संसद की समितियों का गठन पूरा, कौन बना किस समिति का अध्यक्ष, कांग्रेस के हाथ क्या लगा?
Parliamentary Committees: विशिष्ट विभागों पर केंद्रित स्थायी समितियां विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उनकी जिम्मेदारियों में बजटीय आवंटन की जांच करना, संसद में पेश किए गए बिलों की समीक्षा करना और प्रमुख मुद्दों पर सरकार को सलाह देना शामिल है.
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Parliamentary Committees: संसद ने बीते दिन 24 प्रमुख समितियों का गठन हुआ. इसके साथ ही स्थायी समितियों का भी पुनर्गठन किया गया जिसमें पार्टी लाइनों से हटकर सांसदों को महत्वपूर्ण भूमिकाएं सौंपी गईं. लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को रक्षा मामलों की समिति का सदस्य नियुक्त किया गया. इसके साथ ही हमेशा सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना को संसदीय संचार समिति का सदस्य बनाया गया है. सबसे दिलचस्प बात तो ये हैं कि, कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी को समितियों में कोई जगह नहीं मिली है. आपको बता दें कि, इससे पहले कई प्रमुख समितियों का गठन हुआ था जिसमें विपक्षी पार्टी कांग्रेस को 4 प्रमुख समितियों की अध्यक्षता मिली थी. आइए आपको बताते हैं किन-किन को कौन सी समितियों का सदस्य बनाया गया है.
इन सांसदों को मिली प्रमुख जिम्मेदारी
- बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे- संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी समिति का अध्यक्ष
- कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह- महिला, शिक्षा, युवा और खेल मामलों की संसदीय समिति का अध्यक्ष
- समाजवादी पार्टी नेता राम गोपाल यादव- स्वास्थ्य मामलों की समिति की अध्यक्ष
- कांग्रेस सांसद शशि थरूर- विदेश मामलों की समिति का अध्यक्ष
- भाजपा सांसद और मशहूर अभिनेता अरुण गोविल
- भाजपा नेता राधा मोहन दास अग्रवाल- गृह मामलों की संसदीय समिति का अध्यक्ष
- भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब- वित्त पर संसदीय समिति का अध्यक्ष
- भाजपा नेता सीएम रमेश- रेलवे पर संसदीय समिति का अध्यक्ष
- पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर- कोयला, खान और इस्पात पर संसदीय पैनल की अध्यक्षता करेंगे
- कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी- कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण समिति का अध्यक्ष
- सप्तगिरी उलाका- ग्रामीण विकास और पंचायती राज समिति का अध्यक्ष
- DMK नेता तिरुचि शिवा-उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य समिति
- DMK नेत्री के. कनिमोझी- सार्वजनिक वितरण समितियों की अध्यक्षता करेंगी.
- बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी- जल संसाधन समिति का अध्यक्ष
बीजेपी ने अपने सहयोगियों का भी रखा विशेष ख्याल
इन सब के साथ ही केंद्र सरकार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड सहित महाराष्ट्र के चुनाव में सहयोगी शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को प्रमुख समितियों में नेतृत्व की भूमिका सौंपी गई है. लोकसभा में NCP के एकमात्र सदस्य सुनील तटकरे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस समिति के प्रमुख होंगे, जबकि शिवसेना के श्रीरंग अप्पा बार्ने को ऊर्जा समिति का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया है.
ऐसे ही नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के संजय झा परिवहन, पर्यटन और संस्कृति समिति की अध्यक्षता करेंगे और TDP के मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी आवास और शहरी मामलों की समिति की अध्यक्षता करेंगे.
अब जानिए स्थायी समितियां क्या होती है?
विशिष्ट विभागों पर केंद्रित स्थायी समितियां विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों की देखरेख में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उनकी जिम्मेदारियों में बजटीय आवंटन की जांच करना, संसद में पेश किए गए बिलों की समीक्षा करना और प्रमुख मुद्दों पर सरकार को सलाह देना शामिल है. इसके साथ ही वे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मामलों के समाधान के लिए नीतियों के निर्माण और नए विधेयकों को पेश करने के लिए सिफारिशें पेश करती है.
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