30 Dec 2024
एक्सक्लूसिव तस्वीर: इंडिया टुडे.
इस बार प्रयागराज में महाकुंभ आयोजित होने जा रहा है.
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महाकुंभ 13 जनवरी 2025 को पौष पूर्णिमा के पवित्र स्नान से शुरू होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि दिन समाप्त होगा.
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महाकुंभ में प्रमुख स्नान 14 जनवरी: मकर संक्रांति , 29 जनवरी: मौनी , 3 फरवरी: वसंत पंचमी है.
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इसके अलावा 12 फरवरी: माघी पूर्णिमा के अलावा 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का आखिरी स्नान है.
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महाकुंभ में संगम में स्नान अत्यंत महत्व वाला है.
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महाकुंभ 12 सालों में एक बार लगता है. इसके पीछे पौराणिक और ज्योतिषीय दोनों मान्यताएं हैं.
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कहते हैं समुंद मंथन में निकले अमृत कलश के लिए 12 दिनों तक सुर-असुर में लड़ाई चली.
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देवताओं के 12 दिन मनुष्यों के 12 साल के बराबर माने जाते हैं. इसलिए महाकुंभ 12 साल पर लगता है.
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वहीं ज्योतिष के मुताबिक गुरु और सूर्य ग्रह की विशेष स्थिति महाकुंभ के मेले का संयोग बनाते हैं.
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जब गुरु वृषभ और सूर्य मकर राशि में हों तो प्रयागराज में, गुरु कुंभ और सूर्य मेष राशि में हों तो हरिद्वार में होता है महाकुंभ.
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जब सूर्य और गुरु दोनों सिंह राशि में हों तो नासिक में, जब गुरु सिंह और सूर्य मेष में हों तो उज्जैन में लगता है महाकुंभ.
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