केजरीवाल पर लगा खालिस्तान से 133 करोड़ रुपये चंदा लेने का आरोप, L.G ने की NIA जांच की सिफारिश

News Tak Desk

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Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. एक नए मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सीएम केजरीवाल के खिलाफ जांच करने की सिफारिश की है. दिल्ली के सीएम पर आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस से फंडिंग लेने का आरोप लगाया गया है. एलजी ने इसकी जांच NIA से करने की सिफारिश की है.  
  
राजभवन ने केंद्रीय गृह सचिव को जांच कराने को लेकर पत्र लिखा है. पत्र में लिखा गया है कि जेल में बंद आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई के लिए आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी संगठन से 16 मिलियन डॉलर यानी करीब 133 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है.
 

वहीं आम आदमी पार्टी ने एलजी द्वार लगाए आरोपों को खारिज करते हुए इसे सीएम केजरीवाल के खिलाफ एक और 'साजिश' बताया है. आप पार्टी ने एलजी पर बड़ा हमला बोला है. पार्टी ने एलजी को बीजेपी का 'एजेंट' बताया है. 

आपको बता दें कि कथित शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद सीएम केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. आज की सुनवाई खत्म हो चुकी है. इस मामले में अगली सुनवाई 9 मई को होगी. ईडी ने कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था.  

क्या हैं पूरा मामला चलिए जानते है विस्तार से- 

इसी साल एक अप्रैल को आशु मोंगिया नाम के एक व्यक्ति ने दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना के पास शिकायत दर्ज कराई थी. बता दें कि आशु मोंगिया खुद को वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन इंडिया नाम के एक संगठन का राष्ट्रीय महासचिव बताते हैं. आशु मोंगिया ने अपनी शिकायत में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए, इनकी जांच करवाने की मांग की थी. मोंगिया ने सीएम केजरीवाल पर आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल गुरुद्वारा में एक सीक्रेट मीटिंग हुई थी. जिसमें केजरीवाल ने आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई का वादा किया था. बता दें कि भुल्लर इस वक्त अमृतसर की जेल में बंद है.   

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चलिए 3 पॉइंट में समझाते है सीएम पर लगे आरोपों को 

1. 133 करोड़ की फंडिंग 
साल 2014 से 2022 के बीच में आम आदमी पार्टी को खालिस्तानी संगठन "सिख फॉर जस्टिस" से 133 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी. ये फंडिंग जेल में बंद आतंकी देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराने के बदले में ली गई थी. मोंगिया ने सबूत के रूप में खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो भी दिया है, जिसमें वो कथित तौर पर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी पर खालिस्तानी संगठनों से फंडिंग मिलने का आरोप लगा रहा है. 

2. कहां हुई थी सीक्रेट मीटिंग 
दिल्ली के एलजी को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 2014 में जब केजरीवाल अमेरिका की यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने खालिस्तानी नेताओं के साथ एक सीक्रेट मीटिंग भी की थी. शिकायतकर्ता के अनुसार सीएम केजरीवाल और खालिस्तानी नेताओं के बीच में यह सीक्रेट मीटिंग न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल गुरुद्वारा में हुई थी. इस मीटिंग में केजरीवाल ने कथित तौर पर फंडिंग के बदले भुल्लर की रिहाई करवाने का वादा किया था. शिकायत में ये भी कहा गया है कि आम आदमी पार्टी के पूर्व कार्यकर्ता मुनीष कुमार रायजादा ने सोशल मीडिया पर केजरीवाल और खालिस्तानी नेताओं की मीटिंग की एक तस्वीर भी साझा की थी. शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि जो तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की गई थी, वो कथित रूप से रिचमंड हिल गुरुद्वारा की है. 

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3. भुल्लर की रिहाई का वादा 
राजभवन ने केंद्रीय गृह सचिव को चिट्ठी में लिखा हैं कि जनवरी 2014 में केजरीवाल द्वारा लिखी गई एक खत का भी हवाला दिया है. राजभवन ने लिखा है कि केजरीवाल ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भुल्लर की सजा माफ करने को लेकर चिट्ठी भी लिखी थी. 
एलजी ने सीएम पर आरोप लगाते हुए लिखा कि जनवरी 2014 में केजरीवाल ने इकबाल सिंह नाम के शख्स को भी एक चिट्ठी लिखी थी. इस चिट्ठी में उन्होंने इकबाल सिंह से कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने भुल्लर की रिहाई की सिफारिश की है. बता दें कि इकबाल सिंह आतंकी भुल्लर की रिहाई की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे. केजरीवाल से भुल्लर की रिहाई का आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपना अनशन खत्म किया था.  

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कौन है भुल्लर?  

साल 1993 में दिल्ली में हुए बम धमाके में देवेंद्र पाल भुल्लर को दोषी करार दिया गया था. इस बम धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई थी. टाडा कोर्ट ने 2001 में भुल्लर को फांसी की सजा सुनाई थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया. 
  
बता दें कि साल 2023 में भुल्लर की रिहाई मांगने वाले एक रिव्यू पिटीसन को खारिज कर दिया था. बोर्ड ने माना था कि भुल्लर को समय से पहले रिहा नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे देश की अखंडता और सुरक्षा को खतरा हो सकता है. भुल्लर को पहले दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया था. लेकिन जून 2015 में मेडिकल आधार पर उसे अमृतसर की जेल में शिफ्ट कर दिया गया. तब से वो वहीं बंद है. 

आम आदमी पार्टी ने क्या कहा?

इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि एलजी साहब चुनावी मौसम में सुर्खियां बटोरने की बेताब कोशिश कर रहे हैं. यह एलजी के संवैधानिक पद का पूरी तरह से दुरुपयोग है. उन्होंने कहा कि इसी मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग करने वाली जनहित याचिका दो साल पहले हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी. उन्होंने इसे बीजेपी के इशारे पर केजरीवाल के खिलाफ एक और साजिश बताया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी दिल्ली में सातों सीटें हार रही हैं और इसी हार के डर से वो घबरा गई है.  

अब आगे क्या होगा? 

एलजी वीके सक्सेना ने केंद्रीय गृह सचिव को लिखी चिट्ठी में पूरे मामले की NIA से जांच कराने की सिफारिश की है. उन्होंने लिखा कि शिकायतकर्ता की ओर से दिए गए इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस की फोरेंसिक जांच करवाने की जरूरत है.

इस स्टोरी को न्यूजतक के साथ इंटर्नशिप कर रहे IIMC के डिजिटल मीडिया के छात्र राहुल राज ने लिखा है.

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