रतन टाटा के निधन पर शोक में डूबा पूरा देश, पढ़िए इनकी जिंदगी के शानदार सफर की पूरी दास्तां

कीर्ति राजोरा

09 Oct 2024 (अपडेटेड: Oct 10 2024 12:39 AM)

Ratan Tata: रतना टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे. उन्होंने गुरुवार रात मुंबई के ब्रीच केंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली. आइए जानते हैं उनकी जिंदगी की दांस्ता जिसके बारे में कई लोग नहीं जानते होंगे.

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Ratan Tata Health: देश के सबसे बड़े दानवीर कहे जाने वाले शख्स रतन टाटा नहीं रहे. 86 साल की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली. रतन टाटा लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने आखिरी सांस मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में ली. रतन टाटा बहुत सारे लोगों के लिए सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं, आइडियल थे.  रतन टाटा की सफलता, शोहरत, और दानवीरता की कहानियां हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. लेकिन, रतन टाटा की जिन्दगी का एक ऐसा पहलू भी था जो अधूरा रह गया—उनका प्यार. उनका यह अधूरा प्रेम और अकेलापन, उनके जीवन का वो खाली कोना है, जो कभी नहीं भर पाया.

टाटा ग्रुप का विस्तार

रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने विस्तार किया और हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई.  आज टाटा का नाम नमक से लेकर चाय, पानी, घड़ी, ज्वेलरी, और यहां तक कि हवाई जहाज तक फैला है. उन्होंने अपनी 66% कमाई डोनेट में देकर अपने समाजसेवी स्वभाव को सिद्ध किया.

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रतन टाटा का अधूरा प्रेम

रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की. लेकिन उनका जीवन चार बार प्यार की दहलीज तक पहुंचा. पर किस्मत ने उन्हें हर बार रोका. एक बार उन्हें अमेरिका में रहते हुए प्यार हुआ, लेकिन परिवार के दबाव और भारत-चीन युद्ध के कारण वह रिश्ता अधूरा रह गया. वो लड़की चीन से थी. इस लड़की का चीन से संबंध होने के कारण रतन टाटा का परिवार इस शादी के पक्ष में नहीं था.  इस तरह उनका पहला प्रेम अधूरा रह गया.

इसके बाद, बॉलीवुड अभिनेत्री सिमी ग्रेवाल के साथ उनका नाम जुड़ा. दोनों लंबे समय तक रिश्ते में रहे, लेकिन वह रिश्ता भी आगे नहीं बढ़ पाया. सिमी ने खुद एक इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया और रतन टाटा की खूब तारीफ की थी. लेकिन इस प्रेम कहानी का भी अंत हुआ और सिमी की शादी किसी और से हो गई, जो ज्यादा समय तक टिक नहीं पाई.

टाटा का बिजनेस और चुनौतियां

रतन टाटा की जिंदगी में बिजनेस के मोर्चे पर भी कई उतार-चढ़ाव आए. 1998 में टाटा मोटर्स की पहली स्वदेशी कार, टाटा इंडिका, उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी. इससे कंपनी घाटे में चली गई. अमेरिका में बिल फोर्ड ने रतन टाटा का अपमान किया. लेकिन समय पलटा और 2008 में मंदी के दौरान रतन टाटा ने फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर को खरीद लिया. हालांकि, नैनो कार का सपना मिडिल क्लास के लिए साकार नहीं हो पाया. रतन टाटा का यह प्रोजेक्ट भी अधूरा रह गया.

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रतन टाटा: एक आदर्श 

रतन टाटा सिर्फ एक बिजनेसमैन नहीं, बल्कि सादगी से भरे इंसान थे. वे हमेशा अपने कर्मचारियों और देशवासियों के लिए खड़े रहते थे, चाहे वो मुंबई 26/11 का अटैक हो या कोरोना महामारी. देश के उच्च नागरिक सम्मान, पद्म विभूषण और पद्म भूषण से रतन टाटा को सम्मानित किया गया.

2012 में दे दिया अध्यक्ष पद से इस्तीफा

28 दिसंबर 1937 को बॉम्बे में ब्रिटिश काल के दौरान जन्मे रतन टाटा, टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते और नवल टाटा और सूनी कमिसारीट के बेटे थे. जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब वे अलग हो गए थे. उसके बाद उन्हें उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद ले लिया था. रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा के साथ हुआ, जो उनके पिता नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे हैं.

1991 में जब जेआरडी टाटा ने टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया, तो उन्होंने रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी बनाया गया. उनके 21 साल के कार्यकाल के दौरान, रेवेन्यू में 40 गुना से ज्यादा बढ़ा और प्रॉफिट में 50 गुना से भी ऊपर पहुंच गया. 75 वर्ष की आयु पूरी करने पर रतन टाटा ने 28 दिसंबर 2012 को टाटा संस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. 

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