BJP ने तोड़ लिए AAP के 3 पार्षद, चंडीगढ़ मेयर ने इस्तीफा तो दिया पर अब चुनाव का गणित ही बदला
विधायकों और सांसदों के पार्टी बदलने पर एंटी डिफेक्शन लॉ यानी दल-बदल विरोधी कानून लगता है, लेकिन पार्षदों के पार्टी बदलने पर रोक लगाने के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है. यानी बीजेपी के लिए आगे का रास्ता साफ है.
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Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मेयर चुनाव में धांधली के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट(SC) की सुनवाई से पहले बड़ा खेल हो गया है. खेल यह है कि, आम आदमी पार्टी(AAP) के तीन पार्षद बीजेपी में शामिल हो गए है. आप के तीन पार्षदों के आ जाने से अब बीजेपी के पार्षदों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है, जबकि पार्टी के पास एक वोट सांसद किरण खेर का भी हैं. वहीं पिछले दिनों हुए मतदान में शिरोमणि अकाली दल के एकमात्र पार्षद ने भी बीजेपी का समर्थन किया था. यानी कुल मिलाकर बीजेपी के पास वोटों की कुल संख्या अब 19 वोट हो गई हैं यानी चुनाव में संख्याबल के लिहाज से अब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. वहीं सुनवाई से पहले मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है.
#WATCH आम आदमी पार्टी चंडीगढ़ के तीन पार्षद पुनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरण काला दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। pic.twitter.com/i04slPQPZj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 18, 2024
अब आप के तीन पार्षदों के पाला बदलने के बाद से आप और कांग्रेस के वोटों की संख्या 20 से घटकर 17 ही बची रह गई है. इसमें कांग्रेस के सात और AAP के 10 पार्षद शामिल हैं. चंडीगढ़ नगर निगम में कुल 35 पार्षद है, जबकि एक सांसद का वोट मिलाकर 36 वोट डाले जाते है. इस तरह बहुमत का आंकड़ा 19 बैठता है, जिसका जुगाड़ अब बीजेपी ने कर लिया है.
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वैसे आपको बता दें कि, विधायकों और सांसदों के पार्टी बदलने पर एंटी डिफेक्शन लॉ यानी दल-बदल विरोधी कानून लगता है, लेकिन पार्षदों के पार्टी बदलने पर रोक लगाने के लिए ऐसा कोई कानून नहीं है. यानी बीजेपी के लिए आगे का रास्ता साफ है.
SC ने चुनाव अधिकारी को लगाई थी फटकार
बीते 30 जनवरी को चंडीगढ़ मेयर का चुनाव हुआ था. इसमें कथित धांधली को लेकर कांग्रेस और AAP की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूरी चुनावी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी और बैलट पेपर सील करने का आदेश दिया था. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने मेयर चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर रहे अनिल मसीह को जमकर फटकार लगाई थी और कहा था कि, ‘सीसीटीवी फुटेज से स्पष्ट है चुनाव अधिकारी ने मतपत्रों के साथ छेड़ -छाड़ किया है. CJI ने इस मामले पर यहां तक कहा था कि, यह लोकतंत्र का मजाक है, लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं’. SC ने अनिल मसीह को 19 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में पेश होने का निर्देश दिया था. इसी मामले की सुनवाई आज SC में होनी है.
30 जनवरी को मेयर चुनने के लिए हुआ था मतदान
चंडीगढ़ में 30 जनवरी को हुए मेयर चुनाव में कांग्रेस और AAP के संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप कुमार को बीजेपी के मनोज सोनकर ने हरा दिया था. चंडीगढ़ मेयर के चुनाव के लिए 35 वोट होते है, 34 पार्षदों के और एक वोट सांसद का. इस चुनाव में कांग्रेस और AAP के पास कुल 20 वोट थे और बीजेपी के पास सिर्फ 15 वोट. हालांकि जब चुनाव रिजल्ट आया, तब बीजेपी के मनोज सोनकर को 16 वोट जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी कुलदीप कुमार को 12 वोट मिले थे. वहीं आठ वोटों को रिटर्निंग ऑफिसर ने अवैध घोषित कर दिया था. आप के पार्षद ने मेयर चुनाव में धांधली की याचिका सुप्रीम कोर्ट(SC) लगाई जिसपर SC ने संज्ञान लिया था.
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