राजदीप सरदेसाई ने बताए महाराष्ट्र चुनाव में महायुति की जीत के 10 बड़े फैक्टर, देखें
Maharashtra Assembly Election Result 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. रुझानों में महायुति ने बहुमत हासिल कर लिया है वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी बहुमत से बहुत पिछड़ गई है, महायुति अब तक 227 सीटों पर आगे चल रही है. महाविकास अघाड़ी 53 सीटों पर बढ़त बनाए है.
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Maharashtra Assembly Election Result 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. रुझानों में महायुति ने बहुमत हासिल कर लिया है वहीं विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी बहुमत से बहुत पिछड़ गई है, महायुति अब तक 227 सीटों पर आगे चल रही है. महाविकास अघाड़ी 53 सीटों पर बढ़त बनाए है. हालांकि अभी फाइनल नजीजें नहीं आए है. महायुति की इस बंपर जीत के लिए राजदीप सरदेसाई ने10 महत्वपूर्व फैक्टर बताएं, आइए देखते हैं महायुति की जीत के फैक्टर
1. लाडकी बहिन योजना की सफलता
महाराष्ट्र की महायुति सरकार चुनाव से पहले लाडकी बहिन योजना लाई जो गेमचेंजर साबित हुई. यह योजना खासतौर पर महिलाओं की पसंदीदा बनी और महिला वोटर्स के बीच बीजेपी पहली पसंद बन गई.
2. बीजेपी-आरएसएस का मैनेजमेंट
महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी और आरएसएस के बीच बेहतर तालमेल देखने को मिला. चुनाव अभियान में अच्छे तालमेल का लाभ पूरे महायुति को मिला. यानी बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना भी बड़ी जीत हासिल करने में सफल रही.
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3. अजित पवार का रिवाइवल
महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी में टूट के बाद असली-नकली की लड़ाई देखने को मिल रही थी. लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद सबसे बड़ी चुनौती अजित पवार और उनकी पार्टी एनसीपी के सामने थी. बारामती सीट से पत्नी के हारने के बाद अजित गुट को फिर से जनता के बीच स्थापित करने का चैलेंज था. उन्होंने इसे स्वीकार किया और राज्य के एक प्रमुख नेता के रूप में अपना कद मजबूत किया है.
4. लीडरशिप का लाभ
महाराष्ट्र चुनाव के अभियान में महायुति को अपनी लीडरशिप का भी बड़ा लाभ मिला. पूरे प्रचार अभियान में देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को आगे देखा गया. दोनों ने महाराष्ट्र में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत की.
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5. कांग्रेस को झटका
कांग्रेस ने जिस तरह लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन किया था और अब पार्टी को विधानसभा चुनाव में भी बड़ी उम्मीदें थीं, वो फिलहाल सफल नहीं हो पाईं और बड़ी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन ने ना सिर्फ कमजोर संगठन की पोल खोली, बल्कि अप्रभावी रणनीति को भी उजागर कर दिया है.
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6. राहुल गांधी ने गंवाया मौका
लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी की महाराष्ट्र से भी भारत जोड़ो यात्रा गुजरी. उसके बाद उन्होंने जब न्याय यात्रा निकाली तो इसका आखिरी पड़ाव भी महाराष्ट्र के मुंबई में रखा गया. लोकसभा चुनाव में इसका अच्छा खासा फायदा भी मिला और पार्टी ने राहुल गांधी को क्रेडिट दिया. लोकसभा चुनाव से मिला बूस्टर ज्यादा समय तक कारगर नहीं रहा और विधानसभा चुनाव में खास असर देखने को नहीं मिला.
7.पवार और ठाकरे को झटका
विधानसभा चुनाव में शरद पवार और उद्धव ठाकरे को बड़ा नुकसान हुआ है. दोनों ही पार्टियों का जनाधार खिसक गया है. लोकसभा चुनाव से ठीक विपरीत नतीजे विधानसभा चुनाव में देखने को मिले.
8. नो काउंटर नैरेटिव
महाराष्ट्र में विपक्ष वोटर्स के सामने एकजुटता का संदेश देने में भी कामयाब नहीं हो सका है. पहले सीट शेयरिंग पर खींचतान और फिर पूरे चुनाव प्रचार में एकजुटता की कमी ने अलायंस को खासा नुकसान पहुंचाया. यह कहा जा सकता है कि MVA वोटर्स के सामने एकजुटता का विकल्प पेश करने के लिए संघर्ष करते देखी गई.
9. झारखंड में सोरेन की लीडरशिप को स्वीकार्यता
झारखंड में JMM के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन किया है और सत्ता में वापसी की है. इंडिया ब्लॉक के समर्थन में आदिवासी वोटर्स खड़े हुए और हेमंत सोरेन को अपने नेता के रूप में मान्यता दी है. हेमंत ने इस चुनाव में आदिवासी वर्ग में बड़ी पकड़ बनाई.
10. 2024 में बीजेपी का परचम
यह कहा जा सकता है कि 2024 के चुनावों में बीजेपी का परचम लहराया. पहले लोकसभा में सबसे ज्यादा सीटें जीतीं और तीसरी बार मोदी सरकार बनी. हरियाणा में भी जीत की हैट्रिक लगाई और अब महाराष्ट्र में भी बड़ी जीत हासिल की है. यानी 2024 में बीजेपी के पास ही जीत का दावा करने का अधिकार रहेगा और मोदी सरकार को एक बार फिर गति मिलेगी.
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