मध्यप्रदेश में अगले दो साल कोई नया जिला नहीं बनेगा, परिसीमन के बाद जिलों का बदल सकता है भूगोल

अभिषेक शर्मा

ADVERTISEMENT

MP News
MP News
social share
google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

परिसीमन आयोग के गठन के बाद तय है कि अगले दो साल एमपी में कोई नया जिला नहीं बनेगा.

point

आयोग की रिपोर्ट के बाद कई जिलों के भूगोल में हो जाएगा बड़ा बदलाव.

point

आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को बनाया गया है.

MP News: मध्यप्रदेश में परिसीमन आयोग के गठन के बाद यह तय माना जा रहा है कि अगले दो साल में एमपी में कोई नया जिला नहीं बनेगा. जो छोटे-छोटे जिले चुनावी घोषणाओं के तहत बनाए गए हैं, उनके भूगोल में जरूर परिवर्तन हो सकता है. आयोग का अध्यक्ष रिटायर्ड अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को बनाया गया है.

पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा चुनाव से पूर्व अलग-अलग जिलों की तहसीलों को जिला बनाया गया. लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसे कई तहसील, जिला मुख्यालय हैं, जिनके बीच दूरियां बेहद अधिक हैं. तहसील, जिला और संभागीय मुख्यालय की भौगोलिक दूरियां जिस तरह की हैं, उसके बाद से सरकार ने विचार करना शुरू कर दिया था कि जो इलाका जिस जिले या संभाग के नजदीक है, उसे संबंधित जिले या संभाग में शामिल करके लोगों की परेशानियों को दूर किया जा सके.

अब सीएम मोहन यादव ने परिसीमन आयोग बनाकर यह फैसला लिया है. जिसके बाद तय हो गया है कि अगले दो साल तक तो मध्यप्रदेश में कोई नया जिला नहीं बनेगा, क्योंकि यह आयोग अगले दो साल तक काम करके कई जिलों का भूगोल ही बदल देगा. हो सकता है कि जो नए जिले बने हैं, उनके भूगोल में भी बड़े पैमाने पर बदलाव कर दिए जाएं.

किस तरह के बदलाव जिलों और संभाग में हो सकते हैं.

- गुना जिला भोपाल संभाग के नजदीक है लेकिन इसे ग्वालियर संभाग में रखा गया है. आयोग लोगों की जरूरतों के हिसाब से गुना जिले को ग्वालियर से हटाकर भोपाल संभाग में शामिल करने पर विचार कर सकता है.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

- मऊगंज, निवाड़ी, पांढुर्णा, मैहर जिलों में कुछ और हिस्सों को जोड़ने की सिफारिश भी हो सकती है.

- बैतूल जिले का सालबर्डी पांढुर्णा के नजदीक है. बैतूल से 120 किमी दूर सालबर्डी के लोगों को बैतूल जाने में 3-4 घंटे लगते हैं, जबकि पांढुर्णा का रास्ता 1 घंटे का ही है.

ADVERTISEMENT

- पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का विधानसभा क्षेत्र बुधनी है. यह सीहोर जिले में आता है. लेकिन इसकी दूरी जिला मुख्यालय से 106 किमी है. जबकि यह नर्मदापुरम जिले से सिर्फ 8 किमी की दूरी पर है. बेहतर होगा कि यदि बुधनी विधानसभा क्षेत्र को सीहोर से हटाकर नर्मदापुरम जिले का हिस्सा बना दिया जाए, जिससे लोगों की जिला मुख्यालय आने-जाने की समस्या का समाधान हो सके.

ADVERTISEMENT

इस तरह से काम करेगा आयोग

आयोग में पहले नियुक्तियां होंगी. इसके बाद आयोग शुरूआती तौर पर एक साल के लिए काम करेगा. काम को देखते हुए तय माना जा रहा है कि आयोग कम से कम दो साल ग्राउंड पर काम करेगा. आयोग लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियों को जानेगा. ग्राउंड पर लोगों से बात करे जाना जाएगा कि कौन सा इलाका जिला मुख्यालय से बहुत अधिक दूर है और उसके नजदीक कौन सा जिला है. आयोग अपनी रिपोर्ट के आधार पर ड्राफ्ट तैयार करेगा. उस पर दावे-आपत्ति बुलाए जाएंगे. एक बार उन दावे-आपत्तियों पर सुनवाई होगी. फिर अंतिम ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश के जिले और संभागों का फिर से होगा परिसीमन, मोहन यादव सरकार ने ले लिया ये बड़ा फैसला

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT