Ranjeet Ranjan: संसद में पति-पत्नी का साथ काम करना कोई नया नहीं है. पप्पू यादव और रंजीत रंजन की जोड़ी इसलिए खास है कि दोनों अलग-अलग दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं. जहां पप्पू यादव एक निर्दलीय सांसद हैं, वहीं रंजीत रंजन कांग्रेस से राज्यसभा सांसद हैं. लोकसभा में जहां अखिलेश यादव और डिंपल यादव एक ही पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए एक-दूसरे के बगल में बैठते हैं, वहीं पप्पू और रंजीत अपने अलग-अलग राजनीतिक रुख के कारण चर्चा में बने रहते हैं.
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लॉरेंस बिश्नोई के विवाद के बाद हुआ खुलासा
सलमान खान को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से मिली धमकी के बाद जब पप्पू यादव ने खुलकर लॉरेंस को चुनौती दी, तो मीडिया में उनकी चर्चा होने लगी. इस मुद्दे पर बात करते हुए रंजीत रंजन ने मीडिया से साफ किया कि पप्पू यादव के बयान से उनका और उनके बच्चों का कोई संबंध नहीं है. उन्होंने खुलासा किया कि भले ही वे पप्पू की पत्नी हैं, लेकिन पिछले डेढ़-दो सालों से दोनों एक-दूसरे से अलग रह रहे हैं. हालांकि उन्होंने तलाक की बात नहीं की, पर उन्होंने यह जरूर बताया कि दोनों के बीच का रिश्ता अब खत्म हो चुका है.
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प्रेम कहानी जो बनी चर्चा का विषय
पप्पू और रंजीत की प्रेम कहानी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं. 1991 में, जब पप्पू यादव जेल में थे, तब उन्होंने रंजीत को पहली बार देखा. रंजीत उस समय एक नेशनल लेवल टेनिस खिलाड़ी थीं और पंजाब यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थीं. पप्पू ने उन्हें पटना क्लब में देखा और उनसे मिलने की कोशिशें शुरू कर दीं. उन्होंने रंजीत के भाई विक्की से दोस्ती की और रंजीत से मिलने के बहाने तलाशने लगे. दो साल तक चले इस संघर्ष के बाद रंजीत के परिवार ने अंततः शादी के लिए हां कहा, और 1994 में दोनों की शादी संपन्न हुई. यह शादी बिहार में काफी चर्चा का विषय रही, और इसमें कई बड़े नेता भी शामिल हुए.
राजनीतिक सफर और रिश्ते में बढ़ती दूरियां
राजनीति में आने के बाद दोनों का जीवन और भी व्यस्त हो गया. रंजीत रंजन कांग्रेस पार्टी की एक प्रभावशाली नेता हैं और राहुल गांधी तथा मल्लिकार्जुन खरगे की करीबी मानी जाती हैं. उनकी प्रभावशाली छवि की झलक 2016 में मिली जब वे अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हार्ले डेविडसन बाइक चलाते हुए संसद पहुंचीं. उनका बयान कि वे अपने पति को पीछे बैठाकर सवारी कराती हैं, उस समय सुर्खियों में रहा. उनका यह कदम महिला सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया और उन्हें एक मजबूत महिला नेता के रूप में स्थापित कर गया.
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वक्त के साथ बदलते रिश्ते
संसद की वेबसाइट के अनुसार आज भी दोनों का दिल्ली का एड्रेस एक ही है, लेकिन अलगाव की खबरें सामने आ रही हैं. रंजीत ने स्पष्ट किया कि पप्पू यादव के बयानों का उनकी जिंदगी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लॉरेंस बिश्नोई से पप्पू के विवाद के बाद जब रंजीत ने यह बात सार्वजनिक की, तो लोगों को लगा कि वह इन धमकियों को लेकर सतर्क हैं. इसके अलावा, पप्पू यादव ने भी सार्वजनिक मंचों पर रंजीत से जुड़े सवालों को टालना शुरू कर दिया है.
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