशि ₹1,000 और अधिकतम की सीमा नहीं है.
- निवेश एक बार एकमुश्त
- निवेश की अवधि फिलहाल 9 साल 7 महीने.
- लॉकइन पीरियड से पहले 2.5 वर्ष (30 महीने) पर निकासी कर सकते हैं.
- निकासी पर कुछ शर्तें और फाइन के साथ लागू होगी.
- इसपर ब्याज दर सरकार तय करती है.
- फिलहाल 7.5% प्रति वर्ष ब्याज दर है जो बदलता रहता है.
- इसमें पैसे निवेश करने पर इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलती है.
- हालांकि रिटर्न पर TDS नहीं कटता है.
- यानी ब्याज की रकम 50000 है तो उसपर 10 फीसदी TDS कटता है.
निष्कर्ष
यदि एकमुश्त पैसे लगाकर रिटर्न मासिक या तिमाही चाहिए तो POMIS और FD बेहतर विकल्प हैं. यदि रिटर्न लॉन्ग टर्म में चाहिए तो एफडी या KVP अच्छे ऑप्शन हैं. यदि निवेश करने वाला 60 साल या इससे ऊपर की उम्र का है तो उसे SCSS में निवेश करना चाहिए. यहां एफडी से ज्यादा ब्याज दर ऑफर की जाती है. यदि ब्याज पर टीडीएस से छूट चाहिए तो KVP और यदि इनकम टैक्स में छूट चाहिए तो एफडी का विकल्प ले सकते हैं.
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