Personal Finance : शेयर बाजार में बनाने हैं खूब पैसे तो पहले जान लें ये Tips और Full डिटेल
निवेश के बाद बंफर रिटर्न चाहिए तो शेयर मार्केट की तरफ जा सकते हैं बशर्ते किआप रिस्क लेने से घबराते न हों. लोग शेयर मार्केट से अपडेट रहकर और इसमें पैसे लगाकर दिन दोगुनी-रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं. हालांकि इसमें जोखिम भी है.
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निवेश के बाद बंफर रिटर्न चाहिए तो शेयर मार्केट की तरफ जा सकते हैं बशर्ते किआप रिस्क लेने से घबराते न हों. लोग शेयर मार्केट से अपडेट रहकर और इसमें पैसे लगाकर दिन दोगुनी-रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं. हालांकि इसमें जोखिम भी है. रिस्क लेने की क्षमता के साथ हर रोज शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से अपडेट रह सकते हैं तो पैसे डबल-ट्रिपल और इससे भी ज्यादा हो सकते हैं. जितना नॉलेज और अनुभव उतरा रिस्क कम.
किशन एक प्रइवेट कंपनी में काम करते हैं. अपनी मंथली सैलरी में 50-20-30 का फार्मूला लगाकर खर्च के साथ बचत भी कर लेते हैं. फिलहाल इनकी उम्र 30 साल है. ये रिस्क लेकर ज्यादा पैसे बनाने की सोच रहे हैं. इसके लिए इन्हें शेयर बाजार का रुख करना चाहिए. हालांकि किशन के पास शेयर बाजार को लेकर जानकारी का आभाव है. ऐसे में हम पर्सनल फाइनेंस की सीरीज में शेयर बाजार की ABCD बताने जा रहे हैं.
शेयर मार्केट क्या है?
शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां निवेशक कंपनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं और अपने निवेश की रकम को बढ़ाने पर फोकस रखते हैं. कंपनियों को अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए पूंजी की जरूरत होती है. इसे जुटाने के लिए वे शेयर जारी करती हैं. निवेशक इन शेयरों को खरीदकर कंपनी में हिस्सेदारी पाते हैं. कंपनी के पास इन निवेशकों का पैसा पहुंचता है और वे अपना बिजनेस बढ़ाती हैं. यदि कंपनी को मुनाफा हुआ तो निवेशकों के हिस्से में इसके मुनाफे की हिस्सेदारी आती है. यदि घाटा हुआ तो बतौर शेयरधारक निवेशक को घाटे का भी सामना करना पड़ता है. भारत में प्रमुख शेयर बाजारों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) शामिल हैं.
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शेयर बाजार में निवेश के लिए क्या करें?
- शेयर मार्केट में निवेश के लिए पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होगा.
- शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने और उन्हें खरीदने-बेचने के लिए ये खाते जरूरी है.
- शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए डीमैट अकाउंट काम में आता है.
- वहीं शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए ट्रेडिंग खाते का इस्तेमाल किया जाता है.
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है?
शेयर बाजार में निवेश से पहले डीमैट (Demat) और ट्रेडिंग (Trading) अकाउंट खोलना जरूरी है. डीमैट खाता निवेशक के शेयरों को डिजिटली स्टोर करने के लिए होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों को खरीदने और बेचने की सुविधा देता है. डीमैट खाता, बैंक अकाउंट की तरह ही काम करता है, लेकिन इसमें पैसे नहीं बल्कि शेयर स्टोर होते हैं. वहीं ट्रेडिंग खाता आपके बैंक अकाउंट और डीमैट अकाउंट से लिंक होता है. जब आप शेयर खरीदते हैं तो पेमेंट बैंक आकाउंट से होता है और शेयर डीमैट खाते में क्रेडिट हो जाते हैं. वहीं जब आप इसे ट्रेडिंग खाते के जरिए बेचते हैं तो शेयर डीमैट अकाउंट से कट जाते हैं और पैसे बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. भारत में दो प्रमुख डिपॉजिटरी संस्थान NSDL (National Securities Depository Limited) और CDSL (Central Depository Services Limited) हैं.
डीमैट और ट्रेडिंग खाता कैसे खोलें?
- सबसे पहले ब्रोकरेज फर्म चुनना होगा.
- इसमें एक बात जरूरी है कि ये फर्म स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े होने चाहिए.
ये हैं जाने-माने ब्रोकरेज फर्म
- Zerodha (www.zerodha.com)
- Upstox (www.upstox.com)
- Angel One (www.angelone.in)
- Groww (www.groww.in)
- ICICI Direct (www.icicidirect.com)
- HDFC Securities (www.hdfcsec.com)
- 5Paisa (www.5paisa.com)
क्या ब्रोकरेज फीस भी देनी होगी?
- अलग-अलग ब्रोकरेज फर्म अलग-अलग फीस चार्ज करते हैं.
- इसमें अकाउंट ओपन करने की फीस 500 रुपए तक ली जाती है.
- इसके अलावा डमैट मेंटनेंस चार्ज (AMC) 200-500 सालाना भी लेते हैं.
- ब्रोकरेज फीस हर ट्रेड पर 0.01% से 0.5% तक चार्ज लिया जाता है.
ध्यान देने वाली बात है कि कुछ ब्रोकर जैसे Zerodha, Upstox, Groww कम शुल्क लेते हैं. वहीं फुल-सर्विस ब्रोकर्स (ICICI Direct, HDFC Securities) पैसे ज्यादा लेते हैं पर रिसर्च और एडवाइजरी सर्विसेज भी देते हैं.
ऐसे खोलें डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन करें
- ब्रोकरेज फर्म की वेबसाइट पर जाएं और "Open Demat Account" पर क्लिक करें.
- ब्रोकरेज फर्म के कार्यालय जाकर आवेदन फॉर्म भरें और दस्तावेज जमा करें.
- ऑनलाइन के लिए जरूरी दस्तावेज अपलोड करें.
- इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड (अनिवार्य), पते का प्रमाण होना चाहिए.
- इसके अलावा आधार कार्ड / वोटर आईडी / ड्राइविंग लाइसेंस.
- पासपोर्ट / बिजली या गैस बिल (पिछले 3 महीने का).
- बैंक स्टेटमेंट (पिछले 3 महीने का), कैंसिल्ड चेक, आईटीआर , सभी दस्तावेज सेल्फ-अटेस्टेड हों.
- सभी दस्तावेज़ वेरिफाई होने के बाद, आपका डीमैट और ट्रेडिंग खाता 24-48 घंटे में एक्टिवेट हो जाएगा.
- आपको लॉगिन आईडी और पासवर्ड ईमेल या SMS के जरिए भेज दिया जाएगा.
- ब्रोकर की मोबाइल ऐप या वेबसाइट पर लॉगिन करके ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.
शेयर बाजार में निवेश से पहले ये तैयारी जरूरी
अब आप शेयर बाजार में निवेश के लिए तैयार हैं तो पहले शेयर मार्केट की बेसिक समझ को भी विकसित कर लें. इसके लिए ऑनलाइन कंटेंट, किताबों या एक्सपर्ट का सहारा ले सकते हैं. निवेश से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति, प्रबंधन और उनके औसत परफोर्मेंस की जानकारी जुटा लें और एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.
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इसके अलावा अपने फाइनेंशियल गोल और रिस्क को लेकर एक स्ट्रैटजी बना लीजिए. बाजार की अस्थिरता से बचने के लिए रेग्युलर और लॉन्ग टर्म निवेश पर ध्यान देना होगा.
शेयर बाजार के फायदे
- शेयर बाजार में पूरी जानकारी और बेहतर स्ट्रैटजी के साथ एक्सपर्ट की सलाह पर निवेश करने से अच्छा रिटर्न मिलता है.
- शेयर बाजार के निवेश को किसी भी समय आसानी से नकदी में बदला जा सकता है.
- अलग-अलग निवेश कर रिस्क को कम किया जा सकता है.
शेयर बाजार के नुकसान
- शेयर बाजार रिस्क वाला निवेश है.
- यहां बाजार ऊपर-नीचे होता रहता है. इसमें कभी फायदा तो कभी नुकसान का सौदा हो सकता है.
- हो सकता है आपका मूलधन भी चला जाए या ये भी हो सकता है कि आपको कई गुना फायदा कम वक्त में हो जाए.
शेयर बाजार के रिस्क को ऐसे करें कम
- शेयर बाजार के रिस्क को कम करने के लिए पैसे को एक शेयर में नहीं बल्कि अलग-अलग शेयर में लगाएं.
- बड़े अमाउंट की बजाय छोटे अमाउंट लगाएं.
- एक्सपर्ट की राय लें और सोच-समझ कर कंपनी की पूरी जानकारी लेकर निवेश करें.
- बाजार के उतार-चढ़ाव में संयम बनाकर रखें.
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