बीजेपी MP के संगठन चुनाव में सिंधिया का दबदबा, 3 जिलों में समर्थक नेताओं को बनवा दिया जिलाध्यक्ष!

विकास दीक्षित

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बीजेपी के जिला अध्यक्षों के चुनाव में सिंधिया का दिखा दबदबा.
बीजेपी के जिला अध्यक्षों के चुनाव में सिंधिया का दिखा दबदबा.
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Madhya Pradesh BJP: मध्य प्रदेश बीजेपी के संगठन चुनाव की उठापटक के बाद आखिरकार जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा हो गई. हालांकि अभी दो ही लिस्ट ही जारी हुई हैं. जिसमें सबसे पहले सीएम मोहन यादव और शिवराज सिंह चौहान के जिलों के अध्यक्ष शामिल हैं. दो हफ्ते देर से हुई घोषणा के बाद जो नाम सामने आए वो बेहद चौंकाने वाले निकले. संगठन चुनाव में सबसे ज्यादा दबदबा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का देखने को मिला. सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के गुना, शिवपुरी और अशोकनगर जिले में उनके समर्थकों को तरजीह दी गई. 

गुना में धर्मेंद्र सिकरवार को दोबारा जिलाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, अशोकनगर जिले में भी आलोक तिवारी को दोबारा जिलाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. शिवपुरी जिले में राजू बॉथम की जगह जसमंत जाटव को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. जसमंत जाटव सिंधिया के बेहद करीबी माने जाते हैं.

जसमंत जाटव कांग्रेस से विधायक रहे हैं वे ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी माने जाते हैं. उन्होंने सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे. जाटव ने 2020 में भाजपा ज्वाइन की थी. हालांकि जसमंत के जिलाध्यक्ष बनने के बाद विरोध के स्वर भी तेज हो गई हैं. कुछ राजनेता इसे बीजेपी के संविधान के खिलाफ बता रहे हैं. क्योंकि बीजेपी में संगठन चुनाव के लिए 6 साल की सदस्यता अनिवार्य है. जबकि जसमंत जाटव को बीजेपी में महज 4 साल ही हुए हैं.

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गुना का जिलाध्यक्ष बनाया गया धर्मेंद्र सिकरवार 

वहीं धर्मेंद्र सिकरवार को एक बार फिर से गुना का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. धर्मेंद्र सिकरवार ने लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कड़ी मेहनत की थी. सिकरवार ने चुनाव के दौरान बूथ मैनेजमेंट से लेकर मतदान की प्रक्रिया में भी अहम योगदान निभाया था. हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र के दौरे में भी धर्मेंद्र सिकरवार काफी एक्टिव रहे थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया के रवाना होते ही प्रदेश भाजपा द्वारा जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी गई.

खबर से जुड़ा ये वीडियो देखना न भूलें...

आलोक तिवारी दोबारा बने अशोकनगर में जिलाध्यक्ष 

आलोक तिवारी को दोबारा अशोकनगर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. हालांकि आलोक तिवारी मूल रूप से बीजेपी के कार्यकर्ता थे हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव प्रचार में उनकी काफी सक्रिय भूमिका रही है. कयास लगाया जा रहा था कि अशोकनगर में ब्राह्मण का चेहरा बदलकर किसी अन्य समाज से जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है. लेकिन आखिरकार आलोक तिवारी के नाम पर मुहर लग गई. आलोक तिवारी संगठन के साथ साथ सिंधिया के भी नजदीकी बताए जाते हैं.

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इस लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया को 923302 वोट मिले थे, सिंधिया ने साढ़े पांच लाख वोट के अंतर से जीत हासिल की थी. मप्र में उज्जैन विदिशा के बाद अब 18 जिलों के जिलाध्यक्ष घोषित कर दिए गए हैं. माना जा रहा था कि 2 जनवरी को जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी जाएगी. लेकिन पार्टी ने दो हफ्ते देर से जिलाध्यक्ष घोषित किए. निर्वाचित जिलाध्यक्ष अब प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा.

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