मल्लिकार्जुन खड़गे के चैंबर में घुसपैठ! विशेषाधिकारों का उल्लंघन बता जगदीप धनखड़ को लिखी चिट्ठी 

रूपक प्रियदर्शी

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Mallikarjun Kharge
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Mallikarjun Kharge: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ से विपक्ष की लड़ाई कोई नई बात तो रही नहीं. कोई संसद सत्र ऐसा नहीं जाता जब लोकसभा और राज्यसभा में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की झड़प न होती रही. अब जो हुआ है उसने मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस को हैरान-परेशान कर दिया है. इसका खुलासा तब हुआ जब खड़गे ने उपसभापति जगदीप धनखड़ को शिकायत चिट्ठी भेजी. आइए आपको बताते हैं आखिर क्या हुआ?

बिना बताए खड़गे के चैंबर में घुसे कई लोग

लोकसभा में राहुल गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे विपक्ष के नेता हैं. इस नाते दोनों को अलग-अलग चैंबर मिले हुए है. खड़गे को रूम नंबर G- 19 मिला हुआ है जो न्यू पार्लियामेंट बिल्डिंग में है. खड़गे ने दावा किया कि 28 सितंबर को बिना बताए अचानक CISF, CPWD और टाटा प्रोजेक्ट्स के लोग चैंबर में घुस आए. चैंबर में घुसने के लिए न तो परमिशन ली, न घुसने की इन्फॉर्मेशन खड़गे को या न उनके ऑफिस को दी गई. ये भी पता नहीं चला कि ये लोग खड़गे के चैंबर में घुसे क्यों?

मल्लिकार्जुन खड़गे ने धनखड़ से शिकायत की कि जो हुआ वो पूरी तरह नियमों का उल्लंघन है. सांसद और विपक्ष के नेता के विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया गया. खड़गे ने राज्यसभा चेयरमैन से पूछा है कि, किसने भेजा और किसने इसकी इजाजत दी. बिना किसी जानकारी, इजाजत के CISF, CPWD, टाटा प्रोजेक्ट्स के चैंबर में घुसने को खड़गे ने अतिक्रमण बताया. हालांकि उन्होंने ऐसी कोई शिकायत तो नहीं की लेकिन उनकी शिकायत में शक का भाव है. 

खड़गे के चैंबर में होती है विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठकें 

लोकसभा में विपक्ष के नेता संसद के विपक्ष के नेता माने जाते हैं जो इस समय राहुल गांधी हैं. जब राहुल गांधी को विपक्ष के नेता का दर्जा नहीं मिला था तब से मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा से विपक्ष के नेता के रोल में थे. राहुल के विपक्ष के नेता बनने के बाद भी खड़गे का चैंबर ही विपक्ष का सेंटर होता है. संसद सत्र में रोज सुबह विपक्ष के फ्लोर लीडर्स खड़गे के ही चैंबर में इकट्ठा होते हैं और तय करते हैं कि आगे क्या करना है. जब संसद सत्र नहीं होता तब खड़गे का घर 10 राजाजी मार्ग विपक्ष की बैठकों का सेंटर होता है. 

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विपक्ष के नेता यानी कैबिनेट मंत्री रैंक बराबर दर्जा. फरवरी में सरकार ने मल्लिकार्जुन खड़गे की सुरक्षा बढ़ाकर जेड प्लस कर दी. CRPF के कमांडो उनकी सुरक्षा में तैनात रहते हैं. घर या घर से बाहर बिना CRPF के कमांडो के परिंदा भी पर नहीं मार सकता लेकिन संसद भवन के अंदर सुरक्षा संसद सिक्योरिटी की होती है.  

नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद  संसद की नई और पुरानी दोनों बिल्डिगों की जिम्मेदारी CISF को सौंपी गई. पहले CRPF के पास सुरक्षा का जिम्मा था. संसद भवन के अंदर सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी लोकसभा सचिवालय यानी ओम बिरला का स्पीकर करता है. खड़गे के चैंबर में CPWD, टाटा प्रोजेक्ट्स की टीम लेकर घुसी तो CISF लेकिन बिना पूछे या बताए चैंबर में घुसने का अधिकार उसे भी नहीं है. अभी तक ये साफ नहीं है कि खड़गे की शिकायत पर उपसभापति जगदीप धनखड़ ने क्या एक्शन लिया? आखिर तीन एजेंसियों ने खड़गे के चैंबर में जाने का मकसद क्या था?

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