गो तस्करी के नाम पर मारे गए आर्यन मिश्रा को लेकर बवाल, पढ़ें हरियाणा की हिंसक वारदात की पूरी कहानी

News Tak Desk

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तस्वीर: न्यूज तक.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मकान मालकिन और उनके बेटों के साथ 23 अगस्त की रात मैगी खाने निकला था आर्यन.

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गौ रक्षकों ने आर्यन और उसके दोस्तों को गौ तस्कर समझकर पीछा किया.

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असदुद्दीन आवैसी ने ट्वीट कर कहा- मिश्रा को मुसलमान समझ लिया.

हरियाणा (Haryana news) के पलवल में 12वीं के छात्र को गौ तस्कर समझकर 30 किलोमीटर तक पीछा कर गोली मारने का मामला सामने आया है. मामले में हरियाणा पुलिस के सामने 5 आरोपियों ने सरेंडर किया है. इधर इस केस से जुड़ा एक सीसीटीवी भी सामने आया है जिसमें छात्र आर्यन मिश्रा (Aryan mishra murder case) की कार का पीछा करती हुई एक स्विफ्ट कार नजर आ रही है. मामले में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी सोशल मीडिया 'X' पर गो रक्षकों पर हमला बोला है. 

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर कहा- 'हरियाणा में बारवी में पढ़ने वाले आर्यन मिश्रा को मुसलमान समझ कर गौ-रक्षकों ने गोली मार कर क़त्ल कर दिया।कुछ ही दिन पहले @NayabSainiBJP ने अपने सरकार की नीति साफ़ कर दी थी, उन्होंने कहा था के गौ रक्षा के नाम पर हो रहे आतंक को कौन रोक सकता था। आर्यन, साबिर, नसीर और जुनैद की मौत के ज़िम्मेदार हरियाणा की भाजपा सरकार भी है।'

ये है पूरा मामला

ये वाकया 23 अगस्त को हरियाणा के पलवल का है. फरीदाबाद के रहने वाले 12वीं का छात्र आर्यन मिश्रा अपने दोस्त हर्षित और शैंकी के अलावा दो महिलाओं के साथ रात में मैगी खाने के लिए बाहर निकला. आरोप है कि कुछ लोगों ने आर्यन का पीछा करना शुरू किया. करीब 30 किमी तक उसका पीछा किया और गढ़पुरी टोल के पास गोली चला दी. जिससे आर्यन की मौत हो गई. 

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गो तस्करी की आशंका में चलाई गोली- आरोपी

पुलिस का दावा है कि उनकी पूछताछ में आरोपी अनिल कौशिक, वरुण, कृष्णा, आदेश और सौरभ ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि संदिग्ध गो तस्कर एसयूवी कार में घूम रहे हैं. आरोपियों की नजर आर्यन मिश्रा और उसके दोस्तों पर पड़ी. उन्हें लगा कि यही तस्कर हैं. आरोपियों ने उनका पीछा करना शुरू किया. करीब 30 किलोमीटर तक आर्यन की कार का पीछा किया. 

गाड़ी रोकी फिर भी सीने में मार दी गोली

आरोपियों ने बताया कि उन्होंने कार रोकने को कहा. इधर उसने कार की गति और तेज बढ़ा दी. आर्यन के मकान मालिक का लड़का हर्षित लाल रंग की रेनॉल्ड डस्टर कार चला रहा था और आर्यन उसके बगल वाली सीट पर बैठा था. शैंकी और हर्षित की मां श्वेता गुलाटी के अलावा एक अन्य महिला पीछे बैठी थीं.

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करीब 25 किलोमीटर तक गाड़ी चलाने के बाद हर्षित टोल प्लाजा पर बैरियर तोड़कर आगे निकल गया. तभी हमलावरों ने स्विफ्ट कार से आर्यन की गाड़ी पर गोलियां चलानी शुरू कर दिया. एक गोली पीछे से कांच को तोड़ती हुई आर्यन को जा लगी. आर्यन को गोली लगते ही हर्षित ने कार रोक दी. बावजूद इसके आरोपियों ने आर्यन के सीने में एक और गोली दाग ​​दी. 

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महिलाओं को देखकर भागे आरोपी

बताया जा रहा है कि जब कार रुकी तो आरोपियों ने आर्यन के सीने में गोली मारी. जब उनकी नजर कार में बैठीं महिलाओं पर पड़ी तो उन्हें लग गया कि उनसे गलती हो गई. उन्होंने किसी और गोली मार दी. ऐसे में वे वहां से चले गए. इसके बाद आर्यन को फरीदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 24 अगस्त को उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. 

आर्यन के पिता बोले- किसने दिया इन्हें गोली चलाने का अधिकार?

मृतक आर्यन के पिता सियानंद मिश्रा से से न्यूज एजेंसी ANI ने बात की. उन्होंने सवाल उठाया कि सीने में गोली क्यों मारी. ये अधिकार सरकार ने दिया है तो क्यों दिया है. गौरक्षकों को ये अधिकार किसने दिया है कि किसी का पीछा करें और गोली चला दें. मकान मालिक के बेटे और पत्नी बेटे को ले गए थे. गाड़ी में कीर्ति शर्मा, हर्षित, शौंकी और उनकी मम्मी थीं. अब आरोपी खुद बयान कर रहा है कि मेरे से गलती से गोली लगी. मैं आरोपी से पूछना चाहता हूं कि दूसरी गोली कैसे लगी?

 

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