बिहारी टार्जन के नाम से सेंसेशन बने राजा यादव, रफ्तार इतनी तेज कि पलक झपकते ही थार भी रह जाती है पीछे

शुभम गुप्ता

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Raja Yadav Videos: बिहार के पश्चिम चंपारण के छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले राजा यादव खुद को ‘बिहारी टार्जन’ कहते हैं. वे सोशल मीडिया पर तूफान की तरह छा गए हैं. सिंपल से दिखने वाले राजा की दौड़ने की स्पीड इतनी है कि उसे कारों से मुकाबला करते देखा जा सकता है. वे स्कॉर्पियो और थार जैसी गाड़ियों को भी अपनी दौड़ में पीछे छोड़ देते हैं. बिना किसी कोच या विशेष ट्रेनिंग के, राजा यादव अपने गांव की गलियों में दौड़ते हुए ऐसी मेहनत कर रहे हैं कि उनकी कहानी इंटरनेट पर लाखों लोगों को मोटिवेट कर रही है.

रफ्तार का जादूगर

राजा यादव की खासियत उनकी रफ्तार है. वह बिना किसी प्रोफेशनल ट्रेनिंग के अपनी स्किल्स और कड़ी मेहनत से सोशल मीडिया पर छा गए हैं. जब वे स्कॉर्पियो और थार जैसी गाड़ियों को पछाड़ते हुए दौड़ते हैं, तो ये देखकर किसी का भी दिल थम जाता है. उनके वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं.

राजा यादव ने इंस्टाग्राम पर 'राजा यादव फिटनेस' के नाम से अपना अकाउंट बनाया हुआ है. उनके एक मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. लोग उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए उनकी तुलना महान धावक उसैन बोल्ट से करने लगे हैं. इस तुलना ने उन्हें और भी प्रोत्साहित किया है.

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मेहनत की अनूठी कहानी

राजा यादव अपनी सफलता का श्रेय अपनी मेहनत और डेडिकेशन को देते हैं. वह रोजाना घंटों दौड़ने की प्रेक्टिस करते हैं. उनका मानना है कि यही उनकी स्पीड का राज है. वह कहते हैं, "मैंने आर्मी भर्ती के दौरान दौड़ में 11 बार 'एक्सलेंट' दर्जा हासिल किया है." गांव की कच्ची सड़कों पर दौड़कर उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है, जो उन्हें न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी फेमस कर रही है.

पीते हैं भैंस का कच्चा दूध

राजा की प्रतिभा केवल दौड़ने तक सीमित नहीं है. वह एक पहलवान भी हैं और स्थानीय लेवल पर कई कुश्ती कंपटीशन भी जीत चुके हैं. अपनी स्ट्रेंथ और स्टेमिना को बनाए रखने के लिए वह रेगुलर भैंस का कच्चा दूध पीते हैं. राजा का मानना है कि यह दूध उनकी शक्ति का सिक्रेट है. यही उन्हें हर चुनौती का सामना करने में मदद करता है.

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मीडिया से मिली पहचान

राजा यादव के वायरल वीडियो ने उन्हें एक नई पहचान दी है. अब लोग उनकी प्रतिभा को पहचानने लगे हैं और कई यूजर्स का मानना है कि उन्हें बॉलीवुड और भोजवुड में काम मिलना चाहिए. कुछ लोग यह भी सुझाव देते हैं कि उन्हें पेशेवर एथलीट के रूप में ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ताकि वह बिहार और पूरे देश का नाम रोशन कर सकें.

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