Emergency fund : प्राइवेट जॉब में नौकरी जाने की है टेंशन तो तुरंत कर लें ये इंतजाम, मुस्कुराते हुए कटेगी जिंदगी
what is emergency fund : इमरजेंसी फंड बुरे वक्त में आपके और आपके परिवार के काम आता है. इस फंड के लिए अचानक कोई बड़ी इनकम नहीं करनी और न ही किसी से कोई कर्ज लेने की जरूरत है. ये फंड आपकी सैलरी से ही थोड़ा-थोड़ा करके तैयार होगा.
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अनंत की उम्र 32 साल है. इनकी शादी भी हो चुकी है. एक बच्चा है जो स्कूल में पढ़ता है. ये निजी कंपनी में काम करते हैं. इनकी सैलरी 80,000 रुपए प्रति माह है. इनकी कॉस्ट कटिंग में नौकरी चली गई. मेट्रो सिटी में किराए का फ्लैट, परिवार की परवरिश, कार की EMI, बच्चे की फीस और दूसरे निवेश में मथली इन्वेस्टमेंट की चिंता ने इन्हें परेशान कर दिया.
3 महीने की बेरोजगारी में इन्होंने अपने लॉन्ग टर्म निवेश को बीच में ही तोड़ दिया. इससे इन्हें काफी नुकसान हुआ. दोस्तों से कर्ज लिया सो अलग. इस टेंशन में वे दूसरी जॉब में रिलैक्स होकर फोकस नहीं कर पाए. नतीजन दूसरी नौकरी मिलने में 3 महीने का वक्त लग गया. ये प्रॉब्लम अनंत की ही नहीं बल्कि आज के वक्त निजी क्षेत्र में काम करने वाले हर युवा की है. सैलरी भले ही अच्छी है पर जॉब सिक्योरिटी का न होना बड़ी चुनौती है. इस चुनौती से निपटने का भी एक उपाय है. हम क्रेडिट कार्ड और लोन की भी बात नहीं कर रहे हैं. हम बात कर रहे हैं 'इमरजेंसी फंड' की.
ये बुरे वक्त में आपके और आपके परिवार के काम आता है. इस फंड के लिए अचानक कोई बड़ी इनकम नहीं करनी और न ही किसी से कोई कर्ज लेने की जरूरत है. ये फंड आपकी सैलरी से ही थोड़ा-थोड़ा करके तैयार होगा. बस इसके लिए मंथली डिसीप्लीन की जरूरत है. तो आइए जान लेते हैं इमरजेंसी फंड के बारे में...
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इमरजेंसी फंड के फायदे
- ये आपको इकोनॉमिक सिक्योरिटी देता है.
- ये फंड आपकी निवेश की गई राशि को भी सुरक्षा देता है.
- ये फंड इमरजेंसी में कर्ज के बोझ तले दबने से बचाता है.
- इस फंड से मानसिक शांति रहती है.
कैसे बनेगा इमरजेंसी फंड ?
- अपनी सैलरी के बराबर कम से कम 3 महीने की राशि इकट्ठा करना होगा.
- इसे आप एफडी, RD या डेट फंड्स (Debt debt funds) में कर सकते हैं. इसपर ब्याज भी मिलता रहेगा.
- यदि नौकरी नहीं गई तो ये फंड बढ़ता जाएगा और एक निवेश की तरह होगा.
अनंत की सैलरी का मंथली कैलकुलेशन
- अनंत की सैलरी टेक होम 80,000 रुपए है.
- अनंत अपनी सैलरी पर 50-30-20 वाला फार्मूला लगाएंगे.
- सैलरी का 50% यानी ₹40,000 (आवास, खाना, बिल वगैरह)
- सैलरी का 20% यानी ₹16,000 (अलग-अलग मासिक निवेश, फीस वगैरह)
- सैलरी का 30% यानी ₹24,000 (मनोरंजन, कपड़े, घूमना-फिरना)
इमरजेंसी फंड का कैलकुलेशन
- इमरजेंसी फंड 50% जरूरी खर्चे और 20% निवेश की रकम होगी.
- कम से तीन महीने का फंड 56000×3= 168000 ₹
- इसके लिए हर महीने 12-20% का निवेश शुरू कर दें.
- इसे निवेश के 20 फीसदी वाले से या 30 फीसदी शौक और मनोरंजन वाले पार्ट से ले सकते हैं.
- इस तरह 9600 रुपए का हर माह FD या RD कर दें.
- 10 महीने में 16000 रुपए एफडी में इकट्ठा हो जाएगा.
- इसके बाद निवेश की 20 फीसदी रकम को लॉन्ग टर्म में लगा सकते हैं.
इसे और बेहतर कैसे बनाएं?
- शुरूआत में अपने दूसरे गैरजरूरी खर्चे कम कर इस फंड को और जल्द तैयार कर सकते हैं.
- इस फंड को बढ़ाकर 6 महीने की सिक्योरिटी के लिए कर सकते हैं यानी 3,36,000 ₹.
ऐसे फंड बनाने के बाद आप आराम से अपनी नौकरी कर सकते हैं. जॉब पर फोकस होते हुए खुद के ग्रोथ पर ध्यान दे सकते हैं. ऐसे फंड के कारण नौकरी जाने की दशा में आप और आपका परिवार प्रभावित नहीं होगा. आपने लॉन्ग टर्म निवेश के लिए हर महीने जो रकम जोड़कर बड़े समने देखें हैं उसे तोड़कर मायूस नहीं होना पड़ेगा. दोस्तों से कर्ज नहीं लेना पड़ेगा और नौकरी मिलते ही ऐसे कर्ज को वापस करने का दबाव नहीं होगा. नौकरी जाने की दशा में इमर्जेसी फंड का इस्तेमाल होता है तो दूसरी नौकरी मिलते ही उसे दोबारा मेंटेन जरूर कर दें.
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