MP के उच्च शिक्षा मंत्री का 'अमेरिका की खोज' वाला बयान वायरल, इतिहासकारों ने माथा पकड़ लिया

अभिषेक शर्मा

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Higher Education Minister Inder Singh Parmar
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने एक बयान की वजह से देशभर में चर्चित हो गए हैं.

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मंत्री इंदर सिंह परमार का कहना है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं की थी.

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इनके अनुसार अमेरिका की खोज भारत में रहने वाले पूर्वजों ने की थी.

MP Higher Education Minister: मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने एक बयान की वजह से देशभर में चर्चित हो गए हैं. इनका कहना है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं बल्कि देश के पूर्वजों ने की थी. वह भोपाल स्थित कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे. मंत्री इंदर सिंह परमार यहीं नहीं रुके, वे बोले 'इतिहासकारों ने हमारे बच्चों को गलत ज्ञान दिया है. सही जानकारी तो यही है कि अमेरिका की खोज कोलंबस ने नहीं बल्कि हमारे पूर्वजों ने की थी. यह जानकारी आज के सभी बच्चों को पढ़ाना जरूरी है'.

मंत्री के इस बयान के बाद पूरे हॉल में पिन ड्रॉप साइलेंट हो गया, क्योंकि हॉल में मौजूद छात्र-छात्राएं, प्रोफेसर से लेकर खुद सीएम मोहन यादव तक यह जानकारी पहली बार अपने ही उच्च शिक्षा मंत्री के जरिए सुन रहे थे. मंत्री इंदर सिंह परमार ने आगे कहा कि 'कोलंबस से हमारे विद्यार्थियों का कुछ लेना-देना नहीं था. अगर इतिहास लिखना ही था तो ये लिखते कि कैसे कोलंबस के बाद के लोगों ने अमेरिका के वनवासियों पर अत्याचार किए. अमेरिका के वनवासी प्रकृति पूजक थे. वे भगवान सूर्य की उपासना करते थे. लेकिन कोलंबस के बाद के लोगों ने वहां धर्म परिवर्तन भी कराए'.

अब सवाल खड़ा होता है कि यदि कोलंबस ने अमेरिका की खोज नहीं की थी तो वो कौन सा भारतीय पूर्वज है, जिसने यह महान काम किया था. मंत्री जी के पास इसका भी जवाब था. मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि आठवी शताब्दी में भारत का महानाविक वसूलन ने अमेरिका के सेंट डियागो गया था. वहां जाकर उसने कई मंदिर बनवाए. ये सारे तथ्य सेंट डियागो के संग्रहालय और लाइब्रेरी में मौजूद हैं.

माया संस्कृति का हिस्सा बनकर भारतीयों ने कराए विकास कार्य: इंदर सिंह परमार

अभी कई ऐसी जानकारियां बाकी थीं जो मंत्री इंदर सिंह परमार देने वाले थे. मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि भारतीय पूर्वजों ने जब अमेरिका की खोज कर ली, तो वहां जाकर उन्होंने उस समय चलने वाली माया संस्कृति के साथ मिलकर उनके विकास में अपना सहयोग दिया था. यही भारत का चिंतन और दर्शन है, जिसे विद्यार्थियों को पढ़ाने की जरूरत है. इस कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव भी मौजूद थे. अब मंत्री इंदर सिंह परमार जो कुछ भी इस समारोह में बोल गए, उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है. सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर कई मीम्स भी बनाए जा रहे हैं. फिलहाल मध्यप्रदेश सरकार ने अपने उच्च शिक्षा मंत्री के इस ताजा ज्ञान को लेकर कोई सफाई पेश नहीं की है.

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