दौसा में भाई की हार पर दूसरी बार टूटा मंत्री किरोड़ी मीणा का दिल, BJP का नाम लिए बिना कह दी बड़ी बात

शरत कुमार

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तस्वीर: किरोड़ी मीणा के सोशल मीडिया X से.
तस्वीर: किरोड़ी मीणा के सोशल मीडिया X से.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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किरोड़ी मीणा का दिल हुआ जार-जार...बोले मेरे छोटे भाई को ही हरा दिया.

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किरोड़ी बोले- मुझमें एक कमी है...मैं चाटुकारिता नहीं करता.

बीजेपी नेता किरोड़ी मीणा को तब बड़ा झटका लगा जब दौसा में उनके भाई जगमोहन मीणा की हार का समाचार मिला. किरोड़ी मीणा का दिल पूरी तरह से बैठ गया. जिस दौसा पर वो गुमान करते थे उसने दूसरी बार उनका दिल तोड़ दिया. इस बार तो किरोड़ी मीणा से रहा नहीं गया. उन्होंने सोशल मीडिया पर जी भरकर दिल खोल दिया. वो सब कह डाला जो मन में था. बीजेपी का नाम लिए बिना कह दिया- 'जयचंदो ने हराया, गैरों में कहां दम था.' 

किरोड़ी मीणा ने सोशल मीडिया X पर ये भावुक पोस्ट कर दिया. कांग्रेस के प्रत्याशी डीसी बैरवा ने 2300 वोटों से जगमोहन मीणा को हरा दिया. भाई का ये हार मंत्री किरोड़ी के मन को बुरी तरह से बेध गया. ग्रामीण विकास एवं कृषिमंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने लोगों पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए बेहद भावुक पोस्ट करते हुए लिखा- 'जयचंदो की वजह से हम हारे हैं, अपनों ने दगा किया है, ग़ैरों में कहां दम था'

किरोड़ी लाल मीणा ने आगे लिखा- 45 साल हो गए. राजनीति के सफर के दौरान सभी वर्गों के लिए संघर्ष किया. जनहित में सैंकड़ों आंदोलन किए. साहस से लड़ा. ...आज भी बदरा घिरते हैं तो समूचा बदन कराह उठता है...संघर्ष की इसी मजबूत नींव और सशक्त धरातल के बूते दौसा का उपचुनाव लड़ा....घर घर जाकर वोटों की भीख भी मांगी, फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा....देखें पूरा ट्वीट

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मैं चाटुकारिता नहीं करता- किरोड़ी

किरोड़ी मीणा ने आगे लिखा-  'जिस भाई ने परछाईं बनकर जीवन भर मेरा साथ दिया, मेरी हर पीड़ा का शमन किया, उऋण होने का मौका आया तो कुछ जयचंदों के कारण मैं उसके ऋण को चुका नहीं पाया. मुझमें बस एक ही कमी है कि मैं चाटुकारिता नहीं करता और इसी प्रवृत्ति के चलते मैंने राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाया है. स्वाभिमानी हूं. जनता की खातिर जान की बाजी लगा सकता हूं. गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है.'

ध्यान देने वाली बात है कि दौसा सीट कांग्रेस के प्रत्याशी डीसी बैरवा ने 2300 वोटों से जीत हासिल की है. दूसरे स्थान पर बीजेपी के प्रत्याशी जगमोहन मीणा रहे, जिन्हें कुल 73034 वोट मिले. मुरारीलाल मीणा के सांसद बनने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए. जिसमें बीजेपी ने किरोड़ीलाल मीणा के छोटे भाई को टिकट दिया था.

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