Pahalgam Terror attack: ऑल पार्टी मीटिंग में सरकार ने माना- चूक हुई है, राहुल गांधी समेत पूरा विपक्ष बोला- हम साथ हैं
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने माना कि चूक हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ होता तो हम यहां क्यों बैठे होते?
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न्यूज़ हाइलाइट्स

मीटिंग में सभी पीएम मोदी की गैरमौजूदगी पर विपक्ष ने उठाए सवाल.

विपक्ष ने पूछा- खुफिया तंत्र कहां था?

विपक्ष ने पूछा- मदद पहुंचने में वक्त क्यों लग गया?
पहलगाम के बैसरन में पर्यटकों पर आतंकी हमले को लेकर गुरुवार को ऑल पार्टी मीटिंग हुई. यहां विपक्ष ने सवाल उठाया कि खुफिया जानकारी कहां थी? सेना कहां थी? जहां हमला हुआ वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे? इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्यों नहीं हैं? गृह मंत्री अमित शाह इन सवालों के जवाब दिए. आखिरकार सदन में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत पूरे विपक्ष ने मामले पर सर्वसम्मति से सरकार को पूर्ण समर्थन देने की बात कही.
सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने माना कि चूक हुई है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर कुछ नहीं हुआ होता तो हम यहां क्यों बैठे होते? ज्यादातर राजनीतिक दलों ने इंटेलिजेंस फेलियर और वहां पर प्रॉपर सुरक्षा डेप्लॉयमेंट की बात उठाई. राहुल गांधी ने भी पूछा कि जहां घटना हुई वहां सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं थे?
सरकार ने दिया ये जवाब
इन सवालों के जवाब में सरकार ने कहा- जनरली इस रूट को जून के महीने में खोला जाता है, जब अमरनाथ यात्रा शुरू होती है. क्योंकि अमरनाथ यात्रा के यात्री इस जगह पर विश्राम करते हैं, लेकिन इस बार लोकल टूर ऑपरेटर्स ने सरकार को बिना जानकारी दिए हुए वहां पर टूरिस्ट की बुकिंग लेनी शुरू कर दी. 20 अप्रैल से वहां पर टूरिस्ट को ले जाना शुरू कर दिया. इस बात की जानकारी लोकल अथॉरिटीज को नहीं थी. इस वजह से वहां पर डेप्लॉयमेंट नहीं किया गया.
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मदद पहुंचने में समय क्यों लगा?
इसके जवाब में सरकार ने कहा- 45 मिनट पैदल चलना पड़ता है. वहां पहुंचने में समय लगता है. कोई भी सुविधा नहीं दी गई, क्योंकि टूर ऑपरेटरों ने स्थानीय पुलिस को सूचित किए बिना ही उस स्थान पर जाना शुरू कर दिया था. हमले के पहले दिन वहां 500 लोग थे जबकि हमले के दिन 3000 लोग थे.
खुफिया तंत्र कहां था?
इस सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि कहीं न कहीं चूक हुई है, जिसका पता लगाया जाना चाहिए. इस मीटिंग में किसी ने भी ये सवाल नहीं उठाया कि सरकार पाकिस्तान के खिलाफ क्यों है. बल्कि सभी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, पूरा विपक्ष उसके साथ है.
इसके अलावा सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गैरमौजूद रहने पर भी विपक्ष ने सवाल उठाए. इसके जवाब में सत्ता पक्ष ने आश्वासन दिया कि वे जल्द ही विपक्ष के साथ बैठक करेंगे. विपक्ष ने सांप्रदायिक नफरत का मुद्दा उठाया, खासकर सोशल मीडिया पर बीपी हैंडल द्वारा (भाजपा छत्तीसगढ़ हैंडल का हवाला दिया गया) सरकार ने आश्वासन दिया कि वे इस पर लगाम लगाएंगे.
गौरतलब है कि ऑल पार्टी मीटिंग में राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर, कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे , राहुल गांधी
टीएमसी से सुदीप बंदोपाध्याय, सपा से राम गोपाल यादव, आरजेडी से प्रेम चंद गुप्ता, AAP से संजय सिंह और टीडीपी से कृष्ण देव रायुलु, AIMIM से असदुद्दीन ओवैसी समेत अन्य नेता मौजूद थे.
मीटिंग खत्म होने के बाद बोले किरण रिजिजू
सर्वदलीय बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "रक्षा मंत्री ने सीसीएस की बैठक में पहलगाम में हुई घटना और भारत सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी दी। यह घटना बहुत दुखद है। जिससे देश में हर कोई चिंतित है, इसी को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भी आज और कड़ी कार्रवाई करने की मंशा जाहिर की है..."
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