मध्य प्रदेश में लाड़ली बहनों के लिए खुशखबरी: 22वीं किस्त जारी, होली से पहले मिला तोहफा
Ladli Behna Yojana 2025: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर "लाड़ली बहना योजना" की 22वीं किस्त जारी कर महिलाओं को बड़ी सौगात दी है. इस बार होली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तय समय से पहले यह राशि ट्रांसफर की है.
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Ladli Behna Yojana 2025: मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर "लाड़ली बहना योजना" की 22वीं किस्त जारी कर महिलाओं को बड़ी सौगात दी है. इस बार होली के त्योहार को ध्यान में रखते हुए सरकार ने तय समय से पहले यह राशि ट्रांसफर की है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल से एक सिंगल क्लिक के जरिए 1.27 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में 1552.73 करोड़ रुपये भेजे हैं. इसके साथ ही गैस सिलेंडर के लिए 450 रुपये की अतिरिक्त सहायता भी दी गई है.
समय से पहले क्यों आई किस्त?
आमतौर पर लाड़ली बहना योजना की किस्त हर महीने की 10 तारीख को जारी होती है. लेकिन त्योहारों और खास मौकों पर पहले भी समय से पहले राशि ट्रांसफर कर चुकी है. इस बार महिला दिवस और होली के चलते 8 मार्च को ही यह किस्त जारी कर दी गई. पहले भी महाशिवरात्रि, नवरात्रि और दिवाली जैसे अवसरों पर सरकार ने ऐसा किया जा चुका है. जिससे महिलाओं को उत्सव की तैयारियों में मदद मिल सके.
क्या मिला लाड़ली बहनों को?
इस योजना के तहत हर महीने 1250 रुपये सीधे महिलाओं के बैंक खातों में पहुंचते हैं, जो सालाना 15,000 रुपये की आर्थिक मदद बनती है. 22वीं किस्त के साथ-साथ स्व-सहायता समूहों को बैंक ऋण, प्रशिक्षित बेटियों को नियुक्ति पत्र और 200 ई-साइकिल का वितरण भी किया गया.
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सीएम मोहन यादव ने दी जानकारी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर इसकी जानकारी साझा की. उन्होंने लिखा, "महिला दिवस पर लाड़ली बहनों के लिए सम्मान और स्वाभिमान की 22वीं किस्त जारी की गई है. यह राशि 8 मार्च को आपके खातों में पहुंचेगी."
लाड़ली बहना योजना का महत्व
मध्य प्रदेश सरकार की यह योजना राज्य की महिलाओं के लिए सबसे अहम योजनाओं में से एक है. इसका मकसद आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को सपोर्ट करना और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाना है. अब तक 22 किस्तों के जरिए लाखों महिलाओं को लाभ पहुंचाया जा चुका है. खास बात यह है कि गैस सिलेंडर के लिए दी जाने वाली 450 रुपये की मदद से महिलाओं का घरेलू खर्च भी कम हो रहा है.
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