मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंज़ूरे खुदा होता है...इसी बात का सही और सटीक एग्जांपल दे रहा है पंजाब का वो कपल, जिन्होंने आग के दरिए को पार कर नया मुकाम हासिल किया है. दरअसल हम बात कर रहे हैं कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी नवजोत कौर की. पिछले साल मार्च में जब सिद्धू को पता लगा कि उनकी हमसफर ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई है तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उनकी दुनिया मानों Up Side Down हो गई कि जिस लड़की के साथ जिंदगी बिताने के लिए उन्होंने जमीन-आसमान एक कर सालों स्कूटर से उनके घर और कॉलेज के चक्कर काटे, दोस्तों को चिकन खिला-खिला कर अपनी जेब खाली कराई. अब वही हमसफर ऐसी जानलेवा बीमारी से जूझ रही है, ये उनकी दुआओं का ही असर है कि आज डेढ़ साल बाद नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजौत कौर कैंसर मुक्त हो चुकी हैं..ये कहानी है उस लव स्टोरी की जिसमें सिद्धू अपनी पत्नी के लिए ढाल बनकर खड़े रहे. आज चर्चित चेहरा में कहानी इसी खास लव स्टोरी की...
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2 साल तक कौर की हां का इंतजार करते रहे सिद्धू
शुरूआत शुरू से करते हैं और जरा फ्लैशबैक में चलते हैं. नवजोत सिंह सिद्धू जिस अंदाज में नवजोत कौर सिद्धू के प्यार में पड़े, उस पर बॉलीवुड की मसाला फिल्म भी बन सकती है. सिद्धू का नवजोत के लिए प्यार लव ऐट फर्स्ट साइट वाला प्यार था. जिस समय सिद्धू का प्यार परवान चढ़ा था, उस समय नवजोत कौर MBBS की पढ़ाई कर रही थीं, सिद्धू उसी दौरान उनके प्यार में पड़ गए थे. इस बात का खुलासा कपल ने द कपिल शर्मा शो में किया था और बताया था कि जब नवजोत कौर मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर छुट्टी के वक्त निकलती थी, तब सिद्धू कॉलेज के गेट पर घंटों तक उनका इंतजार किया करते थे और नवजौत कौर का पीछा करते-करते उनके घर तक चले जाते थे. इस तरह पटियाला के चिकेन शॉप पर सिद्धू रोजाना जाते, वहां किसी न किसी दोस्त को चिकेन खिलाने के बहाने खुद खड़े होकर नवजोत कौर का इंतजार किया करते थे. कौर अपनी सहेली के साथ जैसे ही दुकान के पास से निकलती थीं वो उनके पीछे-पीछे चलने लगते थे और पीछे चलते-चलते बोलते थे कि हां कर दो, हां कर दो, लेकिन नवजोत कौर ना, ना कहते हुए आगे निकल जाती थीं.
कौर ने खोले शेरू के राज
ये सिलसिला करीब दो सालों तक यूहीं चलता रहा और फिर आखिरकार कौर ने सिद्धू से शादी करने के लिए हां कर दी.. लेकिन अब जब सिद्धू को इंतजार कराया गया तो इसका खामियाजा भी उन्होंने नवजोत कौर से भरवा ही लिया. शादी से पहले अनोखी शर्त रख दी कि जब तक पत्री नहीं मिलेगी शादी नहीं होगी. लेकिन जब जन्म पत्री मिली तो दोनों के 36 के 36 गुण मिल गए और दोनों ने परिवार की सहमति से शादी कर ली. इस शादी से दोनों के 2 बच्चे हुए एक बेटी राबिया और बेटा करण. दोनों के शादी के किस्से के बारे में कौर ने एक बार बताया था कि शादी के बाद जब उनकी डॉक्टर सहेलियां या रिश्तेदार घर पर आते थे तब सिद्धू शर्माते थे और उनसे मिलना नहीं चाहते थे. कई बार वो बाथरूम में ही छिप जाया करते थे तो वहीं सिद्धू ने बताया था कि जब उनकी पत्नी को कुछ खरीदना होता है तो ये मुझे शेरू, शेरू के नाम से पुकारती हैं. जब मुझे ये इस नाम से बुलाती हैं तो मैं समझ जाता हूं कि अब बस जेब खाली ही होने वाली है. कुल मिलाकर दोनों की लवस्टोरी कैंसर के आने तक अच्छी ही चल रही थी लेकिन अब एक बार फिर दोनों ने अपने प्यार के आड़े आई हर मुसीबत से पार पा लिया.
बीते दिनों नवजोत सिंह सिद्धू ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कैसे पत्नी की जान कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बची..राजनीति, टीवी शो से दूर रहे. कैंसर फ्री होने का जश्न भी हंसते-गाते-गुनगुनाते, शेरो-शायरी करते मना रहे हैं.. लेकिन सिद्धू पति पत्नी ने कैंसर को हराने की जो कहानी सुनाई उसे मेडिकल fraternity हजम नहीं कर पा रही है. सिद्धू ने दावा किया कि नींबू पानी, कच्ची हल्दी, सेब का सिरका, नीम की पत्तियां, तुलसी, अनार, आंवला, चुकंदर, अखरोट जैसी चीजें खाकर नवजोत कौर कैंसर से फ्री हो गईं. पैसे भी ज्यादा खर्च नहीं हुए.
नवजोत सिद्धू टीवी के भी बड़े स्टार हैं. कपिल शर्मा के हिट शो के होस्ट रहे. उनकी बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग हैं. नवजोत कौर कैंसर फ्री हुईं तो कपिल शर्मा ने दोनों को अपने शो में बुलाया. उस शो में भी सिद्धू ने कहानी दोहरा दी कि कैसे नीम, हल्दी, नींबू से कैंसर को हरा दिया. दावा करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू तो डॉक्टर नहीं हैं लेकिन मरीज नवजोत कौर खुद पेशे से डॉक्टर जरूर हैं. पंजाब सरकार के स्वास्थ्य विभाग में काम कर चुकी हैं. दोनों के दावों पर मामला इतना बढ़ा कि टाटा मेमोरियल के 262 कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को जनहित में लिखित बयान जारी करके अपील करनी पड़ी कि लोग अप्रमाणित उपचारों का पालन न करें. अपने इलाज में देरी न करें...
कौन हैं नवजोत कौर सिद्धू
15 जून 1963 में लुधियाना में जन्मी नवजोत कौर सिद्धू ने अपनी स्कूल की पढ़ाई लुधियाना के सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट स्कूल से पूरी की. पटियाला में 1981-85 के दौरान उन्होंने एमबीबीएस कम्पलीट किया. इसके बाद 1990-92 तक पटियाला के राजेंद्र अस्पताल से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन किया. फिर राजनीति में एंट्री करने के लिए जनवरी 2012 में पंजाब के स्वास्थ्य विभाग से इस्तीफा दे दिया था. अमृतसर ईस्ट से बीजेपी से एमएलए का टिकट मिला था. चुनाव जीतने के बाद वे बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड की मुख्य संसदीय सचिव का पद संभाला लेकिन 2016 में इस्तीफा दे दिया.. पंजाब की बादल सरकार में नवजोत कौर स्वास्थ्य मंत्री थीं. मंत्री रहते हुए उन्होंने कई सरकारी डॉक्टरों के प्राइवेट क्लिनिक पर वेश बदलकर छापा मारा था और उन्हें अंदर करवाया था.
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