Tirupati Temple के लड्‌डू में अब तंबाकू मिलने का दावा, सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहे के बच्चे?

बृजेश उपाध्याय

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तस्वीर: न्यूज तक.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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TTD ने महिला तीर्थयात्री के आरोपों का खंडन किया है.

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सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट का कहना वीडियो मंदिर का नहीं कहीं और का है.

आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के पवित्र प्रसाद 'श्रीवारी' लड्‌डू के घी में अभी चर्बी, मछली का तेल और सुअर की चर्बी मिलने का मामला ठंडा नहीं हुआ है. इसी बीच आंध्र प्रदेश की एक महिला ने श्रीवारी लड्‌डू में तंबाकू मिलने का दावा कर सनसनी फैला दी है. महिला ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है. वहीं मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद का एक वीडियो भी सामने आया है. इसमें दावा किया गया है कि लड्डू वाले प्रसाद में चूहों के बच्चे दिखाई दे रहे हैं. 

तिरुपति मंदिर के प्रसाद के घी में मिलावट के बाद एक के बाद ऐसी खबरें श्रद्धालुओं को झकझोर कर रख रही हैं. 'प्रसादम' के घी में मिलावट के बाद एक महिला तीर्थयात्री ने लड्‌डू में तंबाकू मिलने का दावा किया है. इंडिया टुडे में प्रकाशित खबर के मुताबिक तमिलनाडु के खम्मम जिले की निवासी भक्त दोंथु पद्मावती 19 सितंबर को तरुपति बालाजी मंदिर गई. उसने वहां मंदिर का प्रसाद लिया. वहां से निकलने के बाद पद्मावती ने अपने परिवार और पड़ोसियों के साथ प्रसाद साझा किया. उसी समय लड्‌डू में कागज की पूड़िया मिली जिसमें तम्बाकू था.

TTD ने महिला के आरोपों का किया खंडन

इधर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा है कि यह कहना निंदनीय है कि तिरुपति के लड्डू में तम्बाकू है. टीटीडी ने कहा कि तिरुमाला में लड्डू पोटू में वैष्णव ब्राह्मणों द्वारा पूरी भक्ति के साथ तैयार किए जाते हैं. इस दौरान लड्डू बनाते समय सख्त प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है. ये लगातार CCTV की निगरानी में बनाए जाते हैं. TTD ने कहा कि ऐसी प्रणाली में तम्बाकू होने की बात कहना भ्रामक और निंदनीय है. इस बीच, टीटीडी ने उस भक्त से संपर्क किया और उनसे लड्डू को जांच के लिए रख लेने को कहा. 

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सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद में चूहे के बच्चे?

मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद का एक वीडियो भी सामने आया है. इस वीडियो में मंदिर के लड्डू वाले प्रसाद में चूहे के बच्चे दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद सिद्धिविनायक मंदिर के लड्डू वाले प्रसाद की साफ-सफाई और सुरक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. मामला बढ़ने के बाद मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि मामले की जांच करवाई जाएगी, लेकिन वीडियो देखकर ये नहीं लगता है कि ये मंदिर के अंदर के विजुअल हैं. 

मंदिर ट्रस्ट को बदनाम करने की साजिश?   

मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि ये किसी दूसरे स्थान के विजुअल हो सकते हैं. ये ट्रस्ट को बदनाम करने की कोशिश है. क्योंकि वीडियो में जगह के बारे में कोई जानकारी नहीं दिख रही. ट्रस्ट ने इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट किया है. मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सदा सर्वणकर ने कहा कि वीडियो में जो जगह दिखाई गई है, वह मंदिर परिसर का हिस्सा नहीं है. मंदिर में लड्डू बनाने के लिए 25 कर्मचारी हैं, जो चौबीसों घंटे शिफ्ट में काम करते हैं.

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इनपुट: धर्मेंद्र दूबे, मुंबई तक. 

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