29 jan 2025
Credit: India Today
रात 10:00 बजे से ही लोग संगम पर बड़ी संख्या में जुटने लगे थे. प्रशासन की मंशा थी कि लोग आएं, पवित्र स्नान करें और व्यवस्थित तरीके से वापस जाएं. लेकिन, श्रद्धालु अमृत बेला (शुभ समय) में स्नान करना चाहते थे, जिससे भीड़ बढ़ गई.
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इसके अलावा, मौनी अमावस्या के अवसर पर सभी ने संगम नोज पर ही स्नान करना पसंद किया. नतीजतन, भीड़ बढ़ती गई. मौनी अमावस्या स्नान के लिए विशेष रूप से आए कई श्रद्धालु बैरिकेड्स के पास प्लास्टिक शीट पर लेट गए और अपनी बारी का इंतजार करने लगे.
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प्रशासन ने विभिन्न अखाड़ों के लिए अमृत स्नान के लिए एक समर्पित मार्ग भी आरक्षित किया था, जो सुबह 5:00 बजे शुरू होना था. लेकिन, 1:00 बजे तक, निर्धारित स्नान क्षेत्र में लोगों की संख्या क्षमता से अधिक हो गई थी.
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पुलिस ने बैरिकेड्स का उपयोग करके भीड़ को नियंत्रित करने की योजना बनाई थी, ताकि स्नान क्षेत्र में आने-जाने वालों की नियंत्रित आवाजाही सुनिश्चित हो सके.
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हालांकि, 1:45 बजे से 2:00 बजे के बीच, भीड़ बेकाबू हो गई, और कई लोग संगम की ओर भागने के लिए बैरिकेड्स को पार करने लगे. ऐसा करते हुए, उन्होंने आस-पास सो रहे परिवारों को रौंद दिया.
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जैसे ही लोग आगे बढ़े, एक लकड़ी का बैरियर गिर गया, जिससे भगदड़ मच गई. भीड़, अपनी गति को नियंत्रित करने में असमर्थ, दूसरों को रौंदने लगी, जिससे चोटें और हताहत हुए.
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प्रतिक्रिया में, घटना के पाँच मिनट के भीतर एम्बुलेंस पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया.
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