MP के ये तहसीलदार 25 हजार की रिश्वत लेते दबोचे गए तो मुंह छिपाने के लिए करने लगे ये सब, देखें VIDEO

सुमित पांडेय

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मध्य प्रदेश में तहसीलदार रिश्वत लेते पकड़ाया.
मध्य प्रदेश के सीधी में तहसीलदार को रिश्वत लेते पकड़ा गया है.
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मध्य प्रदेश के सीधी जिले में भ्रष्टाचार का एक बड़ा मामला सामने आया है. जब तहसीलदार वाल्मिक प्रसाद साकेत को लोकायुक्त पुलिस ने उनके दफ्तर में 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. इस कार्रवाई ने जिले में सनसनी फैला दी है. तहसीलदार पकड़े गए तो मुंह छिपाने के लिए कागज का टुकड़ा हाथ में ले लिए, फिर लोकायुक्त के अधिकारी उसे हटाते हुए दिखाई दे रहे हैं. अब उनका ये वीडियो वायरल हो रहा है.

शिकायतकर्ता प्रवेश कुमार शुक्ला ने लोकायुक्त पुलिस को शिकायत दी थी कि तहसीलदार साकेत ने उनकी जमीन के नामांतरण के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी. प्रवेश ने बताया कि तहसीलदार ने पहले किस्त के रूप में 25,000 रुपये देने का दबाव बनाया. इस शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने जाल बिछाया और तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया.

लोकायुक्त पुलिस ने तहसीलदार को उनके ही दफ्तर में रिश्वत की रकम लेते हुए गिरफ्तार किया. पुलिस ने रिश्वत की रकम जब्त कर ली है और तहसीलदार के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है. लोकायुक्त की इस कार्रवाई ने सीधी जिले में तहसील कार्यालय के कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा दिया है. तहसीलदार का इस तरह रिश्वत लेते हुए पकड़ा जाना प्रशासन में अंदर और बड़े अधिकारियाें तक फैले भ्रष्टाचार को उजागर करता है.

रिश्वत के बगैर फाइल आगे नहीं बढ़ा रहे थे तहसीलदार

प्रवेश कुमार शुक्ला ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन के नामांतरण के लिए आवेदन दिया था, लेकिन तहसीलदार ने बिना रिश्वत लिए फाइल आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया. परेशान होकर उन्होंने लोकायुक्त पुलिस से संपर्क किया. लोकायुक्त पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि तहसीलदार के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई. अधिकारियों ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा.

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देखिए कैसे मुंह छिपाने लगे तहसीलदार

तहसीलदार की संपत्ति की होगी जांच 

लोकायुक्त पुलिस तहसीलदार वाल्मिक प्रसाद साकेत से पूछताछ कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस मामले में अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल हैं। इसके साथ ही तहसीलदार की संपत्तियों की भी जांच की जाएगी. सीधी जिले में इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन इस बार लोकायुक्त की त्वरित कार्रवाई ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का संकेत दिया है. जनता को उम्मीद है कि इस कार्रवाई के बाद तहसील कार्यालयों में पारदर्शिता बढ़ेगी और भ्रष्टाचार कम होगा.

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने लोकायुक्त पुलिस की सराहना की है. लोगों का कहना है कि ऐसी कार्रवाईयां ही प्रशासन में सुधार ला सकती हैं. साथ ही, उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि भ्रष्टाचारियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.

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