महाकुंभ: कैसे बनते हैं नागा साधु, कहां रहते हैं, क्यों करते हैं अपना पिंडदान?

8 jan 2025

 प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों पर हैं. 13 जनवरी को होने वाले पहले और बेहद पवित्र स्नान को लेकर सभी में उत्साह है.

तस्वीर: इंडिया टुडे. 

नागा साधु मणिराज पुरी ने कहा कि उनका उद्देश्य सिर्फ सनातन की  रक्षा करना है.

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इनकी हथियारबंद सेना है. मुगलों से इन्होंने शस्त्रों के साथ  लोहा लिया था.

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नागा साधु शिव और शक्ति के उपासक होते हैं. 

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ये साधु अपने परिवार, रिश्तेदार और दुनिया की तमाम विलासता को त्याग देते हैं.

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नागा अखाड़ों के आश्रम और मंदिरों, पहाड़, गुफाओं या कंदराओं में जीवन बिताते हैं.

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कुछ नागा लंगोट में तो कुछ कपड़ों में और कुछ निर्वस्त्र रहते हैं. महिला नागा साध्वी वस्त्र में रहती हैं.

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इनकी दीक्षा की बेहद कठिन प्रक्रिया होती है. आखिर में नंबर आता है काम वासना पर विजय प्राप्त करने का. 

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