MP: राजनीति के ‘संत’ की उपाधि वाले मुख्यमंत्री जिन्हें ‘नींद’ की वज़ह से छोड़नी पड़ी थी कुर्सी! जानें
मध्य प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का कद चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दलों में बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है.
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MP News: मध्य प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का कद चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही दलों में बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है. कैलाश जोशी पिछले कई महीनों से मध्य प्रदेश की राजनीति में चर्चाओं में बना हुआ है. इसके पीछे कारण उनके बेटे हैं जो बीजेपी छोड़ कांग्रेस के टिकट पर खातेगांव विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं. आज कैलाश जोशी की चौथी पुण्यतिथि है, कैलाश जोशी देवास जिले की बागली विधानसभा सीट से 8 बार विधायक रहे हैं. इसके अलावा वे भोपाल सीट से सांसद भी रहे हैं. कैलाश जोशी को मुख्यमंत्री की कुर्सी अपनी सोने की बीमारी के कारण छोड़नी पड़ी थी.
‘राजनीति के संत के नाम से पहचाने जाने वाले कैलाश जोशी नींद की बीमारी ने खासा परेशान किया था, उस समय कहा जाता था कि दिन का एक दिहाई समय वे सोने में ही बिताते थे. इसी के चलते मीडिया में चली खबरों के आधार पर हाईकर्ट में याचिका लगाई गई. इसमें कहा गया कि कैलाश जोशी मुख्यमंत्री के लिए अनफिट हैं. बाद में इसी बीमारी के चलते उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था.
एक किस्सा जो आज भी मशहूर
भोपाल में एक किस्सा मशहूर है कि एक बार तत्कालीन पीएम मोरारजी देसाई एमपी दौरे पर भोपाल पहुंचे थे. वो सीएम हाउस भी गए थे. इस दौरान कैलाश जोशी को नींद आने लगी और वो सो गए. जब अधिकारियों ने पीएम के आने की बात बताई तो भी कैलाश जोशी करवट बदलकर सोते रहे.
कैसा था कैलाश जोशी का राजनीतिक सफर
पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी देवास जिले की बागली विधानसभा सीट से 8 बार विधायक रहे हैं. इसके अलावा जोशी भोपाल संसदीय सीट से दो बार सांसद भी रहे. वो सीएम के अलावा, राज्य सरकार में कई बार मंत्री, संगठन के अहम पदों पर काम किया था. कैलाश जोशी की छवि ईमानदार नेताओं के तौर पर होती थी, 24 नवंबर 2019 को कैलाश जोशी का 90 साल की उम्र में निधन हो गया था.
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