दहशत में पाकिस्तान, भारत सरकार का बड़ा इशारा- पर्दे के पीछे साजिश करने वालों को जल्द मिलेगा करारा जवाब
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- भारत सरकार हर कदम उठाएगी जो जरूरी और उपयुक्त होगा. उन्होंने कहा- 'हम उन तक ही नहीं पहुंचेंगे जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है. बल्कि उन तक भी पहुंचेंगे जिन्होंने पर्दे के पीछे के बैठकर हिंदुस्तान की सरजमीं पर नापाक हरकतों की साजिशें रची हैं.
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पहलगाम हमले में भारत सरकार का पहला रिएक्शन आ गया है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कल पहलगाम में धर्म को निशाना बनाते हुए आतंकवादियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में हमने देश ने अनेक नागरिकों को खोया है. यहां मैं भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराना चाहूंगा. यहां आतंकवाद को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति है.
राजनाथ सिंह ने कहा- भारत सरकार हर कदम उठाएगी जो जरूरी और उपयुक्त होगा. उन्होंने कहा- 'हम उन तक ही नहीं पहुंचेंगे जिन्होंने घटना को अंजाम दिया है. बल्कि उन तक भी पहुंचेंगे जिन्होंने पर्दे के पीछे के बैठकर हिंदुस्तान की सरजमीं पर नापाक हरकतों की साजिशें रची हैं. ऐसी हरकतों के जिम्मेदार लोगों को कारारा जवाब मिलेगा. ये जोरदार तरीके से नजर आएगा.'
पाकिस्तान में मची खलबली
इधर पहलगाम में हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा के अपने हिस्से में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है. भारतीय खुफिया सूत्रों के अनुसार, भारत की ओर से किसी भी संभावित कार्रवाई के मद्देनजर ऐसा किया गया है. इस साल, पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर में तीन बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. इस दौरान भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में 5 आतंकवादी मारे गए.
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POK में 42 आतंकवादी लॉन्च पैड सक्रिय
खुफिया इनपुट के अनुसार, एलओसी के पास पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 42 आतंकवादी लॉन्च पैड सक्रिय हैं. इन लॉन्च पैड में 110-130 आतंकवादियों के मौजूद होने की आशंका है. कश्मीर घाटी में 70-75 आतंकवादी सक्रिय हैं. जम्मू, राजौरी, पुंछ में 60-65 आतंकवादी सक्रिय हैं. इनमें से लगभग 115 पाकिस्तानी आतंकवादी हैं.
मारे जा रहे ज्यादातर आतंकी पाकिस्तानी
आतंकवादियों को पाकिस्तान का समर्थन इस बात से भी पता चलता है कि आतंकवादी संगठनों ने राज्य से केवल 4 स्थानीय युवाओं की भर्ती की है. इसका मतलब है कि भारतीय सुरक्षा बल हर 5वें दिन एक आतंकी को मार गिरा रहे हैं. अब तक मारे गए 75 आतंकियों में से ज्यादातर विदेशी आतंकी थे. इनमें नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर घुसपैठ की कोशिश करते हुए मारे गए 17 आतंकी शामिल हैं, जबकि अंदरूनी इलाकों में मुठभेड़ के दौरान 26 आतंकी मारे गए. आतंकियों के बढ़ते खतरे को नियंत्रित करने में सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई अहम कदम साबित हुई है.
जम्मू के इन 5 जिलों से मारे गए गैर स्थानीय आतंकी
मौजूदा आंकड़ों से पता चलता है कि मारे गए 42 गैर-स्थानीय आतंकियों में से ज्यादातर जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों जम्मू, उधमपुर, कठुआ, डोडा और राजौरी में मारे गए. घाटी में विदेशी आतंकी बारामुल्ला, बांदीपोरा, कुपवाड़ा और कुलगाम जिलों में मारे गए. जम्मू-कश्मीर के जिन 9 जिलों में विदेशी आतंकियों की मौजूदगी देखी गई, उनमें से बारामुल्ला आतंकी हताहतों की सूची में सबसे ऊपर है, जहां 9 मुठभेड़ों में 14 गैर-स्थानीय आतंकी मारे गए हैं.
बारामूला जिले में अधिकांश विदेशी आतंकवादी नियंत्रण रेखा पर उरी सेक्टर के सबुरा नाला इलाके, मेन उरी सेक्टर, कमालकोट उरी में मारे गए, लेकिन कुछ बारामूला के चक टप्पर क्रीरी और सोपोर के नौपोरा, हादीपोरा, सागीपोरा, वाटरगाम और राजपोर इलाकों में मारे गए.
अब केवल पाकिस्तानी आतंकवादी सक्रीय
आंकड़े बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में भारी गिरावट आई है और जिसके कारण अब केवल पाकिस्तानी आतंकवादी ही सक्रिय हैं. "स्थानीय आतंकवादी समूह का लगभग सफाया हो गया है. 2024 में, जम्मू-कश्मीर के पूरे क्षेत्र में 60 आतंकी घटनाओं में कुल 122 लोग मारे गए, जिनमें 32 नागरिक और 26 सुरक्षा बल के जवान शामिल थे.
इनपुट: मंजीत नेगी
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