धनंजय मुंडे ने अपनी राजनीति की शुरुआत जिस बीजेपी के साथ शुरू की थी उसी बीजेपी के कारण राजनीति चौपट होने के कगार पर पहुंच गई. जिस अजित पवार के लिए कभी शरद पवार को छोड़ा था उन्होंने भी आंखें मूंद कर मुंह फेर लिया. इसके लिए जिम्मेदार तो खुद धनंजय मुंडे हैं. बीजेपी औऱ अजित पवार का रोल तो बस इतना है कि उसने धनंजय मुंडे के साथ, धनंजय मुंडे के साथ खड़ा होना मंजूर नहीं किया. धनंजय मुंडे पर एक गंभीर आरोप लगा. न कोर्ट में सुनवाई हुई, न चार्जशीट हुई, न सजा हुई. सिर्फ आरोप के कारण धनंजय महाराष्ट्र के ताकवर मंत्री से बस विधायक बनकर रह गए. आगे न जाने क्या होगा. महाराष्ट्र के सबसे ताकतवर परिवार से होने के बाद भी धनंजय मुंडे अब बेहद कमजोर पिच पर अकेले बैटिंग करने के लिए मजबूर हुए हैं. देश की राजनीति की आज की सबसे चर्चित घटना है खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री धनंजय मुंडे का इस्तीफा. इसीलिए हमारे शो के चर्चित चेहरा बने हैं धनंजय मुंडे जिनकी कहानी है फर्श से अर्श तक पहुंचने, फिर अर्श से फर्श पर लौटने की. घर-परिवार से लेकर राजनीतिक करियर-धनंजय मुंडे का सब दांव पर लगा है. क्या है पूरा मामला बताएंगे कि क्यों तीन महीने पहले हुई एक मौत के चलते नप गए धनंजय मुंडे, क्यों छिनी मंत्री की कुर्सी और क्या है बाहर वाली की ये कहानी...
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