मऊगंज में इस वजह से भड़की थी हिंसा! जानें खौफनाक वारदात की पूरी कहानी

News Tak Desk

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मऊगंज के शाहपुर थाना क्षेत्र के गड़रा गांव में गुरुवार को एक सनसनीखेज घटना सामने आई, जहां आदिवासी समुदाय के लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया. यह घटना तब हुई जब पुलिस एक युवक के शव को कब्जे में लेने और आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी. हमले में एक एएसआई की मौत हो गई, जबकि तहसीलदार समेत कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए.

कैसे हुआ था विवाद?

जानकारी के अनुसार, दो महीने पहले हुए सड़क हादसे में अशोक नामक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी.  उसके परिजनों ने इसे महज दुर्घटना न मानते हुए सनी नामक युवक को इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया. गुरुवार को होली के दिन अशोक के परिवार वालों ने सनी को पकड़कर बंधक बना लिया और बेरहमी से पीटा, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

हिंसक झड़प में ASI की मौत

घटना की सूचना मिलते ही शाहपुर थाना प्रभारी संदीप भारती अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. जब पुलिस ने सनी के शव को कब्जे में लेने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की, तो आदिवासी समुदाय के लोगों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला कर दिया. इस हिंसक झड़प में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई, जबकि तहसीलदार कुंवारे लाल पनिका, थाना प्रभारी संदीप भारती, एसडीओपी अंकिता सूल्या सहित कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए.

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इलाके में भारी पुलिस बल तैनात

इस हमले के बाद प्रशासन हरकत में आ गया और इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.  स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने धारा 163 लागू कर दी है. वहीं, रीवा से अतिरिक्त पुलिस बल मऊगंज भेजा गया है. 

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